Friday, November 22, 2024

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Bhairav chalisa paath for protection

भैरव चालीसा पाठ भगवान भैरव की महिमा का वर्णन करने वाला एक पवित्र स्तोत्र है, जिसे श्रद्धालु अपने जीवन में सुरक्षा, साहस और भय से मुक्ति पाने के लिए करते हैं। भगवान भैरव को शिव का उग्र रूप माना जाता है, जो समस्त बुराइयों, नकारात्मक शक्तियों और भय से रक्षा करते हैं। भैरव चालीसा का नियमित पाठ करने से नकारात्मक ऊर्जाओं से सुरक्षा प्राप्त होती है और मन में आत्मविश्वास और साहस का विकास होता है।

इस पाठ का विशेष महत्व तांत्रिक साधनाओं और कठिन परिस्थितियों में होता है, जहां भगवान भैरव की कृपा से भक्त सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं। भगवान भैरव की पूजा करने से जीवन में शांति, समृद्धि और संकटों से मुक्ति प्राप्त होती है।

भैरव चालीसा पाठ का आरंभ करने से पहले भक्तों को भगवान शिव और भैरव का स्मरण कर श्रद्धापूर्वक पाठ करना चाहिए।

भैरव चालीसा

दोहा:

श्री गणपति गुरु गौरि पद, सुमिरौँ भैरव राय। बान्छित फल पावौं सदा, कृपा करहु सुभाय।।

चालीसा:

जय भैरव देवन के राजा।
तुम समान नहिं कोई बिराजा।।

काशी में महिमा तुम्हारी।
सर्व विघ्न बाधा हर्ता हमारी।।

सकल सुख भोग पावे नर नारी।
जो कोई ध्यावे तोहि हमारी।।

काल भैरव भूतनाथ कहावत।
तुम बिन सब कार्य विफल हो जात।।

दीन-दुखी के संकट टारो।
दरश दिखा सब कष्ट निवरो।।

जो ध्यावे प्रभु तिहुँ लोक के ताता।
उसके काज सवारे विधाता।।

प्रेत पिसाच निकट नहीं आवें।
महावीर जब नाम सुनावें।।

राम रूप में रघुकुल भूषण।
रूप धर्यो प्रभु आप अगोचन।।

तुम्हरी महिमा ज्योति अपारा।
कालिके तुम ही हो हमारा।।

कृपा करहु जब मन में आवे।
सभी काज सहज सिधि पावे।।

तुम हो बिन सब स्वपन सुहावे।
जब तुम राखो सहाय बनावे।।

तुम्हरी शरण गहै जो कोई।
सो नर कभी दुख ना होई।।

तुम हो दीन दयाल कृपालु।
सर्व भय हर जग में पालु।।

कृपा करहु श्री भैरव दानी।
हरहु आप सब के दुख जानी।।

दास सदा यह विनय उचारे।
कृपा करहु जब मन में आवे।।

दोहा:

भैरव चालीसा जो नित, नित करे पठन। सकल विपत्ति मिटे सब, सदा रहे सुखमय।।

भैरव चालीसा पाठ के लाभ

भैरव चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति को अनेक लाभ प्राप्त होते हैं। यहाँ 20 प्रमुख लाभ दिए गए हैं:

  1. आध्यात्मिक उन्नति: भैरव चालीसा का पाठ व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  2. संकटों का निवारण: यह पाठ जीवन में आने वाले संकटों और बाधाओं को दूर करता है।
  3. शत्रुओं से रक्षा: भैरव चालीसा व्यक्ति को शत्रुओं से रक्षा प्रदान करती है।
  4. तंत्र-मंत्र बाधाओं से मुक्ति: इस चालीसा का पाठ तंत्र-मंत्र और ऊपरी बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
  5. आत्मविश्वास में वृद्धि: भैरव चालीसा का नियमित पाठ आत्मविश्वास को बढ़ाता है।
  6. स्वास्थ्य में सुधार: यह पाठ मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाता है।
  7. धन की प्राप्ति: भैरव चालीसा का पाठ आर्थिक बाधाओं को दूर कर धन प्राप्ति में सहायक होता है।
  8. मन की शांति: यह पाठ मानसिक शांति और संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  9. घर में सुख-शांति: भैरव चालीसा का पाठ घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
  10. आकर्षण शक्ति: यह पाठ व्यक्ति की आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है।
  11. कार्य सिद्धि: भैरव चालीसा का पाठ किसी भी कार्य में सफलता प्राप्त करने में सहायक होता है।
  12. भयमुक्त जीवन: यह पाठ व्यक्ति को भयमुक्त और साहसी बनाता है।
  13. कर्ज मुक्ति: भैरव चालीसा का पाठ कर्ज से मुक्ति दिलाता है।
  14. बुरी नजर से बचाव: इस चालीसा का पाठ बुरी नजर से बचाव करता है।
  15. परिवार में सामंजस्य: भैरव चालीसा का पाठ परिवार में सामंजस्य और आपसी प्रेम बढ़ाता है।
  16. शारीरिक बल: यह पाठ शारीरिक बल और ऊर्जा को बढ़ाता है।
  17. अज्ञात भय से मुक्ति: यह पाठ अज्ञात भय और चिंता से मुक्ति दिलाता है।
  18. बाधाओं का नाश: भैरव चालीसा का पाठ सभी प्रकार की बाधाओं को दूर करता है।
  19. यात्रा में सुरक्षा: यात्रा में सुरक्षा और सफलता प्राप्त करने के लिए यह पाठ अत्यंत लाभकारी है।
  20. मंत्र सिद्धि: इस चालीसा का पाठ मंत्रों की सिद्धि में सहायक होता है।

