spot_img

Lakshmi Sukta – Powerful Path to Wealth & Prosperity

लक्ष्मी सूक्त के लाभ: माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करने का सरल उपाय

लक्ष्मी सूक्त माता लक्ष्मी को समर्पित वैदिक स्तुति है, जो ऋग्वेद और अथर्ववेद में आती है। यह सूक्त धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि का स्रोत है और इसे श्रद्धा से पढ़ने पर घर में माँ लक्ष्मी का वास बना रहता है। इस सूक्त में धन, वैभव, और उन्नति प्राप्ति के विशेष उपायों का वर्णन है।

लक्ष्मी सूक्त का लाभ: माता लक्ष्मी का आशीर्वाद

  1. धन एवं समृद्धि की प्राप्ति – धन की वृद्धि होती है और आर्थिक समस्याएँ दूर होती हैं।
  2. सुख-शांति एवं सौभाग्य – मन में शांति, सुख, और जीवन में सौभाग्य आता है।
  3. संतोष की प्राप्ति – मन में संतोष और संतुष्टि का भाव आता है।
  4. परिवार में सुख-संपन्नता – परिवार में खुशहाली और एकता बनी रहती है।
  5. सुखी वैवाहिक जीवन – पति-पत्नी के संबंधों में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है।
  6. धार्मिक एवं आध्यात्मिक लाभ – धार्मिक कार्यों में वृद्धि होती है और मन में आध्यात्मिकता आती है।
  7. स्वास्थ्य लाभ – शरीर में शक्ति और स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  8. निरंतर उन्नति – करियर और व्यापार में उन्नति होती है।
  9. शत्रुओं से रक्षा – शत्रुओं और बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
  10. आत्मविश्वास में वृद्धि – आत्मविश्वास और साहस का विकास होता है।
  11. संतान सुख – जो संतान सुख की चाह रखते हैं, उन्हें संतान प्राप्ति होती है।
  12. गृह कल्याण – घर में सुख-शांति बनी रहती है।
  13. स्वयं की सकारात्मकता – सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।
  14. समृद्धि स्थिरता – आर्थिक समृद्धि और स्थायित्व प्राप्त होता है।
  15. विद्या और ज्ञान की प्राप्ति – बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
  16. प्रकृति से सुमेल – प्रकृति के अनुकूल जीवनयापन होता है।
  17. सभी मनोकामनाओं की पूर्ति – यह सूक्त सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है।

लक्ष्मी सूक्त व उसका अर्थ

लक्ष्मी सूक्त वेदों में वर्णित माता लक्ष्मी का एक स्तोत्र है, जिसका पाठ करने से धन, ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि, एवं सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह सूक्त ऋग्वेद और अथर्ववेद में मिलता है और इसमें माता लक्ष्मी के विभिन्न रूपों और उनके वरदानों का वर्णन किया गया है। संपूर्ण लक्ष्मी सूक्त का पाठ विशेष रूप से धनतेरस, दीपावली, शुक्रवार या किसी भी शुभ अवसर पर किया जाता है।

लक्ष्मी सूक्त

ॐ हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम्।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो म आवह ॥१॥

तां म आवह जातवेदो लक्ष्मीमनपगामिनीम्।
यस्यां हिरण्यं विन्देयं गामश्वं पुरुषानहम् ॥२॥

अश्वपूर्वां रथमध्यां हस्तिनादप्रबोधिनीम्।
श्रियं देवीमुपह्वये श्रीर्मा देवी जुषताम् ॥३॥

कांसो स्मितां हिरण्यप्राकारामार्द्रां ज्वलन्तीं तृप्तां तर्पयन्तीम्।
पद्मस्थितां पद्मवर्णां तामिहोपह्वये श्रियम् ॥४॥

चन्द्रां प्रभासां यशसा ज्वलन्तीं श्रियं लोके देवजुष्टामुदाराम्।
तां पद्मिनीमीं शरणमहं प्रपद्येऽलक्ष्मीर्मे नश्यतां त्वां वृणे ॥५॥

अर्थ:

  1. हिरण्यवर्णां हरिणीं – माता लक्ष्मी का सुनहरा वर्ण है, जो सुगंधित पुष्पों से अलंकृत हैं। वे चंद्रमा की तरह शीतल और सुंदर हैं। हे अग्निदेव, आप मुझे माता लक्ष्मी का आह्वान कर उनके गुणों का अनुभव कराइए।
  2. तां म आवह – हे अग्निदेव, मुझे ऐसी लक्ष्मी प्रदान करें जो कभी दूर न हो। जिस घर में वे हों, वहां मैं स्वर्ण, गौ, और पुरुषों की प्राप्ति कर सकूं।
  3. अश्वपूर्वां – वे अश्वों से आगे बढ़ती हैं और उनके रथ में हाथी ध्वनि करते हैं। वे श्रिया (श्री) देवी हैं, उन्हें मैं अपने घर आमंत्रित करता हूँ, वे मेरी रक्षा करें।
  4. कांसो स्मितां – माता लक्ष्मी प्रसन्न हैं, जिनकी मंद मुस्कान संसार को आलोकित करती है। वे मेरे जीवन में संतोष और तृप्ति लाएं।
  5. चन्द्रां प्रभासां – जो दिव्यता की ज्योति से प्रकाशमान हैं, वे श्रिया देवी मेरा सहारा बनें। हे लक्ष्मी देवी, आपके आगमन से मेरे जीवन से दरिद्रता समाप्त हो जाए।

