महाविद्या माता बगलामुखी हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवी मानी जाती हैं, इन्हें बगलामुखी, पीतांबरा, ब्रह्मास्त्र विद्या, बगलास्थी, बगलसुंदरी, बगलाक्षी, बगलामाता आदि नामों से भी जाना जाता है।
बगलामुखी देवी का ध्यान करने से छुपे शत्रुओं का नाश होता है और विपत्तियों से सुरक्षा मिलती है। उन्हें भक्त अपने शत्रुओं और प्रतिकूल परिस्थितियों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए पूजते हैं।
बगलामुखी देवी का मंत्र जप करने से बुरी नजर और बुरी शक्तियों का नाश होता है, कोर्ट कचहरी, विवाद मे लाभ मिलता है. साथ ही सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह प्राप्त होता है। उनकी पूजा का विधान तांत्रिक होता है और इसमें मंत्र जप, ध्यान और अनुष्ठान की विशेष विधियां होती हैं।
माता बगलामुखी मंत्र
माता बगलामुखी का मंत्र अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावी माना जाता है। यह मंत्र बुरी नज़र, छुपे हुए शत्रु, कोर्ट केस, रिश्ते और आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है। बगलामुखी माता की उपासना से साधक को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं।
मंत्र
|| ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा ||
मंत्र का उच्चारण विधि
- समय: इस मंत्र का उच्चारण ब्रह्म मुहूर्त या रात्रि के समय करना सर्वोत्तम होता है।
- स्थान: शांत और पवित्र स्थान का चयन करें, जहां किसी प्रकार की बाधा न हो।
- आसन: पीले रंग के आसन पर बैठें।
- माला: हल्दी या रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
- मंत्र जप की संख्या: प्रतिदिन 108 बार मंत्र का जप करें।
- आवश्यक सामग्री: हल्दी की गांठ, पीले चावल, सरसों के तेल का दीपक, और पीले वस्त्र धारण करें।
मंत्र जप का समय
इस मंत्र का जप प्रतिदिन 21 दिनों तक करना चाहिए। हर दिन ५४० बार मंत्र का जप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
साधना की अवधि
इस मंत्र की साधना 21 दिनों तक करनी चाहिए। प्रतिदिन 108 बार मंत्र जप करना आवश्यक है। इस दौरान साधक को पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और साधना के प्रति पूरी निष्ठा रखनी चाहिए।
साधना के दौरान सावधानियाँ
- आयु: इस मंत्र का अभ्यास केवल 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति ही करें।
- शुद्धता: साधक को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध होना चाहिए।
- आहार: तामसिक भोजन और मदिरा से बचें।
- संकल्प: मंत्र जप शुरू करने से पहले संकल्प लें और साधना पूरी होने तक उसे न तोड़ें।
- गोपनीयता: अपनी साधना को गुप्त रखें और अनावश्यक रूप से किसी को न बताएं।
- विश्राम: साधना के बाद थोड़ा विश्राम अवश्य करें।
माता बगलामुखी मंत्र के लाभ
- सुरक्षा: यह मंत्र बुरी नज़र और छुपे हुए शत्रुओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
- आत्मबल: मानसिक और आत्मिक बल को बढ़ाता है।
- धन: आर्थिक समृद्धि और धन की प्राप्ति में सहायक होता है।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
- विरोधियों पर विजय: शत्रुओं और विरोधियों पर विजय दिलाता है।
- शांति: घर और जीवन में शांति लाता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक ऊर्जाओं को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
- अदृश्य बाधाओं से मुक्ति: अदृश्य बाधाओं और रुकावटों को दूर करता है।
- प्रभावशाली व्यक्तित्व: साधक के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: साधक को आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करता है।
- रक्षा कवच: साधक के लिए एक मजबूत रक्षा कवच का निर्माण करता है।
- सकारात्मक सोच: नकारात्मक विचारों को समाप्त कर सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
- आध्यात्मिक ज्ञान: आध्यात्मिक ज्ञान और समझ को बढ़ाता है।
- सपनों की सुरक्षा: बुरे सपनों से मुक्ति दिलाता है।
- मनोकामनाएँ पूर्ण: साधक की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।
- अवरोध हटाना: जीवन में आने वाले सभी प्रकार के अवरोधों को हटाता है।
- विजय प्राप्ति: किसी भी कार्य में विजय प्राप्त करने में मदद करता है।
- दुष्ट आत्माओं से रक्षा: दुष्ट आत्माओं और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा करता है।
- रिश्तों में सुधार: रिश्तों में सुधार लाता है और तनाव को दूर करता है।
- मंत्र शक्ति: मंत्र की शक्ति को बढ़ाता है और साधक को आत्मविश्वास से भरता है।
अंत में
माता बगलामुखी का मंत्र अत्यंत प्रभावशाली और शक्तिशाली है। इसका सही विधि और नियमों का पालन करते हुए जप करने से साधक को नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा, आत्मबल, आर्थिक समृद्धि, और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है। साधना के दौरान सभी सावधानियों का पालन करना अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि साधक को पूर्ण लाभ प्राप्त हो सके।