भैरव चालीसा पाठ से संबंधित सामान्य प्रश्न (FAQ)

  1. भैरव चालीसा का पाठ कब करना चाहिए?
    • प्रातःकाल और संध्याकाल में भैरव चालीसा का पाठ करना शुभ माना जाता है।
  2. भैरव चालीसा का पाठ कैसे करना चाहिए?
    • शुद्ध और स्वच्छ स्थान पर बैठकर, ध्यान और श्रद्धा के साथ भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  3. भैरव चालीसा का पाठ कितनी बार करना चाहिए?
    • नियमित रूप से दिन में एक बार या किसी विशेष समस्या के समाधान के लिए 7, 11 या 21 बार भी कर सकते हैं।
  4. क्या भैरव चालीसा का पाठ किसी विशेष दिन करना चाहिए?
    • रविवार और मंगलवार को भैरव चालीसा का पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  5. भैरव चालीसा का पाठ करने से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए?
    • स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, भगवान भैरव की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीप जलाएं और पुष्प अर्पित करें।
  6. भैरव चालीसा का पाठ करने से कौन-कौन सी बाधाएं दूर होती हैं?
    • तंत्र-मंत्र बाधा, शत्रु बाधा, आर्थिक बाधा और मानसिक बाधाएं दूर होती हैं।
  7. क्या भैरव चालीसा का पाठ समूह में किया जा सकता है?
    • हाँ, भैरव चालीसा का पाठ समूह में भी किया जा सकता है, यह और भी प्रभावी होता है।
  8. क्या भैरव चालीसा का पाठ किसी विशेष माला से करना चाहिए?
    • रुद्राक्ष की माला से भैरव चालीसा का पाठ करना अधिक प्रभावी माना जाता है।
  9. भैरव चालीसा का पाठ कितने समय तक करना चाहिए?
    • नियमित रूप से 40 दिनों तक भैरव चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  10. क्या भैरव चालीसा का पाठ करने के लिए किसी विशेष वस्त्र की आवश्यकता होती है?
    • सफेद या पीले वस्त्र पहनकर पाठ करना शुभ होता है, लेकिन स्वच्छ वस्त्र सबसे महत्वपूर्ण है।
  11. भैरव चालीसा का पाठ करते समय किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए?
    • पूरी श्रद्धा और एकाग्रता के साथ पाठ करना चाहिए। मन को शांत रखें और पाठ पर ध्यान केंद्रित करें।
  12. क्या भैरव चालीसा का पाठ करने से सभी समस्याओं का समाधान हो सकता है?
    • हाँ, यदि सही विधि और पूरी श्रद्धा से पाठ किया जाए तो सभी प्रकार की समस्याओं का समाधान संभव है।
  13. भैरव चालीसा का पाठ करने के बाद क्या करना चाहिए?
    • पाठ के बाद भगवान भैरव से अपनी मनोकामना की प्रार्थना करें और प्रसाद बांटें।
  14. क्या भैरव चालीसा का पाठ रात्रि में किया जा सकता है?
    • हाँ, रात्रि में भी भैरव चालीसा का पाठ किया जा सकता है, विशेषकर संकटों से मुक्ति के लिए।
  15. क्या भैरव चालीसा का पाठ केवल किसी विशेष उद्देश्य के लिए किया जा सकता है?
    • हाँ, किसी विशेष उद्देश्य की पूर्ति के लिए भी भैरव चालीसा का पाठ किया जा सकता है।

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