लक्ष्मी सूक्त के नियमित पाठ से जीवन में शांति, संतोष, सुख-समृद्धि एवं अपार धन की प्राप्ति होती है।

लक्ष्मी सूक्त का जाप विधि: विशेष दिन, अवधि, और मुहूर्त

दिन और अवधि:
लक्ष्मी सूक्त का जाप शुक्रवार या पूर्णिमा के दिन से आरंभ करना शुभ माना जाता है। इसे लगातार 41 दिनों तक प्रतिदिन पढ़ें।

Get deeksha

मुहूर्त:
सुबह के समय ब्रह्म मुहूर्त में या सूर्यास्त के समय इस सूक्त का जाप अत्यधिक फलदायी होता है। पूजा के स्थान को स्वच्छ और पवित्र रखें और इसे प्रतिदिन एक ही समय पर करें।

लक्ष्मी सूक्त स्तोत्र के नियम

  • साधना का नियम: लक्ष्मी सूक्त का पाठ करते समय पूजा और साधना को गोपनीय रखें। इसे गोपनीयता से करने पर माँ लक्ष्मी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
  • निर्मल हृदय: ध्यान करें कि पूजा के दौरान मन निर्मल और शुद्ध होना चाहिए। मानसिक विकार और द्वेष का त्याग करें।
  • आसन का नियम: पूजा के लिए सफेद या पीले रंग के आसन का प्रयोग करें। इसे केवल इसी पूजा के लिए उपयोग में लाएँ।

know mor about mahalakshmi pujan vidhi

लक्ष्मी सूक्त पढ़ने में सावधानी

  • नकारात्मक विचारों से दूर रहें: लक्ष्मी सूक्त का पाठ करते समय मन में सकारात्मकता और श्रद्धा बनाए रखें। नकारात्मक विचार साधना के प्रभाव को कम करते हैं।
  • भोजन पर नियंत्रण रखें: जाप के दौरान शाकाहारी भोजन का सेवन करें और तामसिक पदार्थों से दूर रहें।
  • मौन व्रत का पालन: जाप के बाद कुछ समय तक मौन रहें और किसी भी अन्य विचार से दूर रहें।

spiritual store

लक्ष्मी सूक्त-प्रश्न-उत्तर

प्रश्न 1: लक्ष्मी सूक्त क्या है?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त वेदों में वर्णित माँ लक्ष्मी का एक विशेष स्तोत्र है, जो सुख-समृद्धि, ऐश्वर्य और सौभाग्य प्रदान करने के लिए किया जाता है। इसका पाठ करने से माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।

प्रश्न 2: लक्ष्मी सूक्त का पाठ कब करना चाहिए?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त का पाठ शुक्रवार, पूर्णिमा, दीपावली या किसी शुभ मुहूर्त में करना अत्यधिक लाभकारी होता है। इसे लगातार 41 दिनों तक करने से विशेष फल प्राप्त होता है।

प्रश्न 3: लक्ष्मी सूक्त के लाभ क्या हैं?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त के पाठ से धन-समृद्धि, ऐश्वर्य, स्वास्थ्य, सुख, शांति, और आत्मिक संतोष की प्राप्ति होती है। इसके माध्यम से जीवन में सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।

प्रश्न 4: लक्ष्मी सूक्त जाप की विधि क्या है?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त जाप करने के लिए शुक्रवार को शुभ मुहूर्त में आरंभ करें। ब्रह्म मुहूर्त में, स्वच्छ स्थान पर दीप जलाकर, पीले आसन पर बैठकर जाप करें।

प्रश्न 5: जाप में कौन-कौन से नियम पालन करने चाहिए?

उत्तर: जाप के दौरान पूजा को गोपनीय रखें, मन शांत और निर्मल रखें, और आसन का नियम बनाए रखें। सफेद या पीले वस्त्र पहनकर साधना करें।

प्रश्न 6: जाप के दौरान क्या सावधानी रखनी चाहिए?

उत्तर: नकारात्मक विचारों से दूर रहें, शाकाहारी भोजन ग्रहण करें, और मौन व्रत का पालन करें ताकि जाप का सकारात्मक प्रभाव अधिक से अधिक मिले।

प्रश्न 7: लक्ष्मी सूक्त का पाठ कितने समय तक करना चाहिए?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त का पाठ नियमित रूप से 41 दिनों तक करें, ताकि माँ लक्ष्मी का स्थायी आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

प्रश्न 8: पूजा सामग्री में क्या आवश्यक है?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त जाप के लिए शुद्ध जल, गंगाजल, फूल, धूप, दीपक, सफेद वस्त्र और पीले आसन की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 9: क्या लक्ष्मी सूक्त का पाठ किसी भी समय किया जा सकता है?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त का पाठ विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त या सूर्यास्त के समय करना चाहिए। यह विशेष समय इस स्तोत्र के प्रभाव को कई गुना बढ़ा देता है।

प्रश्न 10: लक्ष्मी सूक्त से मानसिक लाभ क्या हैं?

उत्तर: लक्ष्मी सूक्त के पाठ से मन शांत, संतुलित और आत्मविश्वासी बनता है। यह सकारात्मकता लाता है और जीवन में संतोष की अनुभूति होती है।

spot_img
spot_img

Related Articles

KAMAKHYA SADHANA SHIVIRspot_img
PITRA DOSHA NIVARAN PUJANspot_img

Latest Articles

FREE HOROSCOPE CONSULTINGspot_img
BAGALAMUKHI SHIVIR BOOKINGspot_img
Select your currency