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Dhanavantari Sabar mantra for Strong Health

धनवंतरी शाबर मंत्र को चिकित्सा के क्षेत्र मे प्रमुख माना जाता है। ये आयुर्वेद के भी देवता और ‘भगवान विष्णु’ का अवतार भी कहा जाता है। धनवंतरी की पूजा मुख्यतः स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए की जाती है। उनके शाबर मंत्र का जप विशेष रूप से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। इस लेख में हम धनवंतरी शाबर मंत्र, उसकी विधि, लाभ, और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।

धनवंतरी शाबर मंत्र

॥ ॐ नमो भगवते धन्वंतरये, अमृतकलश हस्ताय, रामबाण औषधि दीजो, सभी रोग हर लीजो, श्री महाविष्णवे नमः ॥

मंत्र के लाभ

  1. स्वास्थ्य में सुधार: इस मंत्र के जप से स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  2. रोगों से मुक्ति: विभिन्न प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है।
  3. दीर्घायु: दीर्घायु प्राप्त होती है।
  4. आयुर्वेदिक चिकित्सा: आयुर्वेदिक चिकित्सा में सफलता प्राप्त होती है।
  5. मानसिक शांति: मानसिक शांति प्राप्त होती है।
  6. तनाव निवारण: तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  7. सकारात्मक ऊर्जा: जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  8. आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति होती है।
  9. रोग प्रतिरोधक क्षमता: रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
  10. पारिवारिक सुख: परिवार में सुख और शांति का वातावरण बनता है।
  11. धन प्राप्ति: आर्थिक स्थिति में सुधार आता है।
  12. भय निवारण: भय और चिंता से मुक्ति मिलती है।
  13. शत्रु नाश: शत्रुओं से रक्षा होती है।
  14. आत्मविश्वास: आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
  15. जीवन में स्थिरता: जीवन में स्थिरता और संतुलन आता है।
  16. कर्म में सुधार: कर्म में सुधार होता है और अच्छे फल प्राप्त होते हैं।
  17. दिव्य दृष्टि: आध्यात्मिक दृष्टि विकसित होती है।
  18. सुख-समृद्धि: जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  19. साहस: साहस और धैर्य में वृद्धि होती है।
  20. ईश्वरीय कृपा: भगवान धनवंतरी की कृपा सदैव बनी रहती है।

मंत्र जप का दिन, अवधि, मुहूर्त

  1. दिन: धनवंतरी शाबर मंत्र का जप करने के लिए बुधवार और गुरुवार सबसे उत्तम दिन होते हैं।
  2. अवधि: इस मंत्र का जप कम से कम ११ दिन और अधिकतम २१ दिन तक करना चाहिए।
  3. मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ बजे से ६ बजे तक) जप के लिए सर्वोत्तम समय माना जाता है।

सामग्री

  1. रुद्राक्ष की माला: मंत्र जप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करना चाहिए।
  2. गंगाजल: जप से पहले गंगाजल से हाथ-पैर धो लेना चाहिए।
  3. दीपक: शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए।
  4. धूप: धूप बत्ती से वातावरण को शुद्ध करना चाहिए।
  5. धनवंतरी प्रतिमा: धनवंतरी की प्रतिमा के सामने बैठकर जप करना चाहिए।
  6. पंचामृत: धनवंतरी प्रतिमा पर पंचामृत चढ़ाना चाहिए।
  7. तुलसी के पत्ते: धनवंतरी प्रतिमा पर तुलसी के पत्ते अर्पित करना चाहिए।

मंत्र जप संख्या

धनवंतरी शाबर मंत्र का जप निम्नलिखित प्रकार से करना चाहिए:

  • एक माला: १०८ बार
  • ग्यारह माला: ११८८ बार

नियम

  1. शुद्धता: मंत्र जप के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
  2. एकांत: जप के समय एकांत स्थान का चयन करना चाहिए।
  3. धनवंतरी प्रतिमा के सामने: मंत्र जप धनवंतरी की प्रतिमा के सामने बैठकर करना चाहिए।
  4. समय का ध्यान: रोज एक ही समय पर जप करना चाहिए।
  5. ध्यान: जप के समय ध्यान केंद्रित रखना चाहिए।
  6. श्रद्धा: मन में श्रद्धा और विश्वास रखना चाहिए।
  7. ध्यान मंत्र: जप से पहले भगवान धनवंतरी का ध्यान करना चाहिए।
  8. नियमितता: जप नियमित रूप से करना चाहिए।
  9. व्रत: जप के दौरान उपवास रखना चाहिए।
  10. आहार: शुद्ध और सात्विक आहार का सेवन करना चाहिए।

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सावधानी

  1. विघ्नों से बचाव: जप के दौरान विघ्नों से बचाव करना चाहिए।
  2. अशुद्धता से बचें: जप के समय अशुद्धता से बचना चाहिए।
  3. शुद्ध वस्त्र: शुद्ध वस्त्र पहनकर जप करना चाहिए।
  4. मन की स्थिरता: मन को स्थिर और शांत रखना चाहिए।
  5. अनुष्ठान के नियम: अनुष्ठान के नियमों का पालन करना चाहिए।
  6. धनवंतरी प्रतिमा का अपमान नहीं: धनवंतरी प्रतिमा का अपमान नहीं करना चाहिए।
  7. श्रद्धा और विश्वास: मन में श्रद्धा और विश्वास बनाए रखना चाहिए।
  8. नियमितता: अनुष्ठान को अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए।
  9. शांति: जप के समय शांति बनाए रखना चाहिए।
  10. आहार: सात्विक आहार का ही सेवन करना चाहिए।

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मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर

  1. धनवंतरी शाबर मंत्र का अर्थ क्या है?
    • इस मंत्र का अर्थ है कि भगवान धनवंतरी की कृपा से सभी रोग और कष्ट समाप्त हो जाते हैं।
  2. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप कब करना चाहिए?
    • बुधवार और गुरुवार को ब्रह्म मुहूर्त में जप करना चाहिए।
  3. धनवंतरी शाबर मंत्र के क्या लाभ हैं?
    • स्वास्थ्य में सुधार, रोगों से मुक्ति, दीर्घायु, मानसिक शांति आदि।
  4. इस मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
    • कम से कम ११ दिन और अधिकतम २१ दिन।
  5. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप किस सामग्री से करना चाहिए?
    • रुद्राक्ष की माला, गंगाजल, दीपक, धूप, धनवंतरी प्रतिमा, पंचामृत और तुलसी के पत्ते।
  6. क्या धनवंतरी शाबर मंत्र का जप एकांत में करना चाहिए?
    • हाँ, एकांत स्थान का चयन करना चाहिए।
  7. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप कितनी बार करना चाहिए?
    • एक माला यानी १०८ बार से लेकर ११ माला यानी ११८८ बार।
  8. क्या धनवंतरी शाबर मंत्र के जप से शत्रु नाश होता है?
    • हाँ, शत्रुओं से रक्षा होती है।
  9. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप कैसे करना चाहिए?
    • शुद्धता, एकांत, धनवंतरी प्रतिमा के सामने, समय का ध्यान, ध्यान और श्रद्धा के साथ।
  10. क्या धनवंतरी शाबर मंत्र के जप के समय उपवास रखना चाहिए?
    • हाँ, उपवास रखना चाहिए।
  11. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप करने के लिए कौन सा दिन सबसे उत्तम होता है?
    • बुधवार और गुरुवार।
  12. धनवंतरी शाबर मंत्र का जप किस समय करना चाहिए?
    • ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ बजे से ६ बजे तक)।

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