लक्ष्मी पूजन में ये 7 चीज़ें रखो, धन का आकर्षण शुरु!
7 Things in Lakshmi Puja हर दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का महत्व करोड़ों घरों में होता है, लेकिन कई बार पूरी श्रद्धा के बावजूद धन स्थायी नहीं ठहरता। असली कारण है – पूजन विधि का अधूरा ज्ञान और आवश्यक वस्तुओं का अभाव। देवी लक्ष्मी केवल भव्य दीपों या सोने-चांदी से नहीं, बल्कि शुद्ध भाव, सही माध्यम और कुछ विशेष वस्तुओं की उपस्थिति से प्रसन्न होती हैं।
DivyayogAshram के अनुसार, शास्त्रों में ऐसे 7 चमत्कारी तत्व बताए गए हैं जिन्हें दीपावली की रात लक्ष्मी पूजन के समय अपने पूजन स्थल पर रखना चाहिए। ये वस्तुएँ धन प्रवाह, घर की स्थिरता और समृद्धि का द्वार खोल देती हैं।
लक्ष्मी पूजन में रखी जाने वाली 7 चमत्कारी चीज़ें
1. गोमती चक्र (Gomati Chakra)
शास्त्रों में इसे लक्ष्मी का नेत्र कहा गया है। लक्ष्मी पूजन में 11 गोमती चक्र लाल कपड़े पर रखकर पूजन करने से धन रुकावटें दूर होती हैं।
लाभ: यह घर में धन की स्थिरता बनाए रखता है और खर्चों पर नियंत्रण लाता है।
2. कमल गट्टा (Lotus Seeds)
देवी लक्ष्मी कमल पर विराजमान हैं, इसलिए कमल गट्टा का प्रयोग लक्ष्मी साधना में सर्वोत्तम माना गया है।
लाभ: व्यापार में वृद्धि और प्रतिष्ठा में उन्नति होती है।
3. चांदी का सिक्का (Silver Coin)
शुद्धता और चिरस्थायी संपन्नता का प्रतीक। पूजन के बाद इसे तिजोरी में रखें।
लाभ: यह घर में लक्ष्मी के स्थायी निवास का संकेत बनता है।
4. लक्ष्मी यंत्र
सिद्ध लक्ष्मी यंत्र को पूजन स्थल पर रखकर दीपक के पास स्थापित करें।
लाभ: यह धन-संबंधी बाधाओं को नष्ट कर देता है और भाग्य को सक्रिय करता है।
5. हल्दी की गांठ (Turmeric Root)
हल्दी को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है।
लाभ: व्यापार और भूमि से जुड़ी बाधाएँ समाप्त होती हैं।
6. शंख (Conch Shell)
शुभ ध्वनि और सकारात्मक ऊर्जा का माध्यम। पूजन के बाद इसे पूजा स्थान पर रखें।
लाभ: यह घर में दरिद्रता और क्लेश को समाप्त करता है।
7. सिंदूर (Vermilion)
माता लक्ष्मी का आभूषण माने जाने वाला सिंदूर सौभाग्य और ऐश्वर्य का प्रतीक है।
लाभ: यह दांपत्य सुख और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करता है।
इन 7 चीज़ों के अद्भुत लाभ
- अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
- व्यापार में रुका हुआ पैसा वापस आता है।
- परिवार में आर्थिक स्थिरता बढ़ती है।
- नौकरी और प्रमोशन में शुभ परिणाम मिलते हैं।
- घर के क्लेश, कर्ज़ और दरिद्रता समाप्त होती है।
- मनोवैज्ञानिक रूप से धन के प्रति सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
- देवी लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
- खर्च पर नियंत्रण आता है।
- नई आय के स्रोत खुलते हैं।
- आर्थिक संकट से बाहर निकलने में सहायता मिलती है।
- संपत्ति से जुड़े विवाद समाप्त होते हैं।
- व्यापारिक साझेदारी में लाभ होता है।
- तिजोरी में रखी धनराशि बढ़ती है, घटती नहीं।
- मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- यह पूजा व्यक्ति के कर्म और भाग्य दोनों को सक्रिय करती है।
लक्ष्मी पूजन का मंत्र (Mantra)
मुख्य मंत्र:
“ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्म्यै नमः”
