कौन सा आसन कौन से देवी देवता की पूजा साधना के लिये उपयोगी है?
योग और साधना में विशेष आसनों का महत्व है। हर देवी-देवता की साधना के लिए विशेष आसन अपनाने से ध्यान, मंत्र जाप और पूजा का प्रभाव बढ़ता है। नीचे कुछ प्रमुख देवी-देवताओं और उनके साधना के लिए उपयुक्त आसनों की सूची दी गई है:
माँ दुर्गा की साधना
- आसन: सिद्धासन या पद्मासन
- महत्व: सिद्धासन से मानसिक स्थिरता मिलती है और माँ दुर्गा की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
- सामग्री: लाल आसन (रेशमी या ऊन का)
- दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके साधना करें।
भगवान शिव की साधना
- आसन: शवासन या वज्रासन
- महत्व: शिव साधना में शवासन से शांति और एकाग्रता बढ़ती है, जो ध्यान और मंत्र जाप में सहायक है।
- सामग्री: कुश या काले कपड़े का आसन
- दिशा: उत्तर दिशा की ओर मुख करें।
माँ लक्ष्मी की साधना
- आसन: पद्मासन या सुखासन
- महत्व: पद्मासन से धन और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा आसानी से प्राप्त होती है।
- सामग्री: गुलाबी या लाल रंग का रेशमी आसन
- दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके साधना करें।
भगवान विष्णु की साधना
- आसन: पद्मासन
- महत्व: पद्मासन से मन शांत रहता है और भगवान विष्णु के मंत्रों का प्रभाव बढ़ता है।
- सामग्री: पीले रंग का आसन
- दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
माँ सरस्वती की साधना
- आसन: वज्रासन या सुखासन
- महत्व: वज्रासन से ज्ञान और ध्यान का विकास होता है, जो माँ सरस्वती की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
- सामग्री: सफेद रेशमी या ऊनी आसन
- दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके साधना करें।
भगवान गणेश की साधना
- आसन: सुखासन या वज्रासन
- महत्व: गणेश पूजा में वज्रासन से एकाग्रता बढ़ती है और बाधाओं का निवारण होता है।
- सामग्री: पीले या हरे रंग का आसन
- दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा में मुख करें।
माँ काली की साधना
- आसन: वीरासन
- महत्व: वीरासन शक्ति और साहस को बढ़ाने वाला है, जो माँ काली की साधना में सहायक है।
- सामग्री: काले रंग का ऊनी आसन
- दिशा: दक्षिण दिशा में मुख करें।
भगवान हनुमान की साधना
- आसन: वज्रासन या सिंहासन
- महत्व: हनुमान साधना में वज्रासन से भक्ति और साहस बढ़ता है।
- सामग्री: नारंगी या लाल रंग का आसन
- दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
भगवान सूर्य की साधना
- आसन: सुखासन या पद्मासन
- महत्व: सूर्य पूजा में आसन से मनोबल और स्वास्थ्य का विकास होता है।
- सामग्री: लाल या नारंगी रंग का रेशमी आसन
- दिशा: पूर्व दिशा की ओर मुख करें।
माँ अन्नपूर्णा की साधना
- आसन: पद्मासन
- महत्व: इस आसन से ध्यान स्थिर होता है और माँ अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में समृद्धि आती है।
- सामग्री: सफेद या हरे रंग का आसन
- दिशा: पूर्व दिशा में मुख करके साधना करें।
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भगवान कृष्ण की साधना
- आसन: सुखासन या पद्मासन
- महत्व: मन की शुद्धि और भक्तिभाव के लिए यह आसन उपयुक्त है।
- सामग्री: पीले या सफेद रंग का आसन
- दिशा: उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करें।
माँ भैरवी और त्रिपुरसुंदरी की साधना
- आसन: सिद्धासन
- महत्व: इस आसन से तंत्र साधना में सफलता और देवी की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
- सामग्री: लाल या काले रंग का ऊनी आसन
- दिशा: उत्तर या दक्षिण दिशा में मुख करें।
आसन को पूजा के नियमों के अनुसार चुनने से साधना का प्रभाव बढ़ता है। इस बात का ध्यान रखें कि आसन स्वच्छ और पूजास्थल पर विशेष रूप से निर्धारित हो।