संगीत व कला के क्षेत्र मे सफलता देने वाली दिवाकरमुखी किन्नरी साधना एक विशेष प्रकार की साधना है जिसमें व्यक्ति को दिवाकर मुखी किन्नरी देवी की कृपा और आशीर्वाद से सुंदरता, आकर्षण और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस साधना का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अपनी सुंदरता और आकर्षण में वृद्धि करना है। साधना के दौरान आपको माला के साथ मंत्र का जाप करना होगा और उन्हें समर्पित भाव से करना होगा। इसके अलावा, आपको नियमित रूप से साधना का अभ्यास करना होगा ताकि आप इसके अधिक लाभ प्राप्त कर सकें।
दिवाकर मुखी किन्नरी साधना के लाभ
- आध्यात्मिक उन्नति: साधना से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह आत्म-साक्षात्कार की दिशा में प्रगति करता है।
- आंतरिक शक्ति का विकास: इस साधना से साधक की आंतरिक शक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- ज्ञान और बौद्धिक विकास: साधना से बौद्धिक क्षमता और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- मन की शुद्धता: साधना से मन की शुद्धता प्राप्त होती है, जिससे नकारात्मक विचार और भावनाएं समाप्त होती हैं।
- ध्यान में एकाग्रता: साधना के अभ्यास से ध्यान की एकाग्रता और गहराई में सुधार होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: साधना के माध्यम से साधक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- दिव्य दृष्टि का विकास: साधना से दिव्य दृष्टि और आध्यात्मिक जागरूकता का विकास होता है।
- रोगों से मुक्ति: साधना के नियमित अभ्यास से साधक को कई शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
- कर्म बाधाओं का नाश: साधना से साधक के जीवन में कर्म बाधाओं का नाश होता है और उसे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- आध्यात्मिक मार्गदर्शन: साधना से साधक को आंतरिक और दिव्य मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
- दृढ़ संकल्प और आत्मसंयम: साधना के अभ्यास से साधक में दृढ़ संकल्प और आत्मसंयम की क्षमता विकसित होती है।
- वाणी में प्रभावशीलता: साधना से वाणी में प्रभावशीलता और मधुरता आती है।
- सामाजिक प्रतिष्ठा: साधना के माध्यम से साधक को समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा प्राप्त होती है।
- रचनात्मकता का विकास: साधना से रचनात्मकता और सृजनात्मक शक्ति का विकास होता है।
- विपरीत परिस्थितियों में स्थिरता: साधना से विपरीत परिस्थितियों में मानसिक स्थिरता और साहस मिलता है।
- जीवन में संतुलन: साधना से साधक के जीवन में संतुलन और शांति आती है।
- ईश्वरीय अनुग्रह: साधना से साधक को ईश्वरीय अनुग्रह और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सपनों की स्पष्टता: साधना से साधक के सपनों में स्पष्टता और दिव्य संदेश प्राप्त होते हैं।
- आध्यात्मिक समुदाय से जुड़ाव: साधना के माध्यम से साधक आध्यात्मिक समुदाय से जुड़ता है और उसे समर्थन प्राप्त होता है।
- जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण: साधना से जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है, जिससे साधक अपने जीवन में संतोष और शांति प्राप्त करता है।
दिवाकर मुखी किन्नरी साधना मुहूर्त
- दिन: शुक्रवार, अक्षय तृतीया, गुरु पुष्य नक्षत्र
- समय: रात 9 बजे के बाद
- साधना स्थल: पूजा स्थल, कोई शांतिपूर्ण कमरा
- साधना अवधि: 11 दिन, 21 दिन
- साधना मंत्र: प्रतिदिन 11/21 माला
- दिशा: उत्तर और पश्चिम
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दिवाकर मुखी किन्नरी साधना से जुड़े सामान्य प्रश्न
- दिवाकर मुखी किन्नरी साधना क्या है?
यह एक तांत्रिक साधना है जिसमें दिवाकर मुखी किन्नरी देवी की उपासना की जाती है, जो साधक को आध्यात्मिक उन्नति और दिव्य शक्तियों की प्राप्ति के लिए की जाती है। - इस साधना को कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति जो आध्यात्मिक उन्नति और आत्म-साक्षात्कार की इच्छा रखता है, इस साधना को कर सकता है। - साधना का उचित समय क्या है?
साधना के लिए सुबह का समय (ब्रह्म मुहूर्त) और सूर्यास्त के समय को सबसे उपयुक्त माना जाता है। - साधना के लिए क्या विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है?
साधना से पहले साधक को पवित्रता और मानसिक शांति बनाए रखनी चाहिए। पूजा के स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए। - क्या इस साधना के लिए गुरु की आवश्यकता होती है?
हाँ, इस साधना को सही ढंग से करने के लिए गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक होता है, क्योंकि यह एक गूढ़ साधना है। - साधना कितने समय तक करनी चाहिए?
साधना की अवधि साधक की क्षमता और साधना के प्रकार पर निर्भर करती है। इसे गुरु की सलाह पर निर्धारित किया जाना चाहिए। - क्या साधना के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करना चाहिए?
हाँ, साधना के दौरान संबंधित मंत्रों का जाप करना चाहिए, जो गुरु द्वारा प्रदान किया गया हो। - साधना के दौरान आहार कैसा होना चाहिए?
साधना के दौरान सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए और तामसिक पदार्थों से बचना चाहिए। - क्या साधना से मानसिक शांति मिलती है?
हाँ, साधना से मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है। - साधना के दौरान ध्यान कैसे किया जाए?
ध्यान के दौरान दिवाकर मुखी किन्नरी देवी के रूप का ध्यान करें और मन को एकाग्र रखें। - क्या साधना के लिए विशेष दिशा का पालन करना चाहिए?
साधना करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना उपयुक्त होता है। - साधना के बाद क्या किया जाना चाहिए?
साधना के बाद गुरु और देवी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए और कुछ समय के लिए ध्यान करना चाहिए। - क्या साधना करने से स्वास्थ्य में सुधार होता है?
साधना से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, क्योंकि यह मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करती है। - साधना के दौरान क्या सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
साधना के दौरान शुद्धता बनाए रखें, नकारात्मक विचारों से बचें, और किसी भी प्रकार की अशुद्धि से दूर रहें। - क्या साधना को नियमित रूप से करना आवश्यक है?
हाँ, साधना को नियमित रूप से करने से अधिक लाभ प्राप्त होता है और साधना के प्रभाव को लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है।
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