दिवाली वाली रात, ये 1 चीज़ चोरी से रख दो… लक्ष्मी जी हो जाएंगी मेहमान
Attract Divine Fortune -दिवाली की रात वह पवित्र क्षण होती है जब लक्ष्मी जी स्वयं धरती पर विचरण करती हैं। यह वह रात्रि है जब धन, सौभाग्य और समृद्धि के द्वार खुलते हैं। बहुत से लोग दीयों, पूजा और मंत्रों से लक्ष्मी को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं, लेकिन कुछ विशेष रहस्य ऐसे भी हैं जो केवल जानने वालों को ही ज्ञात होते हैं।
DivyayogAshram के अनुसार, इस रात एक छोटा सा प्रयोग यदि श्रद्धा से किया जाए, तो देवी लक्ष्मी स्वयं आपके घर की अतिथि बन जाती हैं। यह प्रयोग न तो जटिल है, न समय लेने वाला — केवल भक्ति, विश्वास और मौन साधना की आवश्यकता है।
यह प्रयोग खास तौर पर उन लोगों के लिए है जो अपने जीवन में अचानक धन-वृद्धि, करियर में प्रगति, पारिवारिक सुख और ऋणमुक्ति चाहते हैं।
रहस्यपूर्ण प्रयोग – “वह एक चीज़ जो लक्ष्मी को बुलाती है”
दिवाली की रात जब चारों ओर दीप जल रहे हों, घर में धूप और कपूर की सुगंध फैली हो — तब रात्रि के 11:45 बजे यह छोटा प्रयोग करें।
वह वस्तु है — लाल कपड़े में रखे हुए 11 कौड़ियाँ (पीली या सफेद)।
इन कौड़ियों को लाल रेशमी कपड़े में बाँध लें। इसे देवी के सामने चुपचाप रख दें और किसी को न बताएं।
यह प्रयोग “गुप्त लक्ष्मी आवाहन प्रयोग” कहलाता है।
यह माना जाता है कि जब इसे बिना किसी को बताए, मौन में किया जाता है, तो देवी लक्ष्मी का सूक्ष्म रूप उसी घर में ठहरता है। अगले 21 दिनों में धन या अवसर के रूप में इसका परिणाम दिखने लगता है।
मंत्र और विधि (Mantra and Vidhi)
मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः॥”
विधि:
- सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ लाल वस्त्र पहनें।
- अपने पूजा स्थल को सुगंधित धूप या कपूर से शुद्ध करें।
- देवी लक्ष्मी की तस्वीर या मूर्ति के सामने लाल कपड़ा बिछाएं।
- उस पर 11 कौड़ियाँ रखें और उस पर हल्दी व सिंदूर का तिलक करें।
- दीपक में गाय का घी भरकर बत्ती जलाएं।
- फिर ऊपर दिए गए मंत्र का 108 बार जप करें।
- जप के बाद, वह लाल कपड़ा देवी के चरणों में रख दें।
- यह प्रयोग किसी को बताए बिना करें।
अगली सुबह, वह कपड़ा घर के तिजोरी के पास या उत्तर दिशा में रखें।
शुभ मुहूर्त (Muhurat)
दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन का सबसे उत्तम मुहूर्त रात्रि 11:15 बजे से 12:05 बजे तक होता है।
यदि इस समय साधना संभव न हो, तो 11:45 से 12:15 के बीच का काल “अर्धरात्रि महालक्ष्मी योग” कहलाता है — यह सबसे शक्तिशाली समय है।
नियम (Niyam)
- इस प्रयोग के दौरान मौन रखें, किसी से बात न करें।
- लाल या गुलाबी वस्त्र पहनें।
- कौड़ियों को किसी और को न दिखाएँ।
- अगले दिन उन्हें संभालकर रखें — यह “लक्ष्मी प्रतीक” बन जाती हैं।
- 21 दिनों तक रोज एक बार “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः” मंत्र जप करें।
- घर में झाड़ू-पोंछा लक्ष्मी पूजा के बाद न करें।
- भोजन में प्याज-लहसुन न हो।
- घर का वातावरण साफ और सुगंधित रखें।
लाभ (Benefits)
- अचानक धन लाभ और अटके हुए पैसे की प्राप्ति।
- व्यापार या नौकरी में उन्नति के योग।
- ऋण से मुक्ति।
- पारिवारिक सुख और शांति की वृद्धि।
- देवी लक्ष्मी की स्थायी कृपा प्राप्त होती है।
- घर में समृद्धि और सौभाग्य की ऊर्जा बढ़ती है।
- नकारात्मकता और दरिद्रता का नाश होता है।
- नया घर, वाहन या शुभ अवसर का संकेत मिलता है।
- लक्ष्मीजी के दर्शन या स्वप्न में उनके आशीर्वाद के संकेत मिल सकते हैं।
सावधानियाँ (Precautions)
- इस प्रयोग को मज़ाक में या दिखावे के लिए न करें।
- किसी से चर्चा न करें, मौन साधना ही इसका रहस्य है।
- प्रयोग के दौरान मन में किसी प्रकार का भय या संदेह न रखें।
- कपड़े, दीपक, मंत्र — सभी शुद्धता और श्रद्धा से हों।
- कौड़ियों को कभी बेचें या फेंके नहीं।
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प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1: क्या यह प्रयोग हर कोई कर सकता है?
उत्तर: हाँ, गृहस्थ, विद्यार्थी, व्यापारी — कोई भी व्यक्ति कर सकता है, बस श्रद्धा और मौन आवश्यक है।
प्रश्न 2: क्या इसे बिना लाल कपड़े के किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं। लाल रंग लक्ष्मी का प्रिय रंग है, यह ऊर्जा का माध्यम है।
प्रश्न 3: क्या कौड़ियाँ नई होनी चाहिए?
उत्तर: हाँ, नई और स्वच्छ कौड़ियाँ लें। पुराने या उपयुक्त न लगने वाले प्रतीक न रखें।
प्रश्न 4: क्या इस दिन कुछ विशेष भोजन बनाना चाहिए?
उत्तर: खीर, पूड़ी, और नारियल लड्डू बनाना शुभ माना गया है। इससे लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
प्रश्न 5: क्या अगले वर्ष वही कौड़ियाँ उपयोग कर सकते हैं?
उत्तर: हाँ, लेकिन केवल उसी व्यक्ति को उन्हें छूने की अनुमति हो। यह व्यक्तिगत साधना का प्रतीक है।
प्रश्न 6: कितने दिनों में परिणाम मिलता है?
उत्तर: आमतौर पर 7 से 21 दिनों में धन या अवसर के रूप में संकेत मिलता है।
प्रश्न 7: क्या यह साधना नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा देती है?
उत्तर: हाँ, मंत्र और घी का दीपक दोनों ही ऊर्जा को शुद्ध करते हैं।
अंत मे
दिवाली केवल रोशनी और मिठाइयों का पर्व नहीं है, यह आत्मा की समृद्धि का पर्व है। DivyayogAshram के अनुसार, यदि श्रद्धा से एक छोटा-सा गुप्त प्रयोग किया जाए — तो लक्ष्मी स्वयं घर में ठहर जाती हैं।
यह कोई जादू नहीं, बल्कि विश्वास की शक्ति है। जब आप मन, शब्द और कर्म से शुद्ध होकर देवी को आमंत्रित करते हैं, तो उनका आगमन निश्चित है।
इस दिवाली, मौन में, श्रद्धा से, उस एक चीज़ को देवी के सामने रखिए — और अनुभव कीजिए कि सच में लक्ष्मी जी कैसे आपकी अतिथि बन जाती हैं।