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Neel tara mantra prosperity & health

नील तारा मंत्र जप विधि, नियम और सावधानियाँ – सफलता और शांति के लिए

नील तारा मंत्र, एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसका उपयोग विशेष रूप से नील तारा देवी की कृपा पाने और अनेक आध्यात्मिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। नील तारा तिब्बती बौद्ध धर्म में एक महत्वपूर्ण देवी हैं, जिन्हें सुरक्षा, सफलता और समृद्धि प्रदान करने वाली माना जाता है। नील तारा मंत्र, देवी नील तारा को समर्पित है, जो करुणा और संकटों से उबारने वाली मानी जाती हैं। उनका मंत्र संकटों से मुक्ति, नकारात्मक शक्तियों से रक्षा, और आत्मिक उत्थान में सहायता करता है।

मंत्र

मंत्र: ॐ स्त्रीं नील तारे तुतारे स्वाहा

अर्थ:

  • “ॐ” का अर्थ सर्वशक्तिमान और ईश्वर की उपासना है।
  • “स्त्रीं” शक्ति का बीज मंत्र है।
  • “नील तारे” नील तारा देवी को संबोधित करता है।
  • “तुतारे” तारा देवी को संकटों और बुराइयों से रक्षा करने वाली कहते हैं।
  • “स्वाहा” आह्वान और समर्पण का प्रतीक है।

लाभ

  1. मानसिक शांति और संतुलन।
  2. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा।
  3. आर्थिक समृद्धि।
  4. स्वास्थ्य में सुधार।
  5. संकटों से मुक्ति।
  6. भाग्य में सुधार।
  7. आत्मबल और विश्वास में वृद्धि।
  8. भय से मुक्ति।
  9. ध्यान और साधना में प्रगति।
  10. व्यक्तिगत और पारिवारिक समस्याओं का समाधान।
  11. आध्यात्मिक शक्ति का विकास।
  12. कार्यों में सफलता।
  13. कठिनाइयों का सामना करने की क्षमता।
  14. मानसिक स्पष्टता।
  15. संबंधों में सुधार।
  16. रोगों से मुक्ति।
  17. ज्ञान और विवेक की प्राप्ति।

मंत्र विधि

नील तारा मंत्र का जप विधिपूर्वक करने से अद्भुत लाभ होते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि नियमों का पालन किया जाए।

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  1. किसी शुभ मुहूर्त में मंत्र जप प्रारंभ करें।
  2. जप के लिए विशेषत: मंगलवार और शुक्रवार का दिन उत्तम होता है।
  3. जप की अवधि 11 से 21 दिनों तक हो सकती है।
  4. प्रतिदिन सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद जप करना श्रेष्ठ है।

मंत्र जप की संख्या

प्रतिदिन कम से कम 11 माला (1188 मंत्र) का जप करें। इससे देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

सामग्री

  1. नील या सफेद रंग का आसन।
  2. शुद्ध जल से भरा तांबे का पात्र।
  3. काले तिल या रुद्राक्ष की माला।
  4. धूप और दीपक।
  5. शुद्ध आहार और साधारण वस्त्र पहनें।

मंत्र जप के नियम

  1. आयु 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
  2. स्त्री या पुरुष, कोई भी इस मंत्र का जप कर सकता है।
  3. नीले या काले कपड़े न पहनें।
  4. धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  5. ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  6. जप के समय संयम और शुद्धता बनाए रखें।

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मंत्र जप के दौरान सावधानियाँ

  1. मन शांत रखें, विचार नकारात्मक न हों।
  2. मंत्र जप के दौरान निरंतर एक ही स्थान पर ध्यान केंद्रित करें।
  3. जप के बाद देवी को धन्यवाद देना न भूलें।
  4. घर के भीतर शांत और स्वच्छ स्थान चुनें।
  5. आहार में हल्का और सात्विक भोजन लें।

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नील तारा मंत्र से जुड़े प्रश्न और उत्तर

1. नील तारा कौन हैं?

नील तारा बौद्ध धर्म की प्रमुख देवी हैं, जो संकटों से रक्षा करती हैं।

2. नील तारा मंत्र का क्या महत्व है?

यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों से रक्षा और सफलता प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।

3. मंत्र का जप कौन कर सकता है?

20 वर्ष से ऊपर के स्त्री और पुरुष कोई भी जप कर सकते हैं।

4. जप के दौरान क्या पहनना चाहिए?

सफेद या हल्के रंग के वस्त्र पहनें। नीले और काले कपड़े न पहनें।

5. मंत्र जप कितनी माला करनी चाहिए?

प्रति दिन 11 माला (1188 मंत्र) जप करें।

6. मंत्र जप के लिए कौन से दिन उपयुक्त हैं?

मंगलवार और शुक्रवार को मंत्र जप करना श्रेष्ठ माना जाता है।

7. मंत्र जप का समय क्या होना चाहिए?

सूर्योदय से पूर्व या सूर्यास्त के बाद जप करें।

8. क्या जप के दौरान कुछ विशेष सावधानी बरतनी चाहिए?

धूम्रपान, मद्यपान, मांसाहार से बचें, और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

9. क्या मंत्र जप से आर्थिक समृद्धि मिलती है?

हाँ, नील तारा मंत्र आर्थिक समृद्धि और सफलता में सहायक होता है।

10. जप के दौरान किस प्रकार का भोजन करें?

सात्विक भोजन करें, मांसाहार से परहेज करें।

11. क्या नील तारा मंत्र से मानसिक शांति प्राप्त हो सकती है?

हाँ, यह मंत्र मानसिक शांति और संतुलन प्रदान करता है।

12. मंत्र जप के दौरान किन-किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?

माला, धूप, दीपक, जल और साधारण वस्त्र की आवश्यकता होती है।

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