Saturday, December 21, 2024

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Durga Vidhweshan Mantra – Remove Negative Influences

दुर्गा विद्वेषण मंत्र: शत्रुओं के दुष्प्रभाव को नष्ट करने का प्रभावशाली साधन

दुर्गा विद्वेषण मंत्र देवी दुर्गा का एक अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है, जिसका प्रयोग किसी व्यक्ति के गलत प्रभाव से मुक्ति पाने और शत्रुओं के कुप्रभाव को नष्ट करने के लिए किया जाता है। यह मंत्र उन परिस्थितियों में विशेष रूप से उपयोगी है जब कोई व्यक्ति आपको या आपके परिवार को परेशान कर रहा हो, आपके कार्यों में बार-बार बाधा डाल रहा हो, या आपको गलत कार्य करने के लिए मजबूर कर रहा हो। इस मंत्र का नियमित जाप करने से नकारात्मक शक्तियों का विनाश होता है और जीवन में शांति और सुरक्षा बनी रहती है।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र विनियोग और अर्थ

मंत्र विनियोग:
“ॐ अस्य श्री दुर्गा विद्वेषण मंत्रस्य, विश्वामित्र ऋषिः, गायत्री छन्दः, श्री दुर्गा देवता, शत्रु बाधा निवारणाय जपे विनियोगः।”

मंत्र का अर्थ:
इस मंत्र का विनियोग शत्रु बाधाओं को दूर करने और किसी व्यक्ति के नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। यह मंत्र देवी दुर्गा की कृपा से शत्रुओं के दुष्प्रभाव को समाप्त करता है और जीवन में शांति और सुरक्षा प्रदान करता है।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:
“ॐ ऐं श्रीं दुं दुर्गाये देवदत्त विद्वेषणाय हुं फट्ट।”
(यहाँ “देवदत्त” की जगह संबंधित व्यक्ति का नाम लें)

संपूर्ण अर्थ:
हे देवी दुर्गा! आपकी कृपा से (संबंधित व्यक्ति का नाम) के द्वारा उत्पन्न सभी नकारात्मक प्रभाव और बाधाओं का नाश हो। उसकी बुरी दृष्टि और दुष्प्रभाव मुझसे दूर हो जाएं।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र के लाभ

  1. शत्रु से रक्षा: यह मंत्र शत्रु के द्वारा उत्पन्न परेशानियों से बचाता है।
  2. नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति: किसी भी व्यक्ति के नकारात्मक प्रभाव को समाप्त करता है।
  3. परिवार की सुरक्षा: परिवार के सदस्यों को किसी बुरे प्रभाव से बचाता है।
  4. मानसिक शांति: मानसिक तनाव और दबाव को दूर कर शांति प्रदान करता है।
  5. कार्य में सफलता: बार-बार होने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करता है और कार्यों में सफलता दिलाता है।
  6. स्वस्थ संबंध: रिश्तों में सुधार और स्थिरता लाता है।
  7. गलत आदतों से मुक्ति: बुरी संगत और गलत आदतों से छुटकारा दिलाता है।
  8. साहस और आत्मविश्वास: साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  9. सुरक्षा कवच: मंत्र का जाप करने से एक सुरक्षा कवच का निर्माण होता है।
  10. विवेक की वृद्धि: सही निर्णय लेने की क्षमता को बढ़ाता है।
  11. दुश्मन की हार: शत्रुओं की कुटिलता को समाप्त करता है।
  12. न्याय की प्राप्ति: जीवन में न्याय और सच्चाई की जीत सुनिश्चित करता है।
  13. मानसिक स्थिरता: मानसिक स्थिरता और संकल्प शक्ति को मजबूत करता है।
  14. दुष्प्रभावों से रक्षा: किसी भी प्रकार के तंत्र-मंत्र या काला जादू के प्रभाव से बचाता है।
  15. धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  16. सकारात्मकता का संचार: जीवन में सकारात्मकता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
  17. शांति और संतुलन: जीवन में शांति, संतुलन और सद्भाव बनाए रखता है।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र विधि

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: मंगलवार या शनिवार को इस मंत्र का जाप प्रारंभ करें।
  • अवधि: 11 से 21 दिन तक नियमित रूप से जाप करें।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या सूर्यास्त के समय जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप विधि

