Friday, November 22, 2024

Buy now

spot_img
spot_img

भगवान कृष्ण / Krishna mantra devotion & peace

समृद्धि व सफलता दिलाने वाले भगवान विष्णु ८वे अवतार भगवान श्रीकृष्ण है. धर्म की रक्षा के लिए वे समय-समय पर पृथ्वी पर अवतार लेते हैं। इन अवतारों को “विष्णु के दशावतार” के नाम से जाना जाता है। इन दशावतारों में से आठवां अवतार भगवान श्रीकृष्ण हैं। ये गीता के वक्ता, गोपियों के प्रेमी, अर्जुन के सारथी और महाभारत के नायक हैं। श्री कृष्ण को उनके बाल्यकाल के लीलाओं, रासलीला, और गीता उपदेश के लिए जाना जाता है। उनका जन्मोत्सव, जन्माष्टमी, बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।

श्री कृष्ण मंत्र और उसका अर्थ

श्री कृष्ण मंत्र:
॥ॐ क्लीं कृष्णाय नमः॥

मंत्र का अर्थ:

  • ” – ब्रह्मांड की मूल ध्वनि, जो सब कुछ में व्याप्त है।
  • क्लीं” – आकर्षण, प्रेम और समृद्धि का बीज मंत्र।
  • कृष्णाय” – भगवान कृष्ण को।
  • नमः” – प्रणाम और समर्पण।

इस मंत्र का उच्चारण करते समय हम भगवान श्री कृष्ण को नमस्कार करते हैं और उनसे आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

श्री कृष्ण मंत्र के लाभ

  1. आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  2. धार्मिक भावना: भक्ति और धार्मिक भावना को प्रबल बनाता है।
  3. प्रेम और संबंध: प्रेम और संबंधों में मधुरता लाता है।
  4. शांति: मन को शांति और सुकून प्रदान करता है।
  5. सकारात्मकता: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  6. समृद्धि: आर्थिक स्थिति को सुधारता है और समृद्धि लाता है।
  7. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करता है।
  8. धैर्य: धैर्य और सहनशीलता में वृद्धि करता है।
  9. विवेक: विवेक और बुद्धि में वृद्धि करता है।
  10. शत्रुओं से रक्षा: शत्रुओं और विरोधियों से रक्षा करता है।
  11. सुखद जीवन: जीवन को सुखद और आनंदमय बनाता है।
  12. कर्म सिद्धि: सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  13. ज्ञान वृद्धि: ज्ञान और विद्या में वृद्धि करता है।
  14. आकर्षण शक्ति: व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभावशाली बनाता है।
  15. संकल्प शक्ति: संकल्प शक्ति में वृद्धि करता है।
  16. भय मुक्ति: सभी प्रकार के भय और असुरक्षा की भावना को दूर करता है।
  17. परिवार में सुख: परिवार में सुख और शांति लाता है।
  18. विघ्न बाधा मुक्ति: जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है।
  19. पाप मुक्ति: पापों से मुक्ति दिलाता है।
  20. भक्ति: भक्ति और श्रद्धा में वृद्धि करता है।

श्री कृष्ण मंत्र जाप विधि

मंत्र जाप का दिन

  • श्री कृष्ण मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन सोमवार, बुधवार और जन्माष्टमी का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है।

अवधि

  • मंत्र जाप की अवधि कम से कम 21 दिनों की होनी चाहिए।

मुहूर्त

  • मंत्र जाप का सबसे उत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) होता है।

श्री कृष्ण मंत्र जाप के नियम

  1. शुद्धता: मंत्र जाप के समय शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. आसन: एक स्थिर और शांति वाले आसन पर बैठकर जाप करें।
  3. माला: तुलसी या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
  4. संकल्प: मंत्र जाप से पहले संकल्प करें।
  5. ध्यान: मन को एकाग्र करके ध्यान करें।
  6. नियमितता: नियमित रूप से जाप करें।
  7. समर्पण: पूरी श्रद्धा और भक्ति से जाप करें।
  8. वातावरण: शांति और सुकून वाले वातावरण में जाप करें।
  9. समय: हर दिन एक ही समय पर जाप करें।
  10. शुद्ध आहार: शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करें।
  11. आचरण: संयमित और नैतिक आचरण का पालन करें।
  12. धैर्य: धैर्यपूर्वक जाप करें।
  13. वाणी: शुद्ध और मधुर वाणी का प्रयोग करें।
  14. सकारात्मक सोच: सकारात्मक सोच और दृष्टिकोण रखें।
  15. विश्वास: मंत्र की शक्ति पर अटूट विश्वास रखें।

