लम्बकर्ण भैरव मंत्र – शत्रु मुक्ति और सफलता प्राप्ति का रहस्यमयी उपाय
लम्बकर्ण भैरव मंत्र एक अत्यंत शक्तिशाली शक्तिशाली मंत्र माना जाता है जो जीवन में शत्रुओं, बाधाओं, और नकारात्मक ऊर्जाओं से रक्षा प्रदान करता है। यह मंत्र विशेष रूप से लम्बकर्ण भैरव को समर्पित है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप भैरव के रूपों में से एक हैं। इस मंत्र का उच्चारण करके साधक शत्रुओं को परास्त कर सकता है, साथ ही अपनी आंतरिक शक्ति और साहस को भी जागृत कर सकता है।
लम्बकर्ण भैरव मंत्र
मंत्र:
ॐ ह्रीं श्रीं भ्रं लम्बकर्ण भैरवाय नमः
अर्थ:
इस मंत्र में “ॐ” से ब्रह्मांड की शक्ति का आवाहन होता है। “ह्रीं” शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है, “श्रीं” लक्ष्मी और ऐश्वर्य का प्रतीक है, “भ्रं” भैरव के आह्वान का बीज मंत्र है, और “लम्बकर्ण भैरवाय” भगवान लम्बकर्ण भैरव की स्तुति करते हुए उन्हें प्रणाम करने का संकेत है। “नमः” का अर्थ है समर्पण और विनम्रता।
लम्बकर्ण भैरव मंत्र के लाभ
- शत्रु नाशक
- जीवन में विजय प्राप्ति
- बाधाओं से मुक्ति
- धन-धान्य में वृद्धि
- शत्रुओं से सुरक्षा
- मानसिक शक्ति में वृद्धि
- आत्मविश्वास में वृद्धि
- आध्यात्मिक उन्नति
- रोगों से मुक्ति
- नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षा
- कानूनी मामलों में सफलता
- पारिवारिक शांति
- भयरहित जीवन
- कार्य सिद्धि
- सामाजिक प्रतिष्ठा
- आर्थिक स्थिरता
- मानसिक शांति और संतुलन
मंत्र विधि
जप का दिन और अवधि:
इस मंत्र का जाप मंगलवार और शनिवार के दिन से शुरू करना शुभ माना जाता है। इसे 11 से 21 दिन तक निरंतर करना चाहिए।
जप का मुहूर्त:
सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच) या प्रदोष काल (शाम 6 बजे से 8 बजे के बीच) होता है।
मंत्र जप की सामग्री
- काला धागा
- लाल वस्त्र
- नारियल
- अगरबत्ती
- दीपक
- सिंदूर
- काला तिल
मंत्र जप संख्या
साधक को प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) का जाप करना चाहिए। जाप के दौरान माला पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंत्र का उच्चारण करें।
मंत्र जप के नियम
- उम्र 20 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- स्त्री और पुरुष दोनों इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
- जाप के दौरान नीले और काले वस्त्र न पहनें।
- धूम्रपान, शराब, और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
जप के दौरान सावधानियां
- मानसिक शुद्धता और स्थिरता बनाए रखें।
- जाप के समय ध्यान केंद्रित होना अनिवार्य है।
- कोई भी नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
- मंत्र जाप को किसी भी बाधा से बचाने के लिए एकांत स्थान का चयन करें।
लम्बकर्ण भैरव मंत्र पृश्न-उत्तर
पृश्न 1: लम्बकर्ण भैरव कौन हैं?
उत्तर:लम्बकर्ण भैरव भगवान शिव के भैरव रूप का एक अवतार हैं, जो शत्रुनाश और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करने वाले देवता हैं।
पृश्न 2: इस मंत्र का जाप कौन कर सकता है?
उत्तर:20 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी स्त्री या पुरुष इस मंत्र का जाप कर सकता है। केवल कुछ नियमों का पालन करना अनिवार्य है, जैसे ब्रह्मचर्य और मांसाहार से परहेज।
पृश्न 3: इस मंत्र का जाप कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर:इस मंत्र का जाप 11 से 21 दिनों तक लगातार करना चाहिए।
पृश्न 4: इस मंत्र का जप कब करना चाहिए?
उत्तर:ब्रह्म मुहूर्त और प्रदोष काल इस मंत्र के जाप के लिए सर्वोत्तम समय माने जाते हैं।
पृश्न 5: मंत्र जप के दौरान कौन से वस्त्र नहीं पहनने चाहिए?
उत्तर:जाप के दौरान नीले और काले रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
पृश्न 6: क्या इस मंत्र का जाप करने के लिए कोई विशेष सामग्री चाहिए?
उत्तर:जी हां, इस मंत्र के जाप के लिए लाल वस्त्र, काला धागा, सिंदूर, और नारियल जैसी सामग्री का उपयोग किया जाता है।
पृश्न 7: मंत्र जप में कितनी माला करनी चाहिए?
उत्तर:मंत्र जाप के दौरान प्रतिदिन 11 माला का जाप करना चाहिए, यानी 1188 बार मंत्र का उच्चारण करें।
पृश्न 8: मंत्र जाप के दौरान कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
उत्तर:जाप के दौरान धूम्रपान, मांसाहार, और शराब का सेवन न करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें और नीले-काले वस्त्र न पहनें।
पृश्न 9: इस मंत्र के जाप से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
उत्तर:इस मंत्र के जाप से शत्रु नाश, मानसिक शांति, आत्मविश्वास में वृद्धि, और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
पृश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है?
उत्तर:इस मंत्र का जाप मंगलवार और शनिवार के दिन प्रारंभ करना शुभ माना जाता है।
पृश्न 11: मंत्र जाप के लिए कौन सा स्थान उपयुक्त है?
उत्तर:एकांत और शांत स्थान जाप के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं। मंदिर या घर का पूजा कक्ष भी उपयुक्त है।
पृश्न 12: क्या इस मंत्र का जाप करने से जीवन में सफलता प्राप्त होती है?
उत्तर:जी हां, इस मंत्र का जाप करने से शत्रु पर विजय और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।