विष दोष निवारण पूजा एक विशेष प्रकार की पूजा है जिसका उद्देश्य शरीर और मन में मौजूद नकारात्मकता, बुरे प्रभावों, और विषाक्त ऊर्जाओं को दूर करना है। कुंडली मे शनि व चंद्र जब एक साथ होते है तब ये दोष बनता है। यह पूजा उन लोगों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होती है जो शारीरिक या मानसिक समस्याओं से पीड़ित होते हैं, या जिनके जीवन में निरंतर नकारात्मक घटनाएं हो रही हैं।
विष दोष निवारण पूजा के लाभ
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार: इस पूजा से शरीर में मौजूद विषाक्त तत्वों का नाश होता है, जिससे स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- मानसिक शांति: पूजा के बाद मन को शांति मिलती है, तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- नकारात्मक ऊर्जा का नाश: इस पूजा से वातावरण में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, जिससे घर और जीवन में सकारात्मकता आती है।
- बीमारियों से मुक्ति: विष दोष के कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों और अस्वस्थता का निवारण होता है।
- समृद्धि और सफलता: पूजा के बाद जीवन में समृद्धि, आर्थिक स्थिरता, और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- परिवार में सुख-शांति: इस पूजा से परिवार में सुख-शांति और सामंजस्य बढ़ता है, जिससे रिश्तों में सुधार होता है।
- दुष्ट शक्तियों से रक्षा: विष दोष निवारण पूजा से व्यक्ति दुष्ट शक्तियों और तांत्रिक प्रभावों से सुरक्षित रहता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: इस पूजा से साधक की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
- वातावरण की शुद्धि: पूजा के दौरान किए गए मंत्रों और हवन से वातावरण शुद्ध होता है, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- कर्म दोषों का निवारण: विष दोष निवारण पूजा से साधक के कर्म दोषों का निवारण होता है, जिससे उसके जीवन में शुभता और मंगलकारी परिणाम आते हैं।
- शत्रुओं पर विजय: इस पूजा से साधक को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और वह बुरे प्रभावों से मुक्त हो जाता है।
- धन-धान्य में वृद्धि: पूजा के बाद साधक के जीवन में धन-धान्य की वृद्धि होती है और उसे आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- सकारात्मक सोच: पूजा के प्रभाव से साधक की सोच सकारात्मक होती है और उसे अपने जीवन में नई ऊर्जा और प्रेरणा मिलती है।
- रोगों का निवारण: विष दोष के कारण उत्पन्न होने वाले रोगों का निवारण होता है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ और सुखी रहता है।
- दीर्घायु प्राप्ति: इस पूजा के प्रभाव से साधक को दीर्घायु और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति होती है।
- क्लेशों से मुक्ति: विष दोष निवारण पूजा के बाद साधक के जीवन से क्लेश और दुख दूर हो जाते हैं।
- घर की शांति: पूजा के बाद घर में शांति और खुशहाली का वातावरण बना रहता है।
- भाग्य में सुधार: विष दोष निवारण पूजा से साधक का भाग्य सुधरता है और उसे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
- अवसाद और उदासी का निवारण: इस पूजा से साधक के मन में व्याप्त अवसाद और उदासी दूर हो जाती है।
- परम सुख की प्राप्ति: विष दोष निवारण पूजा से साधक को परम सुख, संतोष, और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
विष दोष निवारण पूजा से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- विष दोष क्या है?
- विष दोष का अर्थ शरीर या मन में नकारात्मकता, विषाक्त तत्वों, या दुष्ट शक्तियों के प्रभाव से है, जो व्यक्ति के जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
- विष दोष निवारण पूजा कब करनी चाहिए?
- यह पूजा तब की जानी चाहिए जब व्यक्ति अपने जीवन में लगातार नकारात्मक घटनाओं, स्वास्थ्य समस्याओं, या मानसिक तनाव का सामना कर रहा हो।
- विष दोष निवारण पूजा के लिए कौन से देवता की उपासना की जाती है?
- इस पूजा में विशेष रूप से भगवान शिव, देवी दुर्गा, या भगवान विष्णु की उपासना की जाती है, जो विष नाशक देवता माने जाते हैं।
- पूजा के लिए कौन-कौन सी सामग्री की आवश्यकता होती है?
