Abhiru bhairav Mantra – Freedom from fear

अभीरु भैरव मंत्र का जाप करने से न केवल डर को दूर करने की शक्ति मिलती है, बल्कि यह साहस, सुरक्षा और आंतरिक शक्ति को भी बढ़ाता है। डर को दूर करने वाले “अभीरु भैरव” भगवान शिव के एक उग्र रूप को दर्शाता है, जिनका नाम अभीरु भैरव है। अभीरु भैरव को भय को दूर करने और अपने भक्तों को साहस देने की क्षमता के लिए जाना जाता है। अभीरु भैरव भगवान शिव के भैरव रूपों में से एक हैं। भैरव को शक्ति और सुरक्षा के देवता माना जाता है, जो भक्तों को भय से मुक्ति और समस्याओं का समाधान प्रदान करते हैं। अभीरु भैरव की पूजा विशेष रूप से तांत्रिक साधनाओं और कठिन परिस्थितियों में की जाती है।

अभीरु भैरव मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

मंत्र:

ॐ भ्रं अभीरु भैरवाय फट्ट

मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: यह परमात्मा का प्रतीक है, जो ब्रह्मांड की समस्त ऊर्जा का स्रोत है।
  • भ्रं: यह बीज मंत्र है, जो भैरव की शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
  • अभीरु भैरवाय: अभीरु भैरव को समर्पित है, जो भय को दूर करते हैं और साहस प्रदान करते हैं।
  • फट्ट: यह बीज मंत्र की समाप्ति का संकेत है, जो मंत्र की ऊर्जा को समाप्त करता है।

अभीरु भैरव मंत्र के लाभ

  1. भय से मुक्ति: यह मंत्र आपको सभी प्रकार के भय और आशंकाओं से मुक्त करता है।
  2. साहस में वृद्धि: यह मंत्र साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  3. तांत्रिक बाधाओं से रक्षा: तांत्रिक प्रभावों और बुरी आत्माओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
  4. नकारात्मक ऊर्जा का नाश: यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करता है।
  5. शत्रुओं पर विजय: शत्रुओं और विरोधियों पर विजय प्राप्त करने में सहायक है।
  6. सकारात्मक सोच: मानसिक शांति और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है।
  7. आत्मिक शुद्धि: आत्मा को शुद्ध और पवित्र करता है।
  8. सुख-समृद्धि: जीवन में सुख और समृद्धि लाने में मदद करता है।
  9. धन लाभ: आर्थिक स्थिति को सुधारने में सहायक होता है।
  10. संपत्ति की सुरक्षा: संपत्ति और संसाधनों की सुरक्षा करता है।
  11. स्वास्थ्य सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  12. दुखों से मुक्ति: जीवन के दुखों और कष्टों से मुक्ति दिलाता है।
  13. परिवारिक सुख: परिवार में सुख और शांति बनाए रखता है।
  14. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक विकास और साधना में प्रगति होती है।
  15. कार्य सिद्धि: महत्वपूर्ण कार्यों की सफलता के लिए सहायक है।
  16. व्यवसाय में सफलता: व्यवसाय में प्रगति और सफलता दिलाता है।
  17. वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोषों को समाप्त करता है।
  18. मंत्र सिद्धि: अन्य मंत्रों की सिद्धि के लिए सहायता करता है।
  19. दुर्घटनाओं से बचाव: दुर्घटनाओं और अनहोनी घटनाओं से बचाव करता है।
  20. आत्मविश्वास में वृद्धि: आत्मविश्वास और धैर्य को बढ़ाता है।

अभीरु भैरव मंत्र जप विधि

दिन, अवधि, मुहूर्त:

  • दिन: मंगलवार और शनिवार को अभीरु भैरव की पूजा के लिए विशेष दिन माना जाता है।
  • अवधि: मंत्र जप 11 से 21 दिन तक करना चाहिए।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या प्रदोष काल (शाम 6 से 8 बजे) मंत्र जप के लिए सर्वोत्तम समय हैं।

सामग्री:

  • रुद्राक्ष माला: जप के लिए रुद्राक्ष माला का प्रयोग करें।
  • दीपक और धूप: दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
  • साफ स्थान: साफ और शांत स्थान पर बैठें।
  • कपूर: कपूर जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
  • फूल: लाल फूल भैरव को अर्पित करें।
  • पानी: तांबे के पात्र में जल रखें।

मंत्र जप संख्या:

  • एक माला: 108 बार मंत्र जप करें।
  • ग्यारह माला: 1188 बार मंत्र जप करें।

नियम

  1. शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
  2. समर्पण: पूर्ण श्रद्धा और समर्पण के साथ जप करें।
  3. नियमितता: नियमित समय पर जप करें।
  4. एकांत: एकांत और शांत स्थान पर बैठें।
  5. आसन: कुशा या ऊनी आसन का प्रयोग करें।
  6. दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  7. जल अर्पण: मंत्र जप से पहले और बाद में जल अर्पित करें।
  8. प्रसाद: नैवेद्य के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें।
  9. ध्यान: जप के पहले और बाद में ध्यान करें।
  10. मौन: जप के दौरान मौन रहें।

Get mantra diksha

सावधानियाँ

  1. शुद्धता: अशुद्ध अवस्था में मंत्र जप न करें।
  2. भोजन: भारी और तामसिक भोजन से बचें।
  3. विचलन: ध्यान केंद्रित रखें और विचलित न हों।
  4. नकारात्मकता: नकारात्मक विचारों से बचें।
  5. विधि: सही विधि और नियमों का पालन करें।
  6. मदिरा और मांस: मदिरा और मांस का सेवन न करें।
  7. संयम: संयमित और संयमित जीवनशैली अपनाएं।
  8. विध्न: बाहरी विध्न और रुकावटों से बचें।
  9. स्थान: जप के स्थान को स्वच्छ और शुद्ध रखें।
  10. वस्त्र: सफेद या पीले वस्त्र पहनें।

Yantra store

अभीरु मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

  1. अभीरु भैरव कौन हैं?
    • भैरव के एक रूप, जो भय से मुक्ति दिलाते हैं।
  2. अभीरु भैरव मंत्र का क्या महत्व है?
    • यह मंत्र साहस और सुरक्षा प्रदान करता है।
  3. मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
    • 11 से 21 दिनों तक।
  4. मंत्र जप का सर्वोत्तम समय कौन सा है?
    • ब्रह्म मुहूर्त या प्रदोष काल।
  5. मंत्र जप के लिए कौन सी माला का उपयोग करना चाहिए?
    • रुद्राक्ष माला।
  6. मंत्र जप के दौरान कौन सी दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
    • पूर्व या उत्तर दिशा।
  7. मंत्र जप के पहले क्या करना चाहिए?
    • शुद्धि और ध्यान।
  8. मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?
    • प्रसाद और जल अर्पित करें।
  9. मंत्र जप के दौरान कौन-कौन सी सामग्री आवश्यक है?
    • दीपक, धूप, फूल, जल।
  10. मंत्र जप के लिए कौन सा आसन उपयुक्त है?
    • कुशा या ऊनी आसन।
  11. मंत्र जप के दौरान मौन रहना क्यों महत्वपूर्ण है?
    • मंत्र की शक्ति और ध्यान केंद्रित करने के लिए मौन रहना आवश्यक है।
  12. क्या मंत्र जप के लिए किसी विशेष वस्त्र का चयन करना चाहिए?
    • हाँ, सफेद या पीले वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency