Buy now

spot_img
spot_img

Chandrashekhar Bhairav Mantra for Power

Chandrashekhar Bhairav Mantra – संकट नाशक चंद्रशेखर भैरव (Chandrashekhar Bhairav) भगवान भैरव के प्रमुख अवतारों में से एक हैं। वे भगवान शिव के भैरव स्वरूप हैं और उनके वाहन बुलंद गर्दभ (नंदी) को धारण करते हैं। उनके मंत्र का जाप करने से भय, त्रास, और संकटों का नाश होता है और उसे शक्ति, साहस, और सफलता प्राप्त होती है।

चंद्रशेखर भैरव मंत्र और उसका संपूर्ण अर्थ

चंद्रशेखर भैरव मंत्र:

॥ॐ भ्रं चंद्रशेखर भैरवाय फट्॥

मंत्र का अर्थ:

  • ॐ: ब्रह्मांड की मूल ध्वनि, जो सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी भगवान को समर्पित है।
  • भ्रं: ऊर्जा और शक्ति को जागृत करने वाला बीज मंत्र।
  • चंद्रशेखर भैरवाय: चंद्रशेखर भैरव को संदर्भित करता है, जो चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करने वाले भैरव हैं।
  • फट्: नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करने का बीज मंत्र।

चंद्रशेखर भैरव मंत्र के लाभ

  1. मानसिक शांति: इस मंत्र के जप से मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  2. सुरक्षा: जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सुरक्षा मिलती है।
  3. समृद्धि: आर्थिक समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है।
  4. आत्मबल: आत्मबल में वृद्धि होती है।
  5. स्वास्थ्य: अच्छा स्वास्थ्य और लंबी आयु का वरदान मिलता है।
  6. साहस: साहस और वीरता को बढ़ाता है।
  7. शत्रु पर विजय: शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
  8. धन प्राप्ति: धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है।
  9. क्लेश मुक्ति: गृहस्थ जीवन में क्लेश और संघर्ष समाप्त होते हैं।
  10. योग्यता: योग्यता और कार्य क्षमता में वृद्धि होती है।
  11. आध्यात्मिक उन्नति: आत्मा की उन्नति और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।
  12. विघ्न बाधा नाश: जीवन की विघ्न बाधाओं का नाश होता है।
  13. सकारात्मक ऊर्जा: नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
  14. पारिवारिक शांति: पारिवारिक जीवन में शांति और आनंद मिलता है।
  15. सिद्धि प्राप्ति: विभिन्न सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
  16. तंत्र बाधा नाश: तांत्रिक बाधाओं का नाश होता है।
  17. धार्मिक उन्नति: धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  18. कर्ज मुक्ति: कर्ज से मुक्ति मिलती है।
  19. शांति: मानसिक और भावनात्मक शांति प्राप्त होती है।
  20. सात्विकता: सात्विकता और पवित्रता में वृद्धि होती है।

चंद्रशेखर भैरव मंत्र विधि

दिन, अवधि, और मुहूर्त:

  • दिन: सोमवार और शनिवार विशेष रूप से अनुकूल माने जाते हैं।
  • अवधि: मंत्र जप की अवधि 11 से 21 दिन होनी चाहिए।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक) सबसे उत्तम समय है।

सामग्री:

  • चंद्रशेखर भैरव की प्रतिमा या तस्वीर
  • एक माला (रुद्राक्ष माला विशेष रूप से उत्तम)
  • धूप और दीपक
  • सफेद या लाल कपड़ा
  • चंदन
  • नैवेद्य (फल, मिठाई आदि)
  • शुद्ध जल
  • पुष्प

मंत्र जप संख्या

प्रत्येक दिन निम्न संख्या में मंत्र जप करें:

  • एक माला (108 बार): न्यूनतम संख्या
  • ग्यारह माला (1188 बार): अधिकतम संख्या

नियम

  1. शुद्धता: जप करते समय मन और शरीर की शुद्धता बनाए रखें।
  2. समर्पण: पूर्ण समर्पण और श्रद्धा के साथ जप करें।
  3. स्थान: शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर जप करें।
  4. समय: प्रतिदिन एक ही समय पर जप करें।
  5. आसन: सफेद या लाल कपड़े के आसन पर बैठें।
  6. ध्यान: चंद्रशेखर भैरव के रूप का ध्यान करते हुए जप करें।
  7. व्रत: जप के दिनों में व्रत रखें।
  8. संकल्प: जप शुरू करने से पहले संकल्प लें।
  9. मौन: जप के समय मौन रहें और मन को एकाग्र रखें।
  10. संख्या: जप की निर्धारित संख्या का पालन करें।

Get mantra diksha

मंत्र जप सावधानी

  1. अपवित्रता: अपवित्र स्थान या अवस्था में जप न करें।
  2. व्यवधान: जप के दौरान किसी भी प्रकार का व्यवधान न हो।
  3. संकल्प भंग: संकल्प भंग न करें।
  4. नशा: जप के दिनों में नशा और मांसाहार से दूर रहें।
  5. नींद: जप करते समय आलस्य और नींद न आने दें।
  6. ध्यान: ध्यान को भटकने न दें।
  7. मंत्र का उच्चारण: मंत्र का सही उच्चारण करें।
  8. धैर्य: धैर्य और संयम बनाए रखें।
  9. सात्विकता: सात्विक भोजन करें।
  10. विरोधाभास: किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच से दूर रहें।

spiritual store

मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर

  1. चंद्रशेखर भैरव कौन हैं?
    • चंद्रशेखर भैरव भगवान शिव के भैरव रूप हैं, जो चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण करते हैं।
  2. चंद्रशेखर भैरव का मंत्र क्या है?
    • चंद्रशेखर भैरव मंत्र: ॥ॐ भ्रं चंद्रशेखर भैरवाय फट्॥
  3. इस मंत्र का क्या अर्थ है?
    • इस मंत्र का अर्थ है: “चंद्रशेखर भैरव की ऊर्जा और शक्ति को जागृत करना।”
  4. मंत्र जप का सबसे अच्छा दिन कौन सा है?
    • सोमवार और शनिवार।
  5. मंत्र जप की अवधि क्या होनी चाहिए?
    • 11 से 21 दिन।
  6. मंत्र जप का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 बजे से 6 बजे तक)।
  7. मंत्र जप के लिए कौन-कौन सी सामग्री चाहिए?
    • चंद्रशेखर भैरव की प्रतिमा, माला, धूप, दीपक, सफेद या लाल कपड़ा, चंदन, नैवेद्य, शुद्ध जल, पुष्प।
  8. मंत्र जप की न्यूनतम संख्या कितनी होनी चाहिए?
    • एक माला (108 बार)।
  9. मंत्र जप की अधिकतम संख्या कितनी होनी चाहिए?
    • ग्यारह माला (1188 बार)।
  10. मंत्र जप के दौरान कौन-कौन से नियमों का पालन करना चाहिए?
    • शुद्धता, समर्पण, समय का पालन, संकल्प, मौन, ध्यान, व्रत आदि।
  11. मंत्र जप के समय क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
    • अपवित्रता, व्यवधान, संकल्प भंग, नशा, आलस्य, ध्यान, उच्चारण आदि।
  12. चंद्रशेखर भैरव की पूजा से क्या लाभ होता है?
    • मानसिक शांति, सुरक्षा, समृद्धि, आत्मबल की वृद्धि आदि।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency