Buy now

spot_img
spot_img

Never-Ending Grace of Goddess – Diwali Night Lakshmi Pujan

लक्ष्मी पूजन का गुप्त मंत्र – दीपावली की रात करें ये साधना, कभी नहीं रुकेगी कृपा

Diwali Night Lakshmi Pujan दीपावली केवल रोशनी और उत्सव का पर्व नहीं है, बल्कि यह दिन देवी लक्ष्मी के पृथ्वी पर आगमन का प्रतीक है। इस रात ब्रह्मांडीय ऊर्जा अत्यंत सक्रिय होती है, जिससे साधक को धन, सौभाग्य और आध्यात्मिक प्रकाश की प्राप्ति होती है।
“DivyayogAshram” के अनुसार, यदि इस पवित्र रात को एक विशिष्ट गुप्त लक्ष्मी मंत्र के साथ पूजन किया जाए, तो देवी की कृपा अनवरत बनी रहती है। यह मंत्र केवल धन नहीं देता, बल्कि घर में स्थायी सुख-शांति और आशीर्वाद भी लाता है।


लक्ष्मी पूजन का गुप्त मंत्र (Secret Lakshmi Mantra)

“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः”

यह त्रिपद बीजमंत्र महालक्ष्मी की तीन शक्तियों – संपत्ति (श्रीं), माया (ह्रीं) और आकर्षण (क्लीं) – को जागृत करता है।
“DivyayogAshram” के अनुभवी साधकों के अनुसार, यह मंत्र सीधे देवी लक्ष्मी की सूक्ष्म चेतना से जुड़ता है और साधक की आर्थिक, मानसिक और आध्यात्मिक तरंगों को ऊँचा उठाता है।


पूजन विधि (Step-by-Step Vidhi)

1. स्थान और समय का चयन

  • पूजन उत्तर-पूर्व दिशा (ईशान कोण) में करें।
  • स्थान शुद्ध, शांत और सुगंधित होना चाहिए।
  • दीपावली की रात्रि, सूर्यास्त के बाद प्रदोष काल (लगभग शाम 5:30 से 8:30) सर्वश्रेष्ठ माना गया है।

2. पूजन सामग्री

  • लाल या गुलाबी कपड़ा
  • चांदी या पीतल की थाली
  • लक्ष्मी जी की मूर्ति या चित्र
  • पंचमेवा, खील- बताशा, पान, सुपारी
  • गुलाब या कमल के फूल
  • एकाक्षी नारियल
  • 11 दीपक (घी या तिल के तेल के)
  • चांदी का सिक्का या “DivyayogAshram” द्वारा सिद्ध लक्ष्मी यंत्र

3. पूजन प्रक्रिया

  1. पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  2. दोनों हाथ जोड़कर संकल्प लें – “आज की दीपावली की रात मैं महालक्ष्मी का आवाहन करता/करती हूं ताकि मेरे घर में स्थायी सुख, धन और शांति का निवास हो।”
  3. लक्ष्मी जी की मूर्ति के सामने दीपक जलाएं और हल्का गुलाब जल छिड़कें।
  4. “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का 540 बार जाप करें।
  5. जाप के बाद देवी को खील, बताशा और पुष्प अर्पित करें।
  6. अंत में कपूर जलाकर आरती करें और देवी से आशीर्वाद मांगें।

Diwali Night Lakshmi Pujan- विशेष प्रयोग 

अगर आप लक्ष्मी कृपा को निरंतर बनाए रखना चाहते हैं, तो दीपावली की रात यह विशेष उपाय करें –

  • एक नया पीला कौड़ी या गोमती चक्र लें।
  • उस पर हल्दी से “श्रीं” लिखें और इसे लक्ष्मी मूर्ति के पास रखें।
  • अगले दिन इसे अपने तिजोरी या धन स्थान में रख दें।
    यह साधारण सा प्रयोग भी लक्ष्मी कृपा को स्थायी बना देता है।

मंत्र जप का विशेष रहस्य (The Esoteric Power of Mantra)

इस मंत्र का उच्चारण करते समय तीन भावों का ध्यान रखें:

  1. कृतज्ञता – देवी पहले से ही आपके जीवन में कृपा बरसा रही हैं।
  2. संपन्नता का भाव – अपने आपको पहले से धनी और संतुष्ट महसूस करें।
  3. शांति – मन को निश्चल और प्रसन्न रखें।

“DivyayogAshram” के साधक मानते हैं कि भावनात्मक कंपन ही असली माध्यम है जो देवी तक संदेश पहुंचाता है।


शुभ मुहूर्त (Auspicious Timing)

दीपावली की रात, प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद 2 घंटे) में लक्ष्मी पूजन अत्यंत फलदायी होता है।
2025 दीपावली के लिए शुभ मुहूर्त इस प्रकार है:

  • पूजन काल: शाम 5:30 से रात 8:30 तक
  • श्रेष्ठ चोगड़िया: लाभ, अमृत, शुभ
  • दीपदान काल: रात 8:30 के बाद

नियम (Rules & Precautions)

  • पूजन से पहले स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • पूजन के दौरान किसी से बातचीत न करें।
  • अगर घर में झगड़े या अव्यवस्था है तो पहले शांति स्थापित करें।
  • मंत्र उच्चारण में स्पष्टता रखें, जल्दबाजी न करें।
  • पूजन के बाद तिजोरी के पास दीपक अवश्य जलाएं।

लक्ष्मी कृपा बनाए रखने के उपाय (For Continuous Blessings)

  • हर शुक्रवार को लक्ष्मी जी को सफेद चावल और गुड़ का भोग लगाएं।
  • चांदी का सिक्का या लक्ष्मी यंत्र हमेशा तिजोरी में रखें।
  • घर के उत्तर दिशा में एक सुगंधित दीप जलाएं।
  • गरीबों को अन्नदान करें।
  • अपने घर के मुख्य द्वार पर स्वस्तिक और शुभ-लाभ के चिन्ह बनाएं।

लाभ (Spiritual & Material Benefits)

  1. धन की स्थिरता और बढ़ोतरी
  2. अचूक व्यापारिक सफलता
  3. पारिवारिक सुख और आपसी सौहार्द
  4. ऋण मुक्ति
  5. अचानक धन लाभ
  6. आध्यात्मिक शक्ति और आत्मविश्वास
  7. देवी कृपा से दुर्भाग्य का अंत

महत्वपूर्ण 

Q1. क्या यह मंत्र हर कोई जप सकता है?
हाँ, यह एक सार्वभौमिक लक्ष्मी मंत्र है जिसे कोई भी श्रद्धापूर्वक जप सकता है।

Q2. क्या इसे रोज़ जपना चाहिए?
दीपावली की रात 108 बार जप अनिवार्य है, परंतु शुक्रवार को इसका 11 बार जप करने से कृपा बनी रहती है।

Q3. क्या पुरुष भी यह पूजन कर सकते हैं?
हाँ, देवी लक्ष्मी की कृपा स्त्री और पुरुष दोनों पर समान रूप से बरसती है।

Q4. पूजन के बाद क्या करें?
मूर्ति या यंत्र को उत्तर दिशा में रखकर प्रतिदिन दीपक जलाना शुभ रहता है।

Q5. क्या कोई विशेष सामग्री आवश्यक है?
नहीं, भावना और श्रद्धा सर्वोपरि हैं। लेकिन “DivyayogAshram” द्वारा सिद्ध लक्ष्मी यंत्र और माला उपयोग करने से परिणाम कई गुना तेज़ मिलते हैं।


अंत मे

दीपावली की रात आत्मा और ब्रह्मांड के बीच सीधा संवाद स्थापित करने का समय होती है। यह वह क्षण है जब लक्ष्मी स्वयं पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं और जिस घर में प्रेम, शांति और श्रद्धा होती है, वहाँ स्थायी निवास करती हैं।
“DivyayogAshram” के अनुसार, इस गुप्त मंत्र और साधना विधि से आपका घर सिर्फ रोशनी से नहीं, बल्कि देवी की कृपा से जगमगा उठेगा — जहाँ लक्ष्मी आएंगी और कभी लौटेंगी नहीं।


BOOK (18-19 OCT. 2025) SHRI VIDYA SADHANA SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img