चंद्र ग्रहण में कौन से मंत्र जाप से सभी दोष समाप्त होते हैं?
Chandra Grahan Remedies – चंद्र ग्रहण हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना मानी जाती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकता है और जीवन में बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, ग्रहण के समय मंत्र जाप करने से ग्रहों के दोष समाप्त होते हैं। विशेष रूप से चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से अशुभ प्रभाव कम होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है।
ग्रहण काल में मंत्र जाप की महिमा अत्यंत प्रभावशाली होती है। यह न केवल मानसिक शांति देता है, बल्कि जीवन में आने वाली बाधाओं को भी समाप्त करता है। इसलिए, सही विधि और श्रद्धा के साथ किए गए मंत्र जाप से जीवन में शुभता बढ़ती है। इस लेख में हम जानेंगे कि चंद्र ग्रहण के समय कौन-कौन से मंत्रों का जाप करने से समस्त दोष समाप्त होते हैं।
चंद्र ग्रहण के दुष्प्रभाव और उनका समाधान
चंद्र ग्रहण का प्रभाव व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। यह कई प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, जैसे:
- मानसिक तनाव और चिंता बढ़ना।
- आर्थिक समस्याएँ और धन हानि।
- रिश्तों में दरार और कलह।
- स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ, विशेषकर मनोवैज्ञानिक रोग।
- आध्यात्मिक रूप से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव।
समाधान: चंद्र ग्रहण के दौरान विशेष मंत्रों का जाप करने से इन सभी समस्याओं से बचा जा सकता है। ग्रहों के दोषों को कम करने के लिए वैदिक और तांत्रिक मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है।
चंद्र ग्रहण में मंत्र जाप का महत्व
ग्रहण काल में मंत्रों का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इस समय किए गए मंत्र जाप शीघ्र फल प्रदान करते हैं।
- ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
- मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
- जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।
- दैवीय कृपा प्राप्त होती है।
- कर्म दोष और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
शास्त्रों में बताया गया है कि ग्रहण काल में किया गया मंत्र जाप हजार गुना अधिक प्रभावी होता है। इसलिए इस दौरान मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए।
चंद्र ग्रहण में किए जाने वाले विशेष मंत्र
ग्रहण के समय कुछ विशेष मंत्रों का जाप करने से सभी प्रकार के दोष समाप्त होते हैं। आइए जानते हैं इन मंत्रों के बारे में:
1. महामृत्युंजय मंत्र
यह मंत्र जीवन की सभी बाधाओं को दूर करता है और व्यक्ति को दीर्घायु प्रदान करता है।
मंत्र:
|| ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात् ||
2. चंद्र ग्रह शांति मंत्र
यह मंत्र विशेष रूप से चंद्र दोषों को शांत करने के लिए किया जाता है।
मंत्र:
|| ॐ सोम सोमाय नमः ||
3. श्री चंद्र गायत्री मंत्र
इस मंत्र के जाप से मन की अशांति दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
मंत्र:
|| ॐ पद्मद्वजाय विद्महे, हिमरूपाय धीमहि। तन्नो चंद्र: प्रचोदयात् ||
4. श्री विष्णु मंत्र
भगवान विष्णु के इस मंत्र का जाप ग्रहण काल में करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं।
मंत्र:
|| ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ||
चंद्र ग्रहण में मंत्र जाप की विधि
मंत्र जाप तभी प्रभावी होता है जब उसे सही विधि से किया जाए। आइए जानते हैं चंद्र ग्रहण में मंत्र जाप की सही विधि:
- स्नान करें: ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करना आवश्यक होता है।
- शुद्ध स्थान चुनें: जाप के लिए शांत और पवित्र स्थान का चयन करें।
- आसन पर बैठें: ऊनी या कुश के आसन पर बैठकर जाप करें।
- माला का प्रयोग करें: रुद्राक्ष या चंद्र मणि माला से जाप करना शुभ होता है।
- संख्यात्मक जाप करें: मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करना चाहिए।
- दान करें: जाप के बाद दान करना अत्यंत लाभकारी होता है।
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चंद्र ग्रहण में दान का महत्व
ग्रहण के समय दान करने से कई प्रकार के दोष समाप्त होते हैं।
- चावल, सफेद वस्त्र और दूध का दान चंद्र दोष को शांत करता है।
- गाय को चारा और अन्न दान करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
- गरीबों को भोजन और वस्त्र दान करने से जीवन में समृद्धि आती है।
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अंत में
चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्ण ज्योतिषीय घटना है, जिसका प्रभाव सभी पर पड़ता है। इस दौरान मंत्र जाप करने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और शुभ फल प्राप्त होते हैं। महामृत्युंजय मंत्र, चंद्र गायत्री मंत्र और चंद्र ग्रह शांति मंत्र का जाप विशेष रूप से लाभकारी होता है। इसके अलावा, ग्रहण के बाद स्नान और दान करने से भी दोषों का नाश होता है।
यदि आप चंद्र ग्रहण के दौरान इन उपायों को अपनाते हैं, तो आपके जीवन में सकारात्मकता और समृद्धि बढ़ेगी।