Buy now

spot_img
spot_img

Aghor Shiv Mantra Strong Protection

भय मुक्त करना वाला अघोर शिव मंत्र, एक शक्तिशाली मंत्र है यह प्रचंड शक्तिशाली मंत्र माना जाता है. जो भगवान शिव के अघोर रूप को प्रसन्न करने के लिए जपा जाता है। “अघोर” का अर्थ है “भयंकर से परे“। इस रूप में, भगवान शिव मृत्यु और विनाश के देवता के रूप में पूजनीय हैं। वे सभी भय और नकारात्मकता को दूर करने वाले हैं।

अघोर शिव तांत्रिक और रहस्यमयी रूप में पूजे जाते हैं। उनकी पूजा विशेष रूप से उन लोगों के लिए की जाती है जो भौतिक सुख, सुरक्षा, और मानसिक शांति की तलाश में होते हैं।

विनियोग मंत्र किसी भी मंत्र का जाप प्रारंभ करने से पहले उस मंत्र का उद्देश्य और साधना का संकल्प करने के लिए होता है। यह मंत्र जाप की शुरुआत में किया जाता है ताकि साधक को अपनी साधना का पूरा लाभ प्राप्त हो सके।

मंत्र: ॐ ह्रौं अघोर शिवाय नमः

विनियोग मंत्र:

अस्य ॐ ह्रौं अघोर शिवाय नमः मंत्रस्य, महादेव ऋषिः, गायत्री छन्दः, शिवो देवता, ह्रौं बीजं, नमः शक्तिः, अघोर शिवाय कीलकम्। शिव प्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः।।

अर्थ और विवरण:

  1. ऋषि: महादेव – यह मंत्र महादेव (भगवान शिव) द्वारा प्रकट किया गया है।
  2. छंद: पंक्तिः – यह मंत्र पंक्ति छंद में रचित है।
  3. देवता: शिव – भगवान शिव इस मंत्र के मुख्य देवता हैं।
  4. बीज: ह्रौं – यह बीज मंत्र है, जो अघोर शिव का विशेष बीज है।
  5. शक्ति: नमः – ‘नमः’ मंत्र की शक्ति है, जो समर्पण का प्रतीक है।
  6. कीलक: अघोर शिवाय – शिव के अघोर रूप का आह्वान करने के लिए यह कीलक शब्द है।
  7. विनियोग: शिव की प्रसन्नता और कृपा प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का जप किया जाता है।

इस विनियोग मंत्र का उच्चारण करने के बाद, “ॐ ह्रौं अघोर शिवाय नमः” मंत्र का 108 बार या अपनी साधना के अनुसार जाप किया जाता है।

अघोर शिव मंत्र और उसका अर्थ

अघोर शिव का मंत्र है:

॥ॐ ह्रौं अघोर शिवाय नमः॥ “OM HROUM AGHOR SHIVAAY NAMAHA”

मंत्र का अर्थ:

  • : यह ब्रह्मांड की समग्र ऊर्जा का प्रतीक है।
  • ह्रौं: यह बीज मंत्र शक्ति और सुरक्षा को बढ़ाता है।
  • अघोर शिवाय: अघोर शिव का नाम है, जो निर्भीकता और साहस के प्रतीक हैं।
  • नमः: इसका अर्थ है “नमस्कार” या “आदर”।

इस मंत्र का अर्थ है: “ॐ (सर्वशक्तिमान ऊर्जा), ह्रौं (शक्ति और सुरक्षा), अघोर शिव (निर्भीकता और साहस के देवता), आपको मेरा नमस्कार।”

लाभ

  1. भौतिक सुख: अघोर शिव की पूजा से भौतिक सुख और आराम प्राप्त होता है।
  2. कार्य सिद्धि: किसी भी कार्य को सफल बनाने में मदद मिलती है।
  3. धन का आकर्षण: धन और समृद्धि को आकर्षित करती है।
  4. रोगों से सुरक्षा: शारीरिक और मानसिक रोगों से सुरक्षा मिलती है।
  5. घर की सुरक्षा: घर को नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों से बचाता है।
  6. संतान की सुरक्षा: संतान की सुरक्षा और समृद्धि में सहायक होता है।
  7. नौकरी-ब्यापार की सुरक्षा: नौकरी और व्यापार में स्थिरता और सुरक्षा प्राप्त होती है।
  8. मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान बढ़ता है।
  9. मनोकामना पूर्ति: आपकी इच्छाओं और मनोकामनाओं को पूरा करता है।
  10. गृहस्थ सुख: गृहस्थ जीवन में सुख और शांति लाता है।
  11. विवाहित जीवन में सुधार: विवाहित जीवन को खुशहाल बनाता है।
  12. जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत: जीवनसाथी के साथ संबंधों को मजबूत करता है।
  13. स्वास्थ्य लाभ: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।
  14. सकारात्मक ऊर्जा: सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है।
  15. सफलता: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त होती है।
  16. संतान सुख: संतान सुख प्राप्त करने में सहायक होता है।
  17. बुद्धि में वृद्धि: बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
  18. संकटों का नाश: जीवन में आने वाले संकटों को दूर करता है।
  19. आर्थिक उन्नति: आर्थिक स्थिति में सुधार करता है।
  20. निर्भीकता और साहस: निर्भीकता और साहस को बढ़ाता है।

आवश्यक सामग्री

  1. शुद्ध जल: अभिषेक के लिए।
  2. गंगाजल: विशेष पूजन के लिए।
  3. फूल: शिवलिंग को अर्पित करने के लिए।
  4. बिल्व पत्र: शिव को अर्पित करने के लिए।
  5. धूप: वातावरण को पवित्र करने के लिए।
  6. दीपक: पूजा में दीप प्रज्वलित करने के लिए।
  7. चंदन: तिलक के लिए।
  8. दूध: अभिषेक के लिए।
  9. दही: अभिषेक के लिए।
  10. घी: दीपक जलाने के लिए।
  11. शहद: अभिषेक के लिए।
  12. फल: प्रसाद के रूप में अर्पित करने के लिए।
  13. मिठाई: प्रसाद के रूप में अर्पित करने के लिए।
  14. रुद्राक्ष माला: मंत्र जाप के लिए।

मुहूर्त, दिन और अवधि

  • मुहूर्त: अघोर शिव मंत्र का जाप प्रातः काल या संध्या काल में करना श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप अधिक प्रभावी माना जाता है।
  • दिन: सोमवार, महाशिवरात्रि, और प्रदोष व्रत के दिन विशेष माने जाते हैं।
  • अवधि: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए। इसे रुद्राक्ष माला से किया जा सकता है।

Get mantra diksha

अघोर शिव मंत्र सावधानियाँ

  1. शुद्धता: मंत्र जाप के समय शरीर और मन की शुद्धता आवश्यक है।
  2. नियमितता: मंत्र जाप नियमित रूप से करना चाहिए।
  3. सात्विक आहार: सात्विक आहार का सेवन करें।
  4. मन की एकाग्रता: मंत्र जाप के समय मन को एकाग्र रखें।
  5. शुद्ध स्थान: साफ और पवित्र स्थान पर बैठकर मंत्र जाप करें।
  6. श्रद्धा और विश्वास: मंत्र जाप श्रद्धा और विश्वास के साथ करें।

spiritual store

अघोर शिव मंत्र- पृश्न उत्तर

1. अघोर शिव कौन हैं?

अघोर शिव तांत्रिक और रहस्यमयी रूप में पूजे जाते हैं, जो निर्भीकता और साहस के प्रतीक हैं।

2. अघोर शिव का मंत्र क्या है?

अघोर शिव का मंत्र है: “॥ॐ ह्रौं अघोर शिवाय नमः॥”

3. अघोर शिव मंत्र का जाप कब करना चाहिए?

