ज्ञान व धन प्रदान करने वाले लक्ष्मी गणपति शब्द का अर्थ है – लक्ष्मी और गणेश का संयुक्त रूप. लक्ष्मी को धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माना जाता है, जबकि गणेश को ज्ञान, विघ्नहर्ता और शुभ शुरुआत के देवता के रूप में पूजा जाता है। इन दोनों देवताओं को अक्सर एक साथ पूजा जाता है, क्योंकि माना जाता है कि ज्ञान (गणेश) धन प्राप्ति (लक्ष्मी) के लिए आवश्यक है। लक्ष्मी गणेश की संयुक्त पूजा आर्थिक समृद्धि और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति के लिए की जाती है।
लक्ष्मी गणेश मंत्र और उसका अर्थ
मंत्र:
॥ॐ श्री गं सौम्याय गणपतये वरवरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा॥ OM SHREEM GAMM SAUMYAAY GANAPATAYE VARA VARAD SARVAJANAM ME VASHAMAANAY SVAHA.
अर्थ:
“ॐ” अनंत ऊर्जा का प्रतीक है, “श्री” लक्ष्मी जी का बीज मंत्र है, “गं” गणेश जी का बीज मंत्र है, “सौम्याय” का अर्थ है सौम्य और शांति प्रदान करने वाला, “गणपतये” गणेश जी को संदर्भित करता है, “वरवरद” का अर्थ है वर देने वाला, “सर्वजनं मे वशमानय” का अर्थ है सभी को अपने वश में करना, और “स्वाहा” मंत्र के समापन का प्रतीक है। इस मंत्र का अर्थ है लक्ष्मी और गणेश जी की कृपा से सभी को वश में करना और समृद्धि प्राप्त करना।
लक्ष्मी गणेश मंत्र के लाभ
- आकर्षण शक्ति: लोगों को आकर्षित करने की क्षमता बढ़ती है।
- आर्थिक बाधा: सभी प्रकार की आर्थिक समस्याओं का समाधान।
- व्यापार में उन्नति: व्यापार में सफलता और उन्नति।
- नौकरी में पदोन्नति: नौकरी में तरक्की और पदोन्नति।
- इंटरव्यू में सफलता: इंटरव्यू में सफलता प्राप्त करना।
- प्रभावित करने की क्षमता: लोगों को प्रभावित करने की शक्ति।
- क्लेश मुक्ति: घरेलू क्लेश और विवादों का समाधान।
- मानसिक शक्ति: मानसिक शक्ति और संकल्प शक्ति में वृद्धि।
- आध्यात्मिक शक्ति: आध्यात्मिक ऊर्जा और ज्ञान में वृद्धि।
- गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति।
- परिवार में सुख शांति: परिवार में सुख और शांति का वातावरण।
- विघ्न बाधा: जीवन में आने वाली विघ्न बाधाओं से मुक्ति।
- आर्थिक सुरक्षा: आर्थिक सुरक्षा और स्थिरता।
- कर्ज मुक्ति: कर्ज से मुक्ति और वित्तीय स्वतंत्रता।
- सफलता: सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करना।
- समृद्धि: समृद्धि और धन की प्राप्ति।
- शांति: मानसिक और आध्यात्मिक शांति।
- स्वास्थ्य: स्वास्थ्य में सुधार।
- समाज में प्रतिष्ठा: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा।
- संकट मोचन: जीवन के संकटों से मुक्ति।
लक्ष्मी गणेश मंत्र सामग्री
- लक्ष्मी गणेश की प्रतिमा या चित्र
- लाल और पीला वस्त्र
- कुमकुम और चावल
- सुपारी और पान
- नारियल
- मोदक और मिठाई
- धूप और दीप
- पुष्प (विशेषकर लाल और पीले फूल)
- घी का दीपक
- सिक्के और आभूषण
लक्ष्मी गणेश मंत्र मुहूर्त, दिन, और अवधि
- मुहूर्त: शुभ मुहूर्त का चयन करें, जैसे कि दीपावली या अक्षय तृतीया।
- दिन: शुक्रवार और बुधवार का दिन लक्ष्मी गणेश की पूजा के लिए उत्तम माना जाता है।
- अवधि: इस मंत्र का जप कम से कम 21 दिन तक प्रतिदिन 108 बार करना चाहिए।
लक्ष्मी गणेश मंत्र सावधानियां
- शुद्धता: पूजा और मंत्र जप के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें।
- मन की शांति: मन को शांत और एकाग्र रखें।
- समय: प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
- भक्ति: सच्ची भक्ति और विश्वास के साथ मंत्र जप करें।
- आसन: पूजा के दौरान एक साफ आसन का प्रयोग करें।
लक्ष्मी गणेश मंत्र- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- लक्ष्मी गणेश की पूजा क्यों महत्वपूर्ण है?
- लक्ष्मी गणेश की पूजा आर्थिक समृद्धि और सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण है।
- लक्ष्मी गणेश मंत्र कब जपना चाहिए?
- इस मंत्र का जप शुक्रवार और बुधवार को करना सबसे शुभ होता है।
- इस मंत्र का जप कैसे करना चाहिए?
- शुद्धता और एकाग्रता के साथ, कम से कम 108 बार प्रतिदिन जप करें।
- क्या लक्ष्मी गणेश मंत्र केवल आर्थिक समृद्धि के लिए है?
- नहीं, यह मंत्र सभी प्रकार की बाधाओं, विवादों, और मानसिक शांति के लिए भी लाभकारी है।
- क्या इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याएं दूर कर सकता है?
- हां, इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।
- लक्ष्मी गणेश की पूजा के लिए कौन सा फूल सबसे अच्छा है?
- लाल और पीले फूल लक्ष्मी गणेश की पूजा के लिए उत्तम माने जाते हैं।
- क्या इस मंत्र का जप तांत्रिक बाधाओं से सुरक्षा करता है?
- हां, यह मंत्र तांत्रिक बाधाओं और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- क्या इस मंत्र का जप किसी विशेष समय पर करना चाहिए?
- हां, सुबह या संध्या के समय इस मंत्र का जप सबसे अच्छा होता है।
- इस मंत्र का जप कितने दिन तक करना चाहिए?
- कम से कम 21 दिन तक नियमित रूप से इस मंत्र का जप करना चाहिए।
- क्या लक्ष्मी गणेश की पूजा में मोदक का भोग लगाना चाहिए?
- हां, मोदक गणेश जी को बहुत प्रिय है और इसका भोग लगाना चाहिए।
- क्या इस मंत्र का जप कर्ज से मुक्ति दिला सकता है?
- हां, इस मंत्र का जप कर्ज से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
- क्या इस मंत्र का जप क्लेश मुक्ति में सहायक है?
- हां, यह मंत्र गृह क्लेश और विवादों को दूर करने में मदद करता है।
- क्या इस मंत्र का जप आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है?
- हां, यह मंत्र आध्यात्मिक ऊर्जा और शक्ति को बढ़ाता है।
- क्या इस मंत्र का जप मानसिक शक्ति बढ़ाता है?
- हां, यह मंत्र मानसिक शक्ति और आत्म-विश्वास को बढ़ाता है।
- क्या इस मंत्र का जप विघ्न बाधा से सुरक्षा करता है?
- हां, यह मंत्र विघ्नों और बाधाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।