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Five Navratri Mistakes That Can Ruin Your Worship

ये 5 गलतियाँ नवरात्रि में बर्बाद कर सकती हैं आपकी पूजा!

Five Navratri Mistakes नवरात्रि का पर्व पूरे भारतवर्ष में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि इन 9 दिनों में माँ दुर्गा की उपासना करने से मनचाही सिद्धि, शक्ति और सफलता प्राप्त होती है। लेकिन अक्सर साधक अनजाने में कुछ ऐसी गलतियाँ कर बैठते हैं जिनसे उनकी पूजा का फल कम हो जाता है या कभी-कभी पूरी साधना ही व्यर्थ चली जाती है।

DivyayogAshram के अनुभवों के अनुसार, नवरात्रि साधना केवल पूजा-पाठ भर नहीं है, बल्कि यह नियम, शुद्धाचार और सच्चे मन की भक्ति पर आधारित है। अगर साधक थोड़ी सावधानी बरते और कुछ मूलभूत नियमों का पालन करे तो माँ दुर्गा की कृपा निश्चित ही प्राप्त होती है। इस लेख में हम उन 5 मुख्य गलतियों का विश्लेषण करेंगे जो नवरात्रि में आपकी पूजा को बर्बाद कर सकती हैं।


नंबर 1 – शुद्धता और स्वच्छता की अनदेखी

  • नवरात्रि में पूजा का सबसे पहला नियम है शुद्धता।
  • बहुत से लोग पूजा शुरू तो कर देते हैं, लेकिन स्थान, आसन या शरीर की शुद्धि पर ध्यान नहीं देते।
  • पूजा स्थल पर गंदगी, जूठे बर्तन या अपवित्र वस्तुएँ रखना माँ की कृपा में बाधा डालता है।
  • सही तरीका: स्नान करके, स्वच्छ वस्त्र पहनकर और पवित्र स्थान पर ही पूजा करें। पूजा स्थान को रोज गंगाजल या गौमूत्र से शुद्ध करना अत्यंत लाभकारी है।

नंबर 2 – पूजा में ध्यान का अभाव

  • केवल मंत्र बोलने या फूल चढ़ाने से साधना सफल नहीं होती।
  • बहुत से साधक पूजा के दौरान मन को इधर-उधर भटकने देते हैं।
  • मोबाइल देखना, बात करना या मन में अन्य विचार लाना सबसे बड़ी भूल है।
  • सही तरीका: मंत्र जपते समय मन और ध्यान दोनों माँ दुर्गा पर ही केंद्रित रखें। रोज कम से कम 15–20 मिनट ध्यानपूर्वक जप करें।

3 – गलत नियम या आचार का पालन

  • लगभग 90% लोग अनजाने में यह गलती करते हैं।
  • नवरात्रि में तामसिक आहार (मांस, शराब, प्याज, लहसुन) का सेवन करना पूजा का प्रभाव नष्ट कर देता है।
  • कुछ लोग नौ दिन व्रत रखते हुए भी रात को अनुचित भोजन कर लेते हैं।
  • सही तरीका: इन 9 दिनों में सात्विकता ही साधना का आधार है। फलाहार, दूध, फल, सूखे मेवे और हवन योग्य सामग्री का ही सेवन करें।

नंबर 4 – मंत्र उच्चारण में अशुद्धि

  • बहुत बार लोग मंत्रों का गलत उच्चारण करते हैं।
  • अधूरे मंत्र या जल्दी-जल्दी बोले गए जप का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
  • मंत्र शक्ति तभी प्रकट होती है जब उसे श्रद्धा और सही उच्चारण के साथ बोला जाए।
  • सही तरीका: अगर आप मंत्र का सही उच्चारण नहीं जानते तो गुरु से सीखें या फिर “ॐ दुं दुर्गायै नमः” जैसा सरल मंत्र नियमित रूप से जपें।

नंबर 5 – दान और सेवा की उपेक्षा

  • नवरात्रि केवल माँ दुर्गा की मूर्ति या चित्र की पूजा करने तक सीमित नहीं है।
  • दान, कन्या पूजन, गौ सेवा और जरूरतमंदों की मदद करना भी साधना का हिस्सा है।
  • कई लोग पूजा करते हैं लेकिन सेवा और दान से बचते हैं, जिससे फल अधूरा रह जाता है।
  • सही तरीका: साधना के अंतिम दिन कन्या पूजन करें, भोजन कराएँ और दान करें। गौ सेवा, अन्नदान या गरीब को वस्त्र दान करना माँ की विशेष कृपा को आकर्षित करता है।

DivyayogAshram का मार्गदर्शन

DivyayogAshram मानता है कि नवरात्रि में पूजा तभी सफल होगी जब साधक केवल विधि पर नहीं, बल्कि भाव और नियम पर भी ध्यान दे। इन 9 दिनों में की गई साधना भविष्य का मार्ग बदलने की शक्ति रखती है, बशर्ते यह पूर्ण शुद्धता और सच्चे मन से की जाए।


नवरात्रि में पूजा के लाभ (यदि सही नियमों से करें)

  1. मनोकामना पूर्ण होती है।
  2. घर-परिवार में शांति और सौहार्द आता है।
  3. धन-समृद्धि और वैभव प्राप्त होता है।
  4. शत्रु और बाधाओं से रक्षा होती है।
  5. संतान सुख और परिवार की उन्नति होती है।
  6. मानसिक शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  7. रोग और कष्ट दूर होते हैं।
  8. आत्मिक शक्ति और ध्यान की गहराई मिलती है।
  9. कर्मबंधनों से मुक्ति और मोक्ष की दिशा मिलती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या नवरात्रि में बिना व्रत के पूजा कर सकते हैं?
हाँ, लेकिन सात्विकता और नियमों का पालन आवश्यक है।

Q2. क्या घर पर पूजा करने से भी सिद्धि मिलती है?
हाँ, श्रद्धा और भक्ति से की गई घर की साधना भी उतनी ही प्रभावी होती है।

Q3. अगर मंत्र याद न हो तो क्या करें?
सरल मंत्र “ॐ दुं दुर्गायै नमः” का जप करें।

Q4. क्या केवल नौवें दिन पूजा करना पर्याप्त है?
पूरे नौ दिन पूजा करना श्रेष्ठ है, लेकिन श्रद्धा से किया गया एक दिन का पूजन भी फल देता है।

Q5. क्या नवरात्रि में परिवार के सभी लोग शामिल हो सकते हैं?
हाँ, सामूहिक पूजा और जप से ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है।

Q6. अगर कोई गलती हो जाए तो क्या करें?
माँ दुर्गा करुणामयी हैं, सच्चे मन से क्षमा मांगने पर दोष मिट जाता है।

Q7. क्या हर नवरात्रि में अलग-अलग देवी की साधना करनी चाहिए?
हाँ, प्रत्येक दिन की देवी की पूजा करने से जीवन की अलग-अलग बाधाएँ दूर होती हैं।


इस लेख में बताए गए पाँच मुख्य गलतियों से बचकर यदि आप नवरात्रि की साधना करेंगे, तो माँ दुर्गा की कृपा से आपकी हर मनोकामना पूरी होगी।


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