इस मंत्र का जाप प्रातः काल या संध्या काल में करना श्रेष्ठ होता है। विशेष रूप से सोमवार और महाशिवरात्रि के दिन इसका जाप अधिक प्रभावी माना जाता है।

4. अघोर शिव मंत्र का क्या लाभ है?

इस मंत्र से भौतिक सुख, कार्य सिद्धि, धन का आकर्षण, रोगों से सुरक्षा, घर की सुरक्षा, संतान की सुरक्षा, नौकरी और व्यापार की सुरक्षा, मान-सम्मान, मनोकामना पूर्ति, गृहस्थ सुख, विवाहित जीवन में सुधार, और जीवनसाथी के साथ संबंध मजबूत होते हैं।

5. अघोर शिव मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए?

मंत्र का जाप शुद्ध और पवित्र स्थान पर, शुद्ध मन और शरीर के साथ करना चाहिए। इसे रुद्राक्ष माला से 108 बार जाप करें।

6. अघोर शिव मंत्र के जाप में किन वस्तुओं की आवश्यकता होती है?

शुद्ध जल, गंगाजल, फूल, बिल्व पत्र, धूप, दीपक, चंदन, दूध, दही, घी, शहद, फल, मिठाई, और रुद्राक्ष माला।

7. अघोर शिव मंत्र का जाप कौन कर सकता है?

कोई भी व्यक्ति, जो श्रद्धा और विश्वास के साथ जाप करना चाहता है, इस मंत्र का जाप कर सकता है।

8. अघोर शिव मंत्र के जाप के लिए विशेष दिन कौन से होते हैं?

सोमवार, महाशिवरात्रि, और प्रदोष व्रत के दिन विशेष होते हैं।

9. अघोर शिव मंत्र के जाप के समय कौन सी सावधानियाँ रखनी चाहिए?

शुद्धता, नियमितता, सात्विक आहार, मन की एकाग्रता, शुद्ध स्थान, और श्रद्धा व विश्वास।

10. अघोर शिव मंत्र से पापों की मुक्ति होती है?

हाँ, इस मंत्र के जाप से पापों की मुक्ति प्राप्त होती है।

11. अघोर शिव मंत्र से मोक्ष प्राप्ति संभव है?

इस मंत्र से मोक्ष प्राप्ति के द्वार खुल सकते हैं, लेकिन यह मुख्य रूप से भौतिक और मानसिक जीवन में लाभकारी है।

12. अघोर शिव मंत्र से आर्थिक उन्नति कैसे होती है?

इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन का आकर्षण होता है।

13. अघोर शिव मंत्र से क्या संतान सुख प्राप्त होता है?

हाँ, इस मंत्र के जाप से संतान सुख प्राप्त किया जा सकता है।

14. अघोर शिव मंत्र से स्वास्थ्य कैसे बेहतर होता है?

मंत्र के जाप से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।

15. अघोर शिव मंत्र से घर में शांति कैसे आती है?

मंत्र का जाप घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करता है, जिससे शांति और सुख की स्थापना होती है।

16. अघोर शिव मंत्र से क्या बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी हो सकती है?

हाँ, इस मंत्र का जाप करने से बुढ़ापे की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

17. अघोर शिव मंत्र से चेहरे पर तेज कैसे बढ़ता है?

मंत्र का जाप करने से चेहरे पर प्राकृतिक तेज और आकर्षण बढ़ता है।

18. अघोर शिव मंत्र से यौवन शक्ति कैसे बढ़ती है?

इस मंत्र का जाप यौवन शक्ति और ताजगी को बनाए रखता है।

19. अघोर शिव मंत्र से पौरुष शक्ति कैसे बढ़ती है?

मंत्र के नियमित जाप से शारीरिक और मानसिक ताकत में वृद्धि होती है।

20. अघोर शिव मंत्र से मान-सम्मान कैसे प्राप्त होता है?

इस मंत्र का जाप समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा को बढ़ाता है।

BOOK HOLIKA PUJAN ON 13 MARCH 2025 (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency