Sunday, December 22, 2024

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How to chant Pashupat Shabar Mantra?

पाप से मुक्ति दिलाने वाले भगवान शिव का पाशुपत शाबर मंत्र का जाप बहुत ही शक्तिशली माना जाता है। यह मंत्र शिव जी के उग्र स्वरूप से संबंधित होता है। पाशुपत शाबर मंत्र का उपयोग आध्यात्मिक, मानसिक और भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसे तंत्र विद्या और साधना में विशेष महत्व दिया जाता है।

जप विधि

  1. सही समय का चयन करें: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) सबसे उत्तम समय है।
  2. शुद्धता का ध्यान रखें: स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  3. शांत और एकांत स्थान: मंत्र जप के लिए शांत और एकांत स्थान चुनें।
  4. माला का उपयोग: रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
  5. संकल्प लें: जप प्रारंभ करने से पहले संकल्प लें।
  6. निर्धारित संख्या: मंत्र का जप एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) प्रतिदिन करें।
  7. नियमितता: कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक नियमित रूप से जप करें।

पाशुपत शाबर मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति: इस मंत्र का जप मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करता है।
  2. आध्यात्मिक उन्नति: मंत्र जप से आध्यात्मिक उन्नति और जागरूकता बढ़ती है।
  3. शारीरिक स्वास्थ्य: यह मंत्र शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है।
  4. आर्थिक समृद्धि: इस मंत्र का जप आर्थिक समस्याओं का समाधान करता है।
  5. शत्रुओं से सुरक्षा: यह मंत्र शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  6. आत्मविश्वास में वृद्धि: मंत्र जप से आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  7. क्लेश और संकट से मुक्ति: यह मंत्र क्लेश और संकट से मुक्ति दिलाता है।
  8. तांत्रिक बाधाओं का निवारण: इस मंत्र का जप तांत्रिक बाधाओं को दूर करता है।
  9. सकारात्मक ऊर्जा: यह मंत्र सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  10. ध्यान में एकाग्रता: मंत्र जप से ध्यान में एकाग्रता बढ़ती है।
  11. गृहस्थ सुख: यह मंत्र गृहस्थ सुख और शांति लाता है।
  12. कर्ज से मुक्ति: इस मंत्र का जप कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
  13. विघ्नों का नाश: यह मंत्र जीवन के विघ्नों और बाधाओं का नाश करता है।
  14. आध्यात्मिक शक्तियों की प्राप्ति: मंत्र जप से आध्यात्मिक शक्तियों की प्राप्ति होती है।
  15. भौतिक सुख-सुविधाएँ: यह मंत्र भौतिक सुख-सुविधाएँ प्राप्त करने में सहायक होता है।

पाशुपत शाबर मंत्र

॥ ॐ नमः शिवाय, देवों के देव महादेव पधारो हमारी कुटिया, नष्ट करो हमारी कमियां, ॐ जुं सः॥

Pashupat Shabar Mantra Audio

पाशुपत शाबर मंत्र विधि

पाशुपत शाबर मंत्र का जप एक विशेष विधि से किया जाता है। इस मंत्र का सही उच्चारण और नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। आइए जानते हैं पाशुपत शाबर मंत्र जप की विधि:

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहुर्त

  1. दिन: पाशुपत शाबर मंत्र जप के लिए सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है क्योंकि यह भगवान शिव का दिन होता है।
  2. अवधि: मंत्र जप कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक किया जाना चाहिए।
  3. मुहुर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) पाशुपत शाबर मंत्र जप के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।

मंत्र जप सामग्री

पाशुपत शाबर मंत्र जप के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

  1. रुद्राक्ष की माला
  2. शिवलिंग या भगवान शिव की प्रतिमा
  3. सफेद वस्त्र
  4. धूप, दीप और अगरबत्ती
  5. चंदन का लेप
  6. जलपात्र
  7. फूल और बेलपत्र

मंत्र जप संख्या

पाशुपत शाबर मंत्र का जप निम्नलिखित प्रकार से किया जाना चाहिए:

  1. एक माला: 108 बार जप
  2. ग्यारह माला: 1188 बार जप

यह जप प्रतिदिन कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक किया जाना चाहिए।

मंत्र जप के नियम

पाशुपत शाबर मंत्र जप करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए:

  1. शुद्धता: जप करते समय शरीर और मन की शुद्धता का विशेष ध्यान रखें।
  2. स्नान: स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  3. अभिमंत्रित माला: रुद्राक्ष की माला को पहले अभिमंत्रित करें।
  4. एकांत स्थान: मंत्र जप एकांत और शांत स्थान पर करें।
  5. संकल्प: मंत्र जप से पहले संकल्प लें और भगवान शिव का ध्यान करें।
  6. नियमितता: मंत्र जप नियमित रूप से करें, किसी भी दिन न छोड़े।

Panchanguli sadhana shivir

मंत्र जप की सावधानियां

  1. शुद्धता: शरीर और मन की शुद्धता का ध्यान रखें।
  2. अशुद्धता से बचें: जप करते समय किसी प्रकार की अशुद्धता से बचें।
  3. निर्धारित संख्या: निर्धारित संख्या में ही मंत्र जप करें।
  4. ध्यान एकाग्रता: जप करते समय ध्यान एकाग्र रखें।
  5. सकारात्मक भाव: मन में सकारात्मक भाव रखें।

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पाशुपत शाबर मंत्र से संबंधित प्रश्न और उनके उत्तर

  1. पाशुपत शाबर मंत्र क्या है?
    पाशुपत शाबर मंत्र भगवान शिव का उग्र और तांत्रिक मंत्र है जिसका प्रयोग मानसिक, आध्यात्मिक और भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
  2. पाशुपत शाबर मंत्र किसके लिए उपयुक्त है?
    यह मंत्र उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो आध्यात्मिक उन्नति, तांत्रिक साधना और शिव भक्ति में रुचि रखते हैं।
  3. पाशुपत शाबर मंत्र का क्या महत्व है?
    यह मंत्र तांत्रिक विद्या में अत्यधिक प्रभावशाली माना जाता है और इससे विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं।
  4. पाशुपत शाबर मंत्र का जप किस दिन करना चाहिए?
    सोमवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  5. मंत्र जप की अवधि क्या होनी चाहिए?
    मंत्र जप कम से कम 11 दिन और अधिकतम 21 दिन तक किया जाना चाहिए।
  6. पाशुपत शाबर मंत्र का सही समय क्या है?
    ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे के बीच) सबसे उत्तम समय है।
  7. पाशुपत शाबर मंत्र जप के लिए कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?
    रुद्राक्ष की माला, शिवलिंग, सफेद वस्त्र, धूप, दीप, चंदन, जलपात्र, फूल और बेलपत्र।
  8. मंत्र जप की संख्या कितनी होनी चाहिए?
    एक माला (108 बार) से लेकर 11 माला (1188 बार) तक।
  9. मंत्र जप के दौरान किन नियमों का पालन करना चाहिए?
    शुद्धता, नियमितता, एकांत स्थान, संकल्प, और अभिमंत्रित माला का उपयोग।
  10. मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए?
    शुद्धता का ध्यान रखें, अशुद्धता से बचें, निर्धारित संख्या में जप करें, ध्यान एकाग्र रखें।
  11. क्या पाशुपत शाबर मंत्र जप से मानसिक शांति प्राप्त की जा सकती है?
    हां, इस मंत्र जप से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  12. क्या पाशुपत शाबर मंत्र जप से आध्यात्मिक उन्नति हो सकती है?
    हां, यह मंत्र आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यधिक प्रभावशाली है।

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