गुरु पूर्णिमा पर ये 1 मंत्र बदल देगा आपका भाग्य! जरूर जानें
Chant Guru Mantra – गुरु पूर्णिमा, भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत शुभ और आध्यात्मिक पर्व है, जब साधक अपने गुरु के चरणों में कृतज्ञता व्यक्त करते हैं और आत्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करते हैं। यह दिन केवल सम्मान का नहीं, बल्कि जीवन को दिशा देने का होता है। इस दिन उच्च कोटि की ऊर्जा प्रवाहित होती है जो सही मंत्र और विधि से साधक के भाग्य को जाग्रत कर सकती है।
“ॐ गुरवे नमः” जैसे सरल लेकिन प्रभावशाली मंत्रों का जाप इस दिन विशेष रूप से फलदायक होता है। यदि सही भाव, विधि और श्रद्धा से इस मंत्र का जाप किया जाए, तो यह हमारे जीवन में रुके हुए कार्यों को गति देता है, ज्ञान का द्वार खोलता है और कर्मों की ग्रंथियों को काटता है।
DivyayogAshram की परंपरा में, यह मंत्र गुरु ऊर्जा को आह्वान करने और जीवन की दिशा बदलने का सशक्त माध्यम माना गया है।
गुरु पूर्णिमा मंत्र और विधि
मंत्र:ॐ ऐं श्रीं गुं गुरवे नमः
( Om Aim Shreem Gumm Gurave Namah)
जप संख्या:
108 बार या 1080 बार (गुरु पूर्णिमा के दिन)
विधि:
- सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- सामने गुरु या अपने इष्टदेव का चित्र या प्रतीक रखें।
- दीपक जलाएं और चंदन या अगरबत्ती अर्पित करें।
- ध्यानपूर्वक “ॐ गुरवे नमः” मंत्र का जाप करें।
- मंत्र जाप के बाद गुरु के चरणों में प्रणाम करें और आशीर्वाद मांगें।
- गुरु दक्षिणा रूप में अन्न, वस्त्र, या पुस्तक दान करें।
चमत्कारी लाभ
- भाग्य जाग्रत होता है और रुकावटें दूर होती हैं।
- गुरु कृपा से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
- शिक्षा और करियर में तेज़ उन्नति होती है।
- मानसिक शांति और संतुलन आता है।
- आध्यात्मिक शक्तियों का विकास होता है।
- पुराने कर्मों के बंधन टूटते हैं।
- अच्छे मार्गदर्शक और सहयोगी जीवन में आते हैं।
- आध्यात्मिक रक्षा कवच बनता है।
- घर में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
- साधना में सफलता मिलने लगती है।
- गुरु तत्व से जुड़ाव होता है।
- अवसाद, चिंता और डर में राहत मिलती है।
- विवाह, संतान और धन संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
- इम्यूनिटी और स्वास्थ्य में सुधार आता है।
- जीवन के हर क्षेत्र में अद्भुत परिवर्तन आता है।
Frequently Asked Questions
Q1: क्या यह मंत्र सभी के लिए उपयोगी है?
हाँ, यह मंत्र सभी आयु और वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी है।
Q2: इस मंत्र को किस समय जपें?
गुरु पूर्णिमा के दिन सूर्योदय के बाद ब्रह्म मुहूर्त या सुबह 6 से 9 बजे के बीच सर्वोत्तम होता है।
Q3: क्या इस मंत्र को बिना दीक्षा के जप सकते हैं?
हाँ, “ॐ गुरवे नमः” सार्वभौमिक गुरु मंत्र है, इसे सभी लोग जप सकते हैं।
Q4: मंत्र जाप करते समय क्या कोई विशेष आसन आवश्यक है?
हाँ, कुशासन या ऊन का आसन शुभ माना जाता है।
Q5: क्या मंत्र जाप के बाद भोग या प्रसाद अर्पण करना जरूरी है?
हाँ, गुड़, फल या पंचामृत अर्पण कर सकते हैं।
Q6: क्या ऑनलाइन गुरु को भी प्रणाम किया जा सकता है?
हाँ, यदि आप ऑनलाइन गुरु से जुड़े हैं, तो उनके चित्र या ध्यान में उन्हें प्रणाम कर सकते हैं।
Q7: क्या इस मंत्र का नियमित जप किया जा सकता है?
हाँ, रोजाना 108 बार जपने से भी अत्यंत शुभ फल प्राप्त होते हैं।







