मन की इच्छा पूरी करने वाली माता के ६४ योगिनी चालीसा, आदि शक्ति और उनकी योगिनियों की महिमा का गुणगान करती है और भक्त को सभी योगनियों की कृपा मिलती है। यह चालीसा सुख, समृद्धि, और शक्ति की प्राप्ति में सहायक होती है।
लाभ
- भगवती का आशीर्वाद: यह चालीसा भगवती की कृपा और आशीर्वाद को प्राप्त करने में सहायक होती है।
- रोगनिवारण: इसका पाठ करने से रोगों की निवारण में सहायता मिलती है।
- भूत-प्रेत निवारण: यह चालीसा भूत-प्रेतों से बचाव के लिए भी प्रभावी मानी जाती है।
- सुख-शांति: इसका पाठ करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है।
- धन-समृद्धि: यह चालीसा धन समृद्धि में सहायक होती है और आर्थिक स्थिति में सुधार करती है।
- शत्रु नाश: इसका पाठ करने से शत्रुओं का नाश हो सकता है और आपको सुरक्षित रखता है।
- मनोबल: यह चालीसा मानसिक बल को बढ़ाने में मदद कर सकती है और मन को शांत और स्थिर रखती है।
- विवाह में आसानी: इसका पाठ करने से विवाह के लिए सहायक शक्ति प्राप्त होती है।
- सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना: यह चालीसा सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए भगवती की कृपा की प्रार्थना करने में मदद करती है।
- अशुभ ग्रहों का प्रभाव कम करना: यह चालीसा अशुभ ग्रहों के प्रभाव को कम करने में सहायक होती है और जीवन में स्थिरता और सुख-शांति का संदेश देती है।
६४ योगिनी चालीसा पाठ
सूरजमुखी बूडिया रे, भानुमुखी बूडिया रे।
ग्रहमुखी बूडिया रे, रुद्रमुखी बूडिया रे॥
चंद्रमुखी बूडिया रे, भैरवमुखी बूडिया रे।
कालीमुखी बूडिया रे, शीतलमुखी बूडिया रे॥
चौभिस योगिनियां चली, कलाक्षी महाकाली।
सम्पूर्ण मस्तक हारी, महाकाली चालीसा गावती॥
कुंभिनी चंडिका, दंडिनी चंडिका।
मुण्डिनी चंडिका, ज्वालिनी चंडिका॥
कपालिनी चंडिका, कूपिनी चंडिका।
कच्छालिनी चंडिका, श्वालिनी चंडिका॥
स्त्री को संतुष्ट करी, विश्व को संतुष्ट करी।
विज्ञान के रहस्य भेदी, शून्य भूमंडल में जाकर गुप्त चेतना से भरी॥
चिंता न करी महाकाली, साधु संत सब कुछ जानती।
जग में विकल जन पर, उन्मत्त संहारी॥
अज्ञान तिमिर दूर कर, प्रभाती महाकाली।
जय जय महाकाली, कलिकाल हारी॥
६४ योगिनी चालीसा पृश्न उत्तर
१. ६४ योगिनी कौन होती हैं?
६४ योगिनी तांत्रिक परंपरा की ६४ देवियाँ होती हैं जो महाशक्ति की विभिन्न रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
२. ६४ योगिनी चालीसा का क्या महत्व है?
यह चालीसा योगिनियों की महिमा और उनकी शक्ति का गुणगान करती है और साधकों को उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करती है।
३. ६४ योगिनी चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
इस चालीसा का पाठ किसी भी शुभ मुहूर्त में किया जा सकता है, विशेषकर नवरात्रि या अन्य देवी पर्वों पर।
४. क्या ६४ योगिनी चालीसा का पाठ विशेष विधि से किया जाता है?
हाँ, यह पाठ तांत्रिक विधियों के साथ किया जाता है, जिसमें दीप प्रज्वलित करना, विशेष मंत्रों का उच्चारण और अन्य तांत्रिक क्रियाएँ शामिल हैं।
५. क्या ६४ योगिनी चालीसा का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है?
हाँ, इसे किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन शुक्रवार और मंगलवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
६. ६४ योगिनी चालीसा का पाठ करने के क्या लाभ हैं?
इसके पाठ से व्यक्ति को तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति, आत्मविश्वास में वृद्धि, मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है।
७. क्या ६४ योगिनी चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
हाँ, इसे समूह में भी किया जा सकता है, जिससे सामूहिक ऊर्जा का संचार होता है और साधना अधिक प्रभावी होती है।
८. क्या ६४ योगिनी चालीसा का पाठ करने के लिए किसी विशेष स्थान की आवश्यकता होती है?
हाँ, यह पाठ शुद्ध और पवित्र स्थान पर किया जाना चाहिए, जैसे मंदिर, पूजा कक्ष, या किसी शुद्ध तांत्रिक स्थल पर।
९. क्या ६४ योगिनी चालीसा का पाठ किसी विशेष माला से किया जाता है?
रुद्राक्ष या स्फटिक माला का उपयोग इस चालीसा के पाठ में अधिक प्रभावी माना जाता है।