गुप्त नवरात्रि 9 दिन 9 मंत्र – सम्पूर्ण रक्षा कवच
Gupt Navratri First Day गुप्त नवरात्रि तांत्रिक और आध्यात्मिक साधकों के लिए एक अत्यंत प्रभावशाली काल होता है। यह वह समय है जब देवी की रहस्यमयी शक्तियां पूर्ण जागृति में होती हैं, और साधक को सिद्धि प्राप्ति का श्रेष्ठ अवसर मिलता है। इस 9 दिवसीय साधना श्रृंखला में प्रत्येक दिन एक विशिष्ट मंत्र का प्रयोग कर सम्पूर्ण रक्षा कवच का निर्माण किया जा सकता है।
पहले दिन का मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः” – यह मंत्र माँ दुर्गा की मूलशक्ति को जागृत करता है। यह साधक के भीतर शक्ति, साहस और आत्मविश्वास का संचार करता है।
DivyaYogAshram द्वारा प्रस्तुत यह रक्षा साधना श्रृंखला आपको नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु बाधा, भूत-प्रेत, भय, रोग और दरिद्रता से मुक्ति दिलाकर जीवन में आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करती है।
प्रमुख लाभ
- अदृश्य नकारात्मक शक्तियों से रक्षा
- शारीरिक रोगों में शक्ति व शीघ्र स्वास्थ्य लाभ
- कार्यों में रुकावटों का निवारण
- मनोबल और आत्मविश्वास की वृद्धि
- भय, संकोच और मानसिक तनाव से मुक्ति
- ग्रह दोषों का शमन
- आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त
- व्यापार और नौकरी में बाधाओं का निवारण
- पारिवारिक कलह शांत होना
- रात्रि में भयावह स्वप्नों से मुक्ति
- शत्रुओं पर विजय प्राप्त करना
- मन की चंचलता पर नियंत्रण
- वाणी दोष और निर्णय क्षमता में वृद्धि
- धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति
- समस्त दिशाओं से सुरक्षात्मक आवरण का निर्माण
नियम (Niyam)
- ब्रह्ममुहूर्त में स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें
- एकांत स्थान में, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके साधना करें
- साधना के दौरान मौन व्रत का पालन करें
- 9 दिनों तक तामसिक भोजन न करें
- दीपक, अगरबत्ती, लाल पुष्प और जल से देवी का पूजन करें
- एक ही स्थान पर बैठकर नियमित रूप से मंत्र जाप करें
- संयम, श्रद्धा और विश्वास के साथ साधना करें
मुहूर्त (Muhurta)
- प्रारंभ तिथि: गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन ब्रह्ममुहूर्त
- श्रेष्ठ समय: प्रातः 4:00 से 6:00 बजे तक
- विशेष योग: अमृतसिद्धि योग, सर्वार्थसिद्धि योग, रवियोग में प्रारंभ अति शुभ
- दीपक: देशी घी का दीपक आवश्यक है
- स्थान: एकांत, शुद्ध और ऊर्जावान स्थान (साधना कक्ष)
मंत्र विधि (Mantra Vidhi)
- पूजा स्थान को शुद्ध कर देवी की प्रतिमा/चित्र स्थापित करें
- माँ को लाल पुष्प, अक्षत, कुमकुम, चंदन और जल अर्पित करें
- एक दीपक और धूप जलाएं
- आसन पर बैठकर आँखें बंद करें, ध्यान केंद्रित करें
- मंत्र “ॐ ह्रीं दुर्गायै नमः” का 108 बार जाप करें (रुद्राक्ष या स्फटिक माला से)
- जाप के पश्चात देवी से रक्षा और शक्ति की प्रार्थना करें
- प्रतिदिन एक ही समय पर यह क्रिया 9 दिन तक दोहराएं
महत्वपूर्ण प्रश्न
प्र.1: क्या यह मंत्र साधारण व्यक्ति कर सकता है?
उ.1: हां, श्रद्धा और नियम से कोई भी कर सकता है।
प्र.2: क्या इसे रात्रि में किया जा सकता है?
उ.2: दिन में करना श्रेष्ठ है, परंतु एक निश्चित समय तय कर सकते हैं।
प्र.3: क्या स्त्रियां इसे मासिक धर्म के दौरान कर सकती हैं?
उ.3: उस अवधि में साधना स्थगित रखें।
प्र.4: माला जरूरी है?
उ.4: हां, माला से जाप गिनती और ऊर्जा दोनों को नियंत्रित करता है।
प्र.5: मंत्र जाप के बाद क्या करें?
उ.5: देवी को धन्यवाद देकर मौन रहें या ध्यान करें।
प्र.6: क्या एक ही मंत्र 9 दिन किया जा सकता है?
उ.6: हां, लेकिन प्रत्येक दिन का विशेष मंत्र अधिक प्रभावशाली होता है।
प्र.7: अगर कोई दिन छूट जाए तो क्या करें?
उ.7: अगले दिन दोहरा सकते हैं, परंतु अनवरत साधना श्रेष्ठ मानी जाती है।