  1. स्थान का चयन: एकांत और स्वच्छ स्थान का चयन करें।
  2. स्नान: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।
  3. आसन: लाल या सफेद रंग के आसन का प्रयोग करें।
  4. दीपक जलाएं: घी का दीपक जलाएं और देवी दुर्गा का ध्यान करें।
  5. मंत्र उच्चारण: 11 माला (1188 बार) मंत्र का जाप करें।
  6. ध्यान: संबंधित व्यक्ति का ध्यान करते हुए मंत्र जाप करें।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप की सामग्री

  • लाल या सफेद वस्त्र
  • घी का दीपक
  • देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र
  • लाल चंदन की माला
  • पुष्प, अक्षत, और चंदन

दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप संख्या

मंत्र जप संख्या: प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जाप करें। इसे लगातार 11 से 21 दिनों तक करना चाहिए।

दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: 20 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
  2. वस्त्र चयन: काले और नीले रंग के कपड़े न पहनें।
  3. परहेज: धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहें।
  4. ब्रह्मचर्य का पालन: मंत्र जाप के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  5. स्वच्छता: शारीरिक और मानसिक स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें।

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दुर्गा विद्वेषण मंत्र जप की सावधानियां

  • पूरी श्रद्धा: मंत्र का जाप पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।
  • ध्यान भंग न हो: जाप के समय मन को एकाग्र रखें और किसी भी प्रकार के ध्यान भंग से बचें।
  • नियमितता: जाप नियमित रूप से करें, किसी भी दिन इसे न छोड़ें।
  • सकारात्मक सोच: मंत्र जाप के समय केवल सकारात्मक विचार रखें।

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दुर्गा विद्वेषण मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: ये मंत्र कौन कर सकता है?

उत्तर: 20 वर्ष से अधिक आयु के स्त्री और पुरुष, जो सभी नियमों का पालन कर सकते हैं, वे इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।

प्रश्न 2: दुर्गा विद्वेषण मंत्र का प्रभाव कब दिखाई देगा?

उत्तर: इस मंत्र का प्रभाव 11 से 21 दिनों के नियमित जाप से दिखने लगता है।

प्रश्न 3: क्या इस मंत्र का जाप केवल शत्रुओं के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र शत्रुओं के दुष्प्रभाव से रक्षा और नकारात्मकता को दूर करने के लिए किया जाता है।

प्रश्न 4: मंत्र जाप के लिए सबसे शुभ समय क्या है?

उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या सूर्यास्त के समय इस मंत्र का जाप करना सबसे शुभ माना जाता है।

प्रश्न 5: मंत्र जाप के समय कौन से वस्त्र पहनने चाहिए?

उत्तर: सफेद या लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए, काले और नीले वस्त्रों का प्रयोग न करें।

प्रश्न 6: क्या महिलाएं मासिक धर्म के दौरान मंत्र जाप कर सकती हैं?

उत्तर: मासिक धर्म के दौरान मंत्र जाप से बचना चाहिए।

प्रश्न 7: क्या इस मंत्र का जाप अन्य कार्यों की सिद्धि के लिए किया जा सकता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र अन्य कार्यों में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए भी किया जा सकता है।

प्रश्न 8: क्या यह मंत्र किसी अन्य के लिए भी किया जा सकता है?

उत्तर: हां, यह मंत्र किसी अन्य व्यक्ति की सुरक्षा और शांति के लिए भी किया जा सकता है।

प्रश्न 9: क्या इस मंत्र का जाप घर पर किया जा सकता है?

उत्तर: हां, इसे घर पर ही शांतिपूर्ण वातावरण में किया जा सकता है।

प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप रात में किया जा सकता है?

उत्तर: हां, सूर्यास्त के बाद भी इस मंत्र का जाप किया जा सकता है।

प्रश्न 11: क्या मंत्र जाप के समय विशेष आहार का पालन करना चाहिए?

उत्तर: हां, सात्विक भोजन ग्रहण करें और मांसाहार, मद्यपान से दूर रहें।

प्रश्न 12: क्या मंत्र जाप के बाद विशेष पूजा करनी चाहिए?

उत्तर: हां, मंत्र जाप के बाद देवी दुर्गा की आरती करें और उन्हें पुष्प अर्पित करें।

इस प्रकार, दुर्गा विद्वेषण मंत्र का नियमित जाप शत्रु बाधाओं, नकारात्मक प्रभावों और बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत प्रभावशाली होता है। देवी दुर्गा की कृपा से व्यक्ति के जीवन में शांति, सुरक्षा और सफलता बनी रहती है।

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