अम्बुवाची कामाख्या
अम्बुवाची मेला असम के गुवाहाटी में स्थित प्रसिद्ध कामाख्या देवी मंदिर में मनाया जाता है। यह मेला कामाख्या देवी की पवित्रता और उनकी महिमा को मान्यता देने के लिए मनाया जाता है। अम्बुवाची मेला वर्ष के चार सबसे महत्वपूर्ण तांत्रिक त्योहारों में से एक माना जाता है और यह वर्ष के सबसे बड़े तांत्रिक मेले में से एक है।
अम्बुवाची मेला को देवी के वार्षिक मासिक धर्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस समय के दौरान, मंदिर के गर्भगृह को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया जाता है और चौथे दिन इसे फिर से खोला जाता है। यह मेला आमतौर पर जून महीने के दौरान आता है।
अम्बुवाची मेले के दौरान भक्तजन और साधक कामाख्या देवी के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं। इस मेले में तांत्रिक, साधु, साध्वी, और श्रद्धालु सभी शामिल होते हैं और विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
अम्बुवाची मेले के दौरान क्या करें
- पूजा और अनुष्ठान: कामाख्या मंदिर में विशेष पूजा और अनुष्ठान होते हैं। इसमें भाग लेना शुभ माना जाता है।
- साधु-संतों से आशीर्वाद: मेले में कई तांत्रिक और साधु-संत आते हैं, उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना।
- ध्यान और साधना: इस पवित्र समय में ध्यान और साधना करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
- भजन-कीर्तन: भक्तिमय वातावरण में भजन-कीर्तन करना।
- मंत्रः “ॐ क्लीं क्लीं कामख्या क्लीं क्लीं नमः” “OM KLEEM KLEEM KAMAKHYA KLEEM KLEEM NAMAHA”
Know more about kamakhya mantra
अम्बुवाची मेले के दौरान क्या न करें:
- निरादर: मंदिर और इसके परिसर का निरादर न करें। यह एक पवित्र स्थल है और यहां के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
- विवाद: मेले के दौरान किसी भी प्रकार के विवाद या झगड़े में न उलझें।
- अनुचित व्यवहार: पवित्र स्थान पर अनुचित व्यवहार या शब्दों का प्रयोग न करें।
अम्बुवाची मेला एक अद्वितीय और पवित्र अवसर है जो तांत्रिक और भक्तिमय जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इस अवसर पर कामाख्या देवी की कृपा प्राप्त करने का अनोखा अवसर मिलता है।