भुजंग गणेश मंत्र, शत्रु को रखे आपसे दूर!
भुजंग गणेश मंत्र का उच्चारण और जाप विशेष रूप से विघ्नों को दूर करने और कार्यों में सफलता पाने के लिए किया जाता है। यह मंत्र भगवान गणेश के एक विशिष्ट रूप को समर्पित है, जो सभी बाधाओं को हटाने में समर्थ हैं।
भुजंग गणेश मंत्र और उसका अर्थ
मंत्र: ॥ॐ गं ग्लौं भुजंग गणेशाय मम् कार्य सिद्धिं कुरु कुरु नमः॥
अर्थ:
- “ॐ” ब्रम्हांड का पृथम शक्ति मंत्र है।
- “गं” भगवान गणेश के बीज मंत्र का संकेत है।
- “ग्लौं” भुजंग गणेश के विशेष रूप का संकेत है।
- “भुजंग गणेशाय” भगवान गणेश के भुजंग रूप को नमन है।
- “मम् कार्य सिद्धिं कुरु कुरु” का अर्थ है कि भगवान गणेश मेरे कार्य को सफल बनाएं।
- “नमः” का अर्थ है प्रणाम या नमन।
भुजंग गणेश मंत्र के लाभ
- सभी प्रकार के विघ्नों का नाश होता है।
- कार्यों में सफलता मिलती है।
- मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- धन और समृद्धि में वृद्धि होती है।
- पारिवारिक जीवन में सुख-शांति आती है।
- व्यवसाय में प्रगति होती है।
- कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा होती है।
- रोगों से मुक्ति मिलती है।
- यात्रा में सुरक्षा और सफलता प्राप्त होती है।
- कोर्ट-कचहरी के मामलों में विजय मिलती है।
- शिक्षा में सफलता मिलती है।
- सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
भुजंग गणेश मंत्र जप विधि
मंत्र जप का दिन: बुधवार और चतुर्थी तिथि सर्वोत्तम है।
जप अवधि: 11 से 21 दिन तक रोजाना मंत्र का जाप करें।
मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में जाप करना श्रेष्ठ है।
सामग्री: भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र, दीपक, अगरबत्ती, रोली, मौली, चावल, और दूर्वा।
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भुजंग गणेश मंत्र जप संख्या
प्रतिदिन 11 माला (1188 मंत्र) का जाप करें।
भुजंग गणेश मंत्र जप के नियम
- उम्र 20 वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री और पुरुष दोनों जाप कर सकते हैं।
- नीले और काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, पान, और मांसाहार से परहेज करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
भुजंग गणेश मंत्र जप में सावधानियाँ
- मंत्र का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट होना चाहिए।
- जाप करते समय मन को एकाग्र रखें।
- किसी प्रकार की नकारात्मकता को मन में न आने दें।
- एकांत में जाप करना श्रेष्ठ है।
- यदि किसी कारणवश जाप न कर पाएं, तो अगले दिन दोगुनी संख्या में जाप करें।
भुजंग गणेश मंत्र: प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: भुजंग गणेश कौन हैं?
उत्तर: भुजंग गणेश भगवान गणेश का एक विशेष रूप है जो सभी प्रकार के विघ्नों को दूर करते हैं।
प्रश्न 2: इस मंत्र का उच्चारण कब करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र का उच्चारण बुधवार और चतुर्थी तिथि को करना सर्वोत्तम होता है।
प्रश्न 3: मंत्र जप के लिए कितनी माला आवश्यक है?
उत्तर: मंत्र जप के लिए प्रतिदिन 11 माला यानी 1188 मंत्र का जाप करना चाहिए।
प्रश्न 4: क्या महिलाएं भी यह मंत्र जप कर सकती हैं?
उत्तर: हां, महिलाएं भी भुजंग गणेश मंत्र का जाप कर सकती हैं।
प्रश्न 5: क्या मंत्र जप करते समय कुछ सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: हां, मंत्र जप करते समय मन को एकाग्र रखना चाहिए और उच्चारण शुद्ध होना चाहिए।
प्रश्न 6: मंत्र जप में किस प्रकार के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के समय सफेद, पीले, या लाल रंग के कपड़े पहनना चाहिए। नीले और काले कपड़े से बचें।
प्रश्न 7: मंत्र जप के दौरान क्या आहार का पालन करना चाहिए?
उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान शाकाहारी आहार का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 8: क्या मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
प्रश्न 9: मंत्र जप का समय क्या होना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप का सर्वोत्तम समय ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) है।
प्रश्न 10: क्या इस मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो सकते हैं?
उत्तर: हां, भुजंग गणेश मंत्र का जाप करने से सभी प्रकार के विघ्न दूर हो सकते हैं।
प्रश्न 11: मंत्र जप के लिए किस प्रकार की सामग्री चाहिए?
उत्तर: भगवान गणेश की मूर्ति, दीपक, अगरबत्ती, रोली, मौली, चावल, और दूर्वा की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 12: मंत्र जप के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
उत्तर: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, पान, और मांसाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।