श्री कृष्ण मंत्र जाप सावधानियां

  1. नकारात्मक सोच: नकारात्मक सोच से बचें।
  2. अव्यवस्थित स्थान: अव्यवस्थित और शोरगुल वाले स्थान पर जाप न करें।
  3. विचलित मन: विचलित मन से जाप न करें।
  4. अविश्वास: मंत्र की शक्ति पर संदेह न करें।
  5. नियम भंग: जाप के नियमों का पालन अवश्य करें।
  6. बिना स्नान: बिना स्नान के मंत्र जाप न करें।
  7. अशुद्ध आहार: तामसिक और अशुद्ध आहार से बचें।
  8. देर रात: देर रात को जाप करने से बचें।
  9. अलसता: आलस और सुस्ती से बचें।
  10. अशुद्ध माला: अशुद्ध माला का प्रयोग न करें।
  11. अधीरता: जल्दीबाजी में जाप न करें।
  12. अशुद्ध वस्त्र: गंदे और अशुद्ध वस्त्र पहनकर जाप न करें।
  13. विवाद: विवाद और कलह से दूर रहें।
  14. लापरवाही: लापरवाही से जाप न करें।
  15. असंयम: संयम और धैर्य का पालन करें।

श्री कृष्ण मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

  1. श्री कृष्ण मंत्र क्या है?
    • श्री कृष्ण मंत्र भगवान श्री कृष्ण की स्तुति का एक पवित्र मंत्र है।
  2. श्री कृष्ण मंत्र का अर्थ क्या है?
    • इस मंत्र का अर्थ है भगवान श्री कृष्ण की शक्ति और शुद्धता का सम्मान।
  3. श्री कृष्ण मंत्र जाप का सबसे उत्तम समय क्या है?
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे)।
  4. कितने दिनों तक श्री कृष्ण मंत्र का जाप करना चाहिए?
    • कम से कम 21 दिनों तक।
  5. श्री कृष्ण मंत्र के लाभ क्या हैं?
    • शांति, सकारात्मकता, आध्यात्मिक उन्नति, स्वास्थ्य लाभ आदि।
  6. श्री कृष्ण मंत्र जाप के दौरान किस प्रकार की माला का प्रयोग करना चाहिए?
    • तुलसी या रुद्राक्ष की माला।
  7. श्री कृष्ण मंत्र जाप के लिए कौन सा दिन उत्तम होता है?
    • सोमवार, बुधवार और जन्माष्टमी का दिन।
  8. श्री कृष्ण मंत्र जाप करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
    • शुद्धता, संकल्प, धैर्य और नियमितता।
  9. श्री कृष्ण मंत्र जाप के लिए कौन सा आसन उत्तम होता है?
    • स्थिर और शांति वाला आसन।
  10. क्या बिना स्नान के श्री कृष्ण मंत्र का जाप किया जा सकता है?
    • नहीं, शुद्धता का ध्यान रखना आवश्यक है।
  11. श्री कृष्ण मंत्र जाप के दौरान क्या अशुद्ध आहार का सेवन किया जा सकता है?
    • नहीं, सात्विक और शुद्ध आहार का सेवन करना चाहिए।
  12. श्री कृष्ण मंत्र जाप के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए?
    • नकारात्मक सोच, अशुद्ध वस्त्र, अव्यवस्थित स्थान आदि।
  13. श्री कृष्ण मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
    • प्रतिदिन कम से कम 108 बार।
  14. क्या श्री कृष्ण मंत्र के जाप से परिवार में शांति और सुख आता है?
    • हां, यह मंत्र परिवार में सुख और शांति लाता है।
  15. श्री कृष्ण मंत्र जाप के बाद क्या करना चाहिए?
    • जाप के बाद ध्यान और प्रार्थना करें तथा धन्यवाद अर्पित करें।

श्री कृष्ण मंत्र का जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है, बल्कि जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भी सफलता दिलाता है। नियमित जाप और विधि का पालन करने से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

spot_img
spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

spot_img

Latest Articles

Shivir Bookingspot_img
Select your currency