पंचांगुली रक्षा मंत्र: संकटों से सुरक्षा का अचूक उपाय
पंचांगुली रक्षा मंत्र व्यक्ति को आने वाले संकटों का पूर्व आभास देने वाला और हर तरह की सुरक्षा प्रदान करने वाला दिव्य मंत्र है। यह मंत्र शत्रु, तंत्र बाधा, ऊपरी बाधा, शरीर की सुरक्षा, हादसों और दुर्घटनाओं से बचाने में सहायक है। मंत्र के नियमित जप से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार होता है।
विनियोग मंत्र व उसका अर्थ
विनियोग मंत्र:
“ॐ पंचांगुली देवतायै नमः।”
अर्थ: यह मंत्र पंचांगुली देवी को समर्पित है। इसके उच्चारण से व्यक्ति देवी का आह्वान करता है और उनसे सुरक्षा की प्रार्थना करता है।
पंचांगुली रक्षा मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
“ॐ ह्रीं पंचांगुली मम् शरीरे सर्व अरिष्ठान नमः ठः ठः स्वाहा।”
मंत्र का संपूर्ण अर्थ:
यह मंत्र देवी पंचांगुली को समर्पित है, जो अपने साधक के शरीर, मन और आत्मा की हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा, तंत्र बाधा और अनिष्ट प्रभाव से रक्षा करती हैं।
- ॐ: यह परमात्मा और ब्रह्मांड की अनंत ऊर्जा का प्रतीक है।
- ह्रीं: यह बीज मंत्र साधक की आंतरिक शक्ति और दिव्यता को जागृत करता है।
- पंचांगुली: देवी पंचांगुली का आह्वान, जो पांच अंगुलियों के प्रतीक स्वरूप जीवन की सभी दिशाओं में सुरक्षा प्रदान करती हैं।
- मम् शरीरे: साधक के शरीर में हर प्रकार के संकट, बाधा और नकारात्मक ऊर्जा के निवारण का संकेत।
- सर्व अरिष्ठान: सभी प्रकार के अनिष्ट, जैसे तंत्र-मंत्र, ऊपरी बाधा और शत्रु प्रभाव।
- नमः: देवी के प्रति समर्पण और उनकी कृपा की याचना।
- ठः ठः: यह तांत्रिक ध्वनि शत्रु और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए शक्तिशाली है।
- स्वाहा: यह शब्द साधना को पूर्णता प्रदान करता है और साधक की प्रार्थना को देवी तक पहुंचाता है।
यह मंत्र देवी पंचांगुली के दिव्य रूप का आह्वान करता है और साधक को हर दिशा से पूर्ण सुरक्षा प्रदान करता है। नियमित जप से व्यक्ति के जीवन में आत्मविश्वास, सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक शांति का संचार होता है।
जप काल में इन चीजों का सेवन अधिक करें
- शुद्ध भोजन जैसे फल और दूध।
- तुलसी का सेवन।
- देशी घी से बना भोजन।
- जल का अधिक मात्रा में सेवन।
- सात्विक आहार रखें।
पंचांगुली रक्षा मंत्र के लाभ
- हर प्रकार की तंत्र बाधा से रक्षा।
- शत्रुओं का नाश।
- आने वाले संकट का पूर्व आभास।
- ऊपरी बाधाओं से सुरक्षा।
- दुर्घटनाओं से बचाव।
- आत्मविश्वास में वृद्धि।
- मानसिक शांति।
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार।
- पारिवारिक समस्याओं का समाधान।
- व्यापार में सुरक्षा।
- निर्णय क्षमता में सुधार।
- बुरी दृष्टि से रक्षा।
- बच्चों की सुरक्षा।
- यात्रा में सुरक्षा।
- आध्यात्मिक उन्नति।
- स्वास्थ्य में सुधार।
- धन-धान्य की वृद्धि।
- जीवन में सौभाग्य।
पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि
- सरसों का तेल।
- सफेद कागज और काली स्याही।
- सरसों के तेल का दीपक।
- साफ कपड़ा।
विधि:
- काली स्याही से मंत्र को सफेद कागज पर लिखें।
- इस कागज को सरसों के तेल से भरी कटोरी में रखें।
- कटोरी को सामने रखकर दीपक जलाएं।
- मंत्र का 25 मिनट तक जप करें।
- 11 दिन तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।
- अंत में तेल को सुरक्षित स्थान पर रखें।
मंत्र जप का दिन, अवधि व मुहूर्त
- शुभ मुहूर्त में जप करें।
- रोज 25 मिनट तक जप करें।
- 11 दिन तक नियमित रूप से मंत्र का जप करें।
सामग्री
- शुद्ध जल।
- सफेद वस्त्र।
- सरसों का तेल।
- साफ जगह।
नियम
- उम्र 20 वर्ष से ऊपर हो।
- पुरुष या स्त्री कोई भी जप कर सकता है।
- काले या नीले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान व मांसाहार न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप सावधानियां
- पूजा स्थल साफ हो।
- मन को एकाग्र रखें।
- जप के दौरान कोई व्यवधान न हो।
- अपवित्र वस्त्र या स्थान पर न बैठें।
प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: पंचांगुली रक्षा मंत्र किसे करना चाहिए?
उत्तर: हर वह व्यक्ति जो सुरक्षा चाहता है।
प्रश्न 2: यह मंत्र कब जपें?
उत्तर: सुबह के शुभ मुहूर्त में।
प्रश्न 3: क्या स्त्रियां इसे जप सकती हैं?
उत्तर: हां, स्त्रियां भी जप कर सकती हैं।
प्रश्न 4: क्या यह तंत्र बाधा से बचाता है?
उत्तर: हां, यह तंत्र बाधा से रक्षा करता है।
प्रश्न 5: क्या खाने में प्रतिबंध है?
उत्तर: मांसाहार और तामसिक भोजन न करें।
प्रश्न 6: मंत्र कितने दिन जपें?
उत्तर: 11 दिन तक।
प्रश्न 7: क्या दीपक आवश्यक है?
उत्तर: हां, सरसों के तेल का दीपक।
प्रश्न 8: क्या इसे समूह में जप सकते हैं?
उत्तर: व्यक्तिगत रूप से करना अधिक प्रभावी है।
प्रश्न 9: क्या यह हर समस्या का समाधान है?
उत्तर: हां, सुरक्षा और आत्मविश्वास बढ़ाने में सहायक है।
प्रश्न 10: क्या इसका अन्य उपयोग है?
उत्तर: हां, नकारात्मक ऊर्जा हटाने में।
प्रश्न 11: मंत्र किस भाषा में जपें?
उत्तर: संस्कृत।
प्रश्न 12: मंत्र में कितने शब्द हैं?
उत्तर: 11 शब्द।