64 yogini chalisa paath for wish

मन की इच्छा पूरी करने वाली माता के ६४ योगिनी चालीसा का पाठ लगातार ४० दिन करे तो कई लाभ मिलते हैं जैसे कि:

  1. भगवती का आशीर्वाद: यह चालीसा भगवती की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होती है।
  2. रोगनिवारण: इसका पाठ करने से रोगों की निवारण में सहायता मिलती है।
  3. भूत-प्रेत निवारण: यह चालीसा भूत-प्रेतों से बचाव के लिए भी प्रभावी मानी जाती है।
  4. सुख-शांति: इसका पाठ करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
  5. धन-समृद्धि: यह चालीसा धन समृद्धि में सहायक होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार करती है।
  6. शत्रु नाश: इसका पाठ करने से शत्रुओं का नाश हो सकता है और आपको सुरक्षित रखता है।
  7. मनोबल: यह चालीसा मानसिक बल को बढ़ाने में मदद कर सकती है और मन को शांत और स्थिर रखती है।
  8. विवाह में आसानी: इसका पाठ करने से विवाह के लिए सहायक शक्ति प्राप्त होती है।
  9. सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना: यह चालीसा सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवती की कृपा की प्रार्थना करने में मदद करती है।
  10. अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम करना: यह चालीसा अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने में सहायक होती है और जीवन में स्थिरता और सुख-शांति का संदेश देती है।

६४ योगिनी चालीसा पाठ

सूरजमुखी बूडिया रे, भानुमुखी बूडिया रे।
ग्रहमुखी बूडिया रे, रुद्रमुखी बूडिया रे॥
चंद्रमुखी बूडिया रे, भैरवमुखी बूडिया रे।
कालीमुखी बूडिया रे, शीतलमुखी बूडिया रे॥

चौभिस योगिनियां चली, कलाक्षी महाकाली।
सम्पूर्ण मस्तक हारी, महाकाली चालीसा गावती॥

कुंभिनी चंडिका, दंडिनी चंडिका।
मुण्डिनी चंडिका, ज्वालिनी चंडिका॥
कपालिनी चंडिका, कूपिनी चंडिका।
कच्छालिनी चंडिका, श्वालिनी चंडिका॥

स्त्री को संतुष्ट करी, विश्व को संतुष्ट करी।
विज्ञान के रहस्य भेदी, शून्य भूमंडल में जाकर गुप्त चेतना से भरी॥

चिंता न करी महाकाली, साधु संत सब कुछ जानती।
जग में विकल जन पर, उन्मत्त संहारी॥

अज्ञान तिमिर दूर कर, प्रभाती महाकाली।
जय जय महाकाली, कलिकाल हारी॥

यह ६४ योगिनी चालीसा भगवान शिव और उनकी योगिनियों की महिमा का गुणगान करती है और भक्त को भगवान की कृपा प्राप्ति में सहायक होती है। यह चालीसा सुख, समृद्धि, और शक्ति की प्राप्ति में सहायक होती है।

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