- पूजा के लिए बेलपत्र, धतूरा, शुद्ध जल, दूध, शहद, घी, चंदन, पुष्प, धूप, दीपक, और विशेष मंत्रों का उच्चारण आवश्यक होता है।
- क्या यह पूजा स्वयं की जा सकती है?
- हां, इसे स्वयं भी किया जा सकता है, लेकिन किसी विद्वान पुरोहित की सहायता से करना अधिक प्रभावकारी हो सकता है।
- विष दोष निवारण पूजा में कितना समय लगता है?
- इस पूजा में 1 से 2 घंटे का समय लग सकता है, यह पूजा की विधि और पुरोहित पर निर्भर करता है।
- क्या पूजा के बाद कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए?
- हां, पूजा के बाद सात्विक आहार का सेवन करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, और रोजाना भगवान की उपासना करें।
- विष दोष निवारण पूजा का परिणाम कितने समय में मिलता है?
- परिणाम व्यक्ति के कर्म और पूजा की शुद्धता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों को तुरंत लाभ मिलता है, जबकि कुछ को समय के साथ लाभ दिखाई देता है।
- क्या विष दोष निवारण पूजा से सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है?
- इस पूजा से विष दोष के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान होता है, लेकिन जीवन के अन्य पहलुओं में भी सुधार के लिए अन्य उपाय आवश्यक हो सकते हैं।
- क्या इस पूजा को किसी विशेष दिन करना चाहिए?
- हां, इस पूजा को सोमवार या शनिवार को करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, विशेष ज्योतिषीय मुहूर्त भी इसके लिए शुभ हो सकते हैं।
- क्या विष दोष निवारण पूजा के बाद पुनः पूजा की आवश्यकता होती है?
- यदि आवश्यक हो, तो इस पूजा को समय-समय पर पुनः किया जा सकता है, विशेष रूप से जब व्यक्ति को फिर से विष दोष का सामना करना पड़े।
- क्या पूजा के बाद नियमित रूप से किसी मंत्र का जाप करना चाहिए?
- हां, पूजा के बाद नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र या अन्य विष नाशक मंत्रों का जाप करना चाहिए।
- क्या इस पूजा के लिए व्रत रखना आवश्यक है?
- हां, यदि संभव हो तो व्रत रखना शुभ माना जाता है, इससे पूजा का प्रभाव अधिक होता है।
- क्या विष दोष निवारण पूजा के लिए विशेष आहार का पालन करना चाहिए?
- हां, पूजा के दिन सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए और तामसिक आहार से दूर रहना चाहिए।
- क्या यह पूजा घर में की जा सकती है या मंदिर में करना चाहिए?
- यह पूजा घर में भी की जा सकती है, लेकिन यदि संभव हो तो इसे किसी मंदिर में या विशेष पूजा स्थल पर करना अधिक प्रभावकारी हो सकता है।
- विष दोष निवारण पूजा के लिए कौन सा समय सर्वोत्तम होता है?
- इस पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4-6 बजे) या प्रातःकाल का समय सर्वोत्तम माना जाता है।
- क्या विष दोष निवारण पूजा से पारिवारिक समस्याओं का समाधान हो सकता है?
- हां, इस पूजा से पारिवारिक समस्याओं, कलह, और तनाव का निवारण होता है और परिवार में शांति और सामंजस्य आता है।
- क्या पूजा के बाद किसी प्रकार के दान करने चाहिए?
- हां, पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना शुभ होता है, जिससे पूजा का पुण्य बढ़ता है।
- क्या विष दोष निवारण पूजा से व्यवसायिक समस्याओं का समाधान हो सकता है?
- हां, इस पूजा से व्यवसाय में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का समाधान होता है, जिससे व्यवसायिक सफलता मिलती है।
- क्या विष दोष निवारण पूजा के बाद भी नकारात्मक प्रभाव महसूस हो सकते हैं?
- यदि पूजा सही विधि से की गई हो तो नकारात्मक प्रभाव महसूस नहीं होते। यदि समस्याएं जारी रहें तो पुनः पूजा या अन्य उपाय किए जा सकते हैं।
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