तारा दीक्षा- धन प्राप्ति मे सहायक
अकस्मात धन प्राप्ति व सुख समृद्धि देने वाली माता तारा की दीक्षा महत्वपूर्ण मानी जाती है। ये १० महाविद्या मे एक महाविद्या मानी जाती हैं जो उन्नति, सफलता, और सुरक्षा की देवी के रूप में पूजित होती हैं। वे माँ पार्वती की एक रूप हैं और उनकी एक विशेष अवतार हैं। माता तारा का नाम संस्कृत में "तारिनी" या "तारका" का अर्थ होता है, जिससे उन्हें उन्नति और मुक्ति का प्रतीक माना जाता है।
माता तारा का रूप उत्तम और करुणामय होता है, जिसमें वे चार भुजाओं, सिर पर चंद्रमा, तीनों नेत्रों में अलग-अलग दिशाओं की देवियों का अभिनय करती हैं, और हस्तों में उन्हें वारणासी वाला और वरद हस्त होता है। वे अक्सर हाथ में वृष या लोमवृक्ष का फूल लेकर दिखाई देती हैं, जो समृद्धि और उन्नति का प्रतीक है।
माता तारा की दीक्षा का समय विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान माना जाता है, जब उनका अवतरण हुआ था। उन्हें चंद्रविनायक और शोण शिप्रा के साथ जोड़कर पूजा जाता है और उनकी कृपा से भक्तों को उन्नति, सफलता, और सुरक्षा की प्राप्ति होती है।
नवग्रहों पर शासन करने वाली माता तारा की दीक्षा नवरात्रि या मंगलवार के दिन की जाती है. दीक्षा के बाद ब्यक्ति माता तारा की साधना, पूजा उपासना व व्रत कर सकता है.
माता तारा दीक्षा से लाभ
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- आध्यात्मिक उन्नति: तारा दीक्षा से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है, जिससे उसे दिव्य ज्ञान और आत्म साक्षात्कार की प्राप्ति होती है।
- मंत्र सिद्धि: तारा दीक्षा के माध्यम से साधक को तारा मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है, जिससे वह मंत्र के चमत्कारी प्रभावों का अनुभव कर सकता है।
- संकटों से मुक्ति: तारा देवी की कृपा से साधक के जीवन के सभी संकट और समस्याएँ दूर हो जाती हैं।
- मन की शांति: तारा दीक्षा से साधक के मन को शांति और स्थिरता प्राप्त होती है, जिससे मानसिक तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- संकल्प शक्ति: तारा दीक्षा के बाद साधक की संकल्प शक्ति में वृद्धि होती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होता है।
- सुरक्षा कवच: तारा देवी की उपासना साधक के लिए एक सुरक्षा कवच का कार्य करती है, जिससे वह नकारात्मक ऊर्जाओं और बुरे प्रभावों से सुरक्षित रहता है।
- धन प्राप्ति: तारा दीक्षा से साधक को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है, जिससे उसके जीवन में आर्थिक स्थिरता आती है।
- स्वास्थ्य लाभ: तारा देवी की कृपा से साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- शत्रु पर विजय: तारा दीक्षा के माध्यम से साधक अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकता है।
- मुक्ति प्राप्ति: तारा दीक्षा से साधक को मोक्ष की प्राप्ति होती है, जिससे वह जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त हो सकता है।
- मानसिक शक्ति: तारा दीक्षा से साधक की मानसिक शक्ति में वृद्धि होती है, जिससे वह कठिन परिस्थितियों का सामना करने में सक्षम होता है।
- विद्या प्राप्ति: तारा देवी की कृपा से साधक को विद्या और ज्ञान की प्राप्ति होती है, जिससे उसकी बुद्धि और विवेक में वृद्धि होती है।
- आकर्षण शक्ति: तारा दीक्षा से साधक में आकर्षण शक्ति का विकास होता है, जिससे वह दूसरों को प्रभावित कर सकता है।
- क्लेश मुक्ति: तारा देवी की उपासना से साधक के जीवन के सभी क्लेश और दुख दूर हो जाते हैं।
- वाणी में प्रभाव: तारा दीक्षा से साधक की वाणी में प्रभावशीलता आती है, जिससे वह अपनी बातों से दूसरों को प्रभावित कर सकता है।
- भय मुक्ति: तारा देवी की कृपा से साधक के मन से सभी प्रकार के भय समाप्त हो जाते हैं।
- दुष्ट शक्तियों से रक्षा: तारा दीक्षा साधक को तांत्रिक और दुष्ट शक्तियों से रक्षा प्रदान करती है।
- सुख-समृद्धि: तारा देवी की कृपा से साधक के जीवन में सुख और समृद्धि का वास होता है।
- ईश्वर के प्रति भक्ति: तारा दीक्षा के माध्यम से साधक के मन में ईश्वर के प्रति भक्ति और श्रद्धा का विकास होता है।
- परम आनंद: तारा दीक्षा से साधक को परम आनंद और संतुष्टि की प्राप्ति होती है, जिससे उसका जीवन आनंदमय हो जाता है।
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