इस मंत्र का 108 बार जाप दीपावली की रात दीपक के सामने बैठकर करें। यदि संभव हो तो कमलासन पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके करें।
विशेष प्रयोग:
कमल गट्टे की माला से जाप करने से मंत्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।
पूजन विधि (Vidhi)
- स्थान चयन: पूजन उत्तर-पूर्व दिशा में या घर के मुख्य कक्ष में करें।
- साफ-सफाई: स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें।
- आसन: लाल या पीले कपड़े पर आसन लगाएं।
- दीपक जलाएं: दो दीपक – एक तिल के तेल से, दूसरा घी से।
- सामग्री सजाएं: उपरोक्त 7 चीज़ों को थाल में सुव्यवस्थित रखें।
- आवाहन मंत्र:
“ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः।”
इस मंत्र से देवी का आवाहन करें। - अर्पण: फूल, चावल, हल्दी, सिंदूर और मिठाई अर्पित करें।
- मंत्र जाप: ऊपर दिया गया मंत्र 108 बार जपें।
- प्रार्थना: समृद्धि, सुख और शांति की कामना करें।
- दीप आरती: अंत में आरती करें और प्रसाद ग्रहण करें।
मूहूर्त (Muhurat)
दीपावली 2025 के लिए शुभ पूजन समय:
- तिथि: अमावस्या, दिवाली की रात
- शुभ समय: संध्या 6:58 बजे से 8:42 बजे तक
- प्रदोष काल: यही समय लक्ष्मी पूजन का सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
यदि यह समय संभव न हो, तो निशीथ काल (रात्रि 11:30 से 12:15) में भी पूजन किया जा सकता है।
नियम (Niyam)
- पूजन से पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- पूजा स्थल पर चप्पल या जूते न रखें।
- घर में झगड़ा, कटु वचन या नकारात्मक विचार न रखें।
- लक्ष्मी जी के सामने दीपक तब तक जलता रहे जब तक पूजा समाप्त न हो।
- पूजा के बाद तिजोरी या धन रखने के स्थान पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं।
- अगले दिन पूजा की वस्तुओं को किसी पवित्र स्थान पर सुरक्षित रखें।
- पूजन के बाद पहली मिठाई या प्रसाद घर के मुखिया को देना शुभ माना जाता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. क्या ये 7 वस्तुएँ हर वर्ष नई लेनी चाहिए?
नहीं, यदि वे शुद्ध अवस्था में हैं तो अगले वर्ष भी प्रयोग की जा सकती हैं।
2. क्या महिलाओं को पूजन में बैठना चाहिए?
हाँ, लक्ष्मी पूजन में गृहलक्ष्मी का बैठना अनिवार्य है।
3. क्या लक्ष्मी पूजन रात्रि में ही करना चाहिए?
हाँ, प्रदोष या निशीथ काल में किया गया पूजन सर्वोत्तम फल देता है।
4. क्या पूजा में मंत्र उच्चारण आवश्यक है?
हाँ, क्योंकि मंत्र ऊर्जा को सक्रिय करते हैं। गलत उच्चारण से बचें।
5. क्या चांदी की जगह तांबे या स्टील का सिक्का चल सकता है?
चांदी शुद्धता का प्रतीक है, परंतु न होने पर तांबा भी स्वीकार्य है।
6. क्या पूजा के बाद दीपक बुझाना चाहिए?
दीपक को स्वयं बुझाने के बजाय उसे स्वाभाविक रूप से बुझने दें।
7. क्या पूजा का प्रसाद बांटना आवश्यक है?
हाँ, यह लक्ष्मी कृपा को साझा करने का संकेत है।
अंत मे
दीपावली केवल रोशनी का पर्व नहीं, यह आत्मविश्वास और समृद्धि का आरंभ है। यदि आप इन 7 वस्तुओं के साथ श्रद्धा से पूजन करेंगे, तो देवी लक्ष्मी आपकी तिजोरी में स्थायी वास करेंगी और धन आपका सेवक बन जाएगा।
इस वर्ष लक्ष्मी पूजन को केवल एक परंपरा नहीं, एक साधना बनाइए। आपका घर सुख, शांति और समृद्धि से भर जाए — यही कामना DivyayogAshram की ओर से।