जया अप्सरा साधना
बुढापे को रोकने वाली जया अप्सरा साधना एक तांत्रिक साधना है, जो मुख्य रूप से तांत्रिक मार्ग में अपनाई जाती है। इस साधना का उद्देश्य विशेष रूप से जीवन में सुख-समृद्धि, सौंदर्य, आकर्षण, और इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है। जया अप्सरा को सौंदर्य, वैभव और मनोवांछित सिद्धियों की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं।
जया अप्सरा साधना के लाभ
- आकर्षण शक्ति में वृद्धि: इस साधना से साधक की आकर्षण शक्ति में बढ़ोतरी होती है।
- मनोकामना पूर्ति: यह साधना साधक की मनोकामनाओं को पूरा करने में सहायक होती है।
- धन-वैभव की प्राप्ति: जया अप्सरा साधना से साधक को आर्थिक समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।
- सौंदर्य और शारीरिक आकर्षण में वृद्धि: यह साधना साधक के सौंदर्य और शारीरिक आकर्षण को बढ़ाने में मदद करती है।
- सुखमय जीवन: साधना से साधक के जीवन में सुख और शांति का आगमन होता है।
- विवाह और प्रेम संबंध में सफलता: यह साधना प्रेम और विवाह संबंधी इच्छाओं को पूर्ण करने में सहायक होती है।
- शत्रुओं पर विजय: साधना से साधक को शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
- सुख-समृद्धि का वर्धन: जया अप्सरा साधना से जीवन में सुख-समृद्धि का वर्धन होता है।
- किसी विशेष कार्य में सफलता: साधना के माध्यम से साधक को विशेष कार्यों में सफलता मिलती है।
- व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में उन्नति: यह साधना व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।
जया अप्सरा साधना मुहूर्त
- दिन: मंगलवार, शुक्रवार, अमावस्या, अक्षय तृतीया
- समय: रात 9 बजे के बाद
- साधना स्थल: पूजा स्थल, कोई शांतिपूर्ण कमरा
- साधना अवधि: 11 दिन, 21 दिन
- साधना मंत्र: प्रतिदिन 11/21 माला
- दिशा: उत्तर
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जया अप्सरा साधना -अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- जया अप्सरा साधना क्या है?
- जया अप्सरा साधना एक तांत्रिक साधना है जिसका उद्देश्य आकर्षण शक्ति, धन-वैभव, सौंदर्य, और इच्छाओं की पूर्ति के लिए किया जाता है।
- इस साधना को कौन कर सकता है?
- यह साधना कोई भी व्यक्ति कर सकता है जो अपने जीवन में इन लाभों को प्राप्त करना चाहता हो। हालांकि, साधना में अनुभवी गुरु का मार्गदर्शन आवश्यक होता है।
- जया अप्सरा साधना के लिए किस सामग्री की आवश्यकता होती है?
- इस साधना के लिए साधक को विशेष पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीपक, और विशेष मंत्रों का उच्चारण करना होता है। गुरु के निर्देशानुसार सामग्री का चयन होता है।
- इस साधना को कब करना चाहिए?
- साधना को शुक्ल पक्ष में रात के समय किया जाता है। विशेष अवसर और मुहूर्त का चयन गुरु के मार्गदर्शन में किया जाता है।
- साधना की अवधि कितनी होती है?
- साधना की अवधि गुरु के निर्देशानुसार तय होती है, जो साधक के उद्देश्य और उसकी साधना शक्ति पर निर्भर करती है।
- क्या साधना के दौरान कोई विशेष नियम पालन करना पड़ता है?
- हाँ, साधना के दौरान शुद्धता, ब्रह्मचर्य, और सत्यता का पालन करना आवश्यक होता है।
- क्या साधना करने से पहले किसी प्रकार की दीक्षा की आवश्यकता होती है?
- हाँ, साधना से पहले गुरु द्वारा दीक्षा ली जाती है, जिससे साधना का प्रभाव बढ़ता है।
- क्या जया अप्सरा साधना से कोई हानिकारक प्रभाव हो सकता है?
- यदि साधना गलत तरीके से की जाए या बिना गुरु के निर्देश के की जाए, तो इसके नकारात्मक प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए, यह आवश्यक है कि साधना को सही विधि से और गुरु के मार्गदर्शन में किया जाए।
- क्या साधना से मिलने वाले लाभ स्थायी होते हैं?
- साधना से प्राप्त लाभ साधक के जीवन में स्थायी होते हैं, बशर्ते साधक नियमपूर्वक साधना का पालन करता रहे।
- क्या साधना को बीच में रोकना संभव है?
- साधना को बीच में रोकना उचित नहीं होता है। इसे पूरा करने के बाद ही रोका जा सकता है।
- साधना करते समय कौन से मंत्र का उच्चारण करना चाहिए?
- जया अप्सरा साधना में विशेष मंत्र का उच्चारण किया जाता है जो गुरु द्वारा दिया जाता है।
- क्या साधना को समूह में किया जा सकता है?
- यह साधना व्यक्तिगत रूप से की जाती है। समूह में इसे करना सही नहीं माना जाता।
- क्या साधना करने के लिए विशेष पूजा स्थल की आवश्यकता होती है?
- हाँ, साधना के लिए एक शांत और पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए।
- साधना के दौरान क्या मन में किसी प्रकार का संकल्प लेना आवश्यक है?
- साधना के दौरान मन में संकल्प लेना आवश्यक होता है, जिससे साधना का प्रभाव बढ़ता है।
- क्या साधना के बाद किसी प्रकार का विशेष आचरण अपनाना चाहिए?
- साधना के बाद साधक को संयमित जीवन जीना चाहिए और सत्कर्मों का पालन करना चाहिए।
यह साधना विशेष रूप से तांत्रिक परंपरा में मान्य है और इसे करने से पहले किसी अनुभवी गुरु से सलाह लेना अत्यंत आवश्यक होता है।
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