Neelkanth Mantra for Removing obstacles
पाप, तंत्र बाधा व अचानक आने वाली समस्या से बचाने वाली श्री नीलकंठ भगवान शिव के प्रमुख स्वरूप माने जाते है। नीलकंठ का अर्थ है “नीले गले वाला“। भगवान शिव ने समुद्र मंथन के दौरान निकले हुए विष को पी लिया था, जिसके कारण उनका गला नीला हो गया था। नीलकंठ महादेव भगवान शिव का एक विशेष रूप है। समुद्र मंथन के समय जब हलाहल विष निकला, तो पूरे संसार को बचाने के लिए भगवान शिव ने उस विष का पान कर लिया। उनके कंठ में विष रुक जाने के कारण उनका कंठ नीला हो गया, और तभी से उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। नीलकंठ महादेव का पूजन और उनके मंत्र का जाप व्यक्ति को बुराईयों से बचाता है और जीवन में शांति और समृद्धि लाता है।
नीलकंठ मंत्र
“॥ॐ ह्रौं नीलकंठाय महादेवाय ह्रौं नम॥” ||OM HROUM NEELKANTHAAY MAHAADEVAAY HROUM NAMAHA||
यह मंत्र हर तरह के विघ्न समस्याओं का सामना करने की हिम्मत प्रदान करता है।
नीलकंठ मंत्र साधना के लिए सामग्री
- चंदन की माला: जप के लिए
- घी का दीपक: दीप प्रज्वलित करने के लिए
- कपूर: आरती के लिए
- पुष्प: पुष्पांजलि के लिए
- धूप: वातावरण को सुगंधित करने के लिए
- जल और चावल: आचमन और अर्पण के लिए
नीलकंठ मंत्र जप विधि
- स्नान:
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- आसन:
- पूर्व दिशा की ओर मुख कर शुद्ध आसन पर बैठें।
- आरती और दीप प्रज्वलन:
- दीपक जलाएं और भगवान शिव की आरती करें।
- ध्यान:
- आंखें बंद कर भगवान शिव का ध्यान करें।
- मंत्र जप:
- चंदन की माला लेकर “ॐ नीलकंठाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्र: प्रचोदयात्॥” मंत्र का जप करें। प्रत्येक माला में 108 बार मंत्र जपें।
- प्रसाद अर्पण:
- मंत्र जप के बाद शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा को पुष्प, जल, और प्रसाद अर्पण करें।
नीलकंठ मंत्र -दिन और अवधि
- दिन: सोमवार और त्रयोदशी (प्रदोष व्रत)
- अवधि: सुबह और संध्या (अर्ध्य/संध्योपासना) समय सबसे उत्तम माने जाते हैं।
नीलकंठ मंत्र – सावधानियां
- स्वच्छता:
- साधना के समय शारीरिक और मानसिक स्वच्छता का ध्यान रखें।
- सकारात्मकता:
- जप के समय मन में केवल सकारात्मक विचार रखें।
- समय:
- नियमित समय पर ही जप करें, असमय ना करें।
- धैर्य:
- धैर्य और श्रद्धा के साथ जप करें, अधीर ना हों।
- आहार:
- साधना के दौरान शुद्ध और सात्विक आहार ग्रहण करें।
नीलकंठ मंत्र के लाभ
- सुरक्षा:
- नीलकंठ मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियों और बुराईयों से सुरक्षित रखता है।
- स्वास्थ्य:
- इस मंत्र के जप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- धन-समृद्धि:
- व्यक्ति को आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है।
- शत्रु नाश:
- शत्रुओं और विरोधियों से रक्षा होती है।
- मानसिक शांति:
- मानसिक तनाव और चिंता दूर होती है।
- पारिवारिक सुख:
- परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- संतान सुख:
- संतान प्राप्ति और उनकी समृद्धि के लिए यह मंत्र अत्यंत लाभकारी है।
- साहस और शक्ति:
- व्यक्ति को साहस और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति:
- आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता में वृद्धि होती है।
- दुर्घटना से सुरक्षा:
- दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
- दीर्घायु:
- लंबी और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
- सकारात्मक ऊर्जा:
- जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- विवाह में सफलता:
- विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण होता है।
- रोगों से मुक्ति:
- गंभीर बिमारियों और शारीरिक कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- समृद्ध जीवन:
- भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- समस्याओं का निवारण:
- जीवन की सभी समस्याओं का समाधान होता है।
- वाणी में मधुरता:
- व्यक्ति की वाणी में मधुरता आती है।
- संतोष:
- मन में संतोष और शांति का अनुभव होता है।
- सर्वसिद्धि:
- सभी कार्यों में सफलता और सिद्धि प्राप्त होती है।
- भय निवारण:
- हर प्रकार के भय से मुक्ति मिलती है।
नीलकंठ मंत्र – FAQs
- नीलकंठ महादेव कौन हैं?
- नीलकंठ महादेव भगवान शिव का एक विशेष रूप हैं जिन्होंने समुद्र मंथन के समय हलाहल विष का पान किया था।
- नीलकंठ मंत्र क्या है?
- यह भगवान शिव का एक शक्तिशाली मंत्र है जो जीवन में सुरक्षा और समृद्धि लाता है।
- मंत्र जप का सही समय क्या है?
- प्रातःकाल और संध्याकाल में जप करना सबसे उत्तम होता है।
- क्या इस मंत्र का जप कोई भी कर सकता है?
- हां, लेकिन 20 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्ति के लिए इसे करने की सलाह दी जाती है।
- क्या नीलकंठ मंत्र से सुरक्षा मिलती है?
- हां, यह मंत्र व्यक्ति को हर प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षित रखता है।
- दुर्घटना से बचाव के लिए कैसे करें?
- दुर्घटनाओं से बचाव के लिए नियमित रूप से इस मंत्र का जप करें।
- क्या यह मंत्र गंभीर बिमारियों से मुक्ति दिलाता है?
- हां, इस मंत्र का जप गंभीर बिमारियों से मुक्ति दिलाता है।
- मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
- चंदन की माला, घी का दीपक, कपूर, पुष्प, धूप, जल और चावल की आवश्यकता होती है।
- इस मंत्र का कितनी बार जप करना चाहिए?
- प्रति दिन कम से कम 108 बार (एक माला) जप करना चाहिए।
- क्या इस मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त होती है?
- हां, इस मंत्र का जप मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है।
- क्या नीलकंठ मंत्र से रोगों से सुरक्षा मिलती है?
- हां, यह मंत्र शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति दिलाता है।
- क्या इस मंत्र का जप पारिवारिक सुख बनाए रखता है?
- हां, यह मंत्र परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनाए रखता है।
- क्या इस मंत्र से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है?
- हां, इस मंत्र से वित्तीय स्थिति में सुधार होता है और संपत्ति में वृद्धि होती है।
- क्या इस मंत्र से शत्रु नाश होता है?
- हां, इस मंत्र का जप शत्रुओं और विरोधियों से सुरक्षा देता है।
- क्या इस मंत्र का जप घर में शांति बनाए रखता है?
- हां, घर में शांति और सद्भावना बनी रहती है।