श्रावण मंगलवार हनुमान साधना: शत्रु शांती व मंगल दोष निवारण का सिद्ध उपाय
Shrawan Mangalwar Hanuman Sadhana – श्रावण मास के मंगलवार भगवान हनुमान की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। इस पवित्र काल में यदि कोई साधक पूर्ण श्रद्धा व नियमपूर्वक “ॐ हं हनुमते फ्रौं नमः” मंत्र का जप करता है, तो न केवल शत्रु बाधा समाप्त होती है, बल्कि मंगल दोष, कोर्ट-कचहरी, दुर्घटनाओं, मानसिक तनाव, डर, रक्त विकार, व ऊर्जा अवरोध जैसी समस्याओं का भी समाधान प्राप्त होता है।
हनुमान जी मंगल के स्वामी हैं और उनके इस तांत्रिक बीज मंत्र में “फ्रौं” बीज शक्तिशाली रक्षा ऊर्जा को सक्रिय करता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए अत्यंत प्रभावी है, जिन्हें जीवन में किसी छिपे शत्रु, तंत्र बाधा, कोर्ट केस, या ग्रह पीड़ा के कारण बार-बार समस्याएं आ रही हैं। रात्रि में नियमित 5 मंगलवार तक 11 माला मंत्र जप करने से हनुमत शक्ति जाग्रत होती है और साधक का तेज बढ़ता है।
यह प्रयोग सरल, सुरक्षित, और बिना किसी जटिल अनुष्ठान के किया जा सकता है। यदि पूर्ण आस्था से किया जाए, तो यह हनुमत साधना शत्रु को निरस्त करती है और मंगल दोष को शांत कर जीवन में आत्मबल, सुरक्षा और विजय का मार्ग खोलती है।
प्रमुख लाभ (Benefits)
- शत्रुओं से पूर्ण सुरक्षा
- छिपे दुश्मनों की शक्ति नष्ट होती है
- कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय
- मंगल दोष की शांति
- रक्त विकार व त्वचा रोग से राहत
- आत्मबल और साहस में वृद्धि
- आकस्मिक दुर्घटनाओं से रक्षा
- मानसिक तनाव और डर का निवारण
- तांत्रिक बाधाओं से मुक्ति
- बुरे स्वप्न और रात की बेचैनी से राहत
- कार्यों में रुकावट दूर होती है
- पराक्रम और आत्मविश्वास बढ़ता है
- लाल किताब दोषों में राहत
- राहु-शनि से उत्पन्न बाधाओं में लाभ
- घर व व्यापार स्थल की सुरक्षा
मंत्र एवं साधना विधि (Mantra & Vidhi)
मंत्र:ॐ हं हनुमते फ्रौं नमः
विधि:
- मंगलवार को प्रातः स्नान कर लाल वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थान पर हनुमान जी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- एक तांबे की थाली में लाल पुष्प, सिंदूर, तेल का दीपक व चना रखें।
- सामने बैठकर संकल्प लें – “मैं शत्रु व मंगल दोष निवारण हेतु यह साधना कर रहा/रही हूँ।”
- रुद्राक्ष माला से 11 माला “ॐ हं हनुमते फ्रौं नमः” मंत्र का जप करें।
- जप के पश्चात हनुमान जी को चमेली तेल व सिंदूर अर्पित करें।
- इस प्रक्रिया को लगातार 5 मंगलवार तक करें।
उपयुक्त मुहूर्त (Muhurat)
- श्रावण मास के मंगलवार
- दोपहर 12:00 से शाम 6:00 के बीच (मंगल काल)
- बजरंगबली का विशेष दिन – हनुमान जयंती, पूर्णिमा, अमावस्या
- विशेष प्रभाव हेतु: जन्मपत्री में मंगल दोष या शत्रु योग होने पर
नियम (Niyam)
- मंगलवार को ब्रह्मचर्य का पालन करें
- मांस, मद्य व तामसिक भोजन से परहेज़ करें
- लाल वस्त्र पहनें
- प्रतिदिन एक ही स्थान पर साधना करें
- क्रोध व असत्य से बचें
- मंत्र जप पूर्ण श्रद्धा से करें
- किसी भी साधना के दौरान मोबाइल या विघ्न से बचें
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सामान्य प्रश्न
- क्या स्त्रियाँ यह साधना कर सकती हैं?
हाँ, परंतु मासिक धर्म के दिनों में ना करें। - क्या मंत्र का उच्चारण तेज़ या मौन किया जा सकता है?
मौन या मंद स्वर में श्रद्धापूर्वक करें। - क्या केवल एक मंगलवार भी किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन 5 मंगलवार तक नियमित रूप से करने से सिद्धि तेज होती है। - क्या घर में करना उचित है?
हाँ, शुद्ध स्थान और निष्ठा आवश्यक है। - क्या हनुमान चालीसा के साथ कर सकते हैं?
अवश्य, यह ऊर्जा को और बढ़ाता है। - मंत्र जाप के बाद क्या करना चाहिए?
हनुमान जी को सिंदूर, गुड़ और चना अर्पित करें। - मंत्र से तुरंत लाभ दिखेगा या धीरे-धीरे?
साधना पर श्रद्धा, नियम और हनुमान जी की कृपा के अनुसार फल मिलता है।
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