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Future Grahan and its Astrological Sadhana Impact

भविष्य का ग्रहण और उसका ज्योतिषीय साधना पर प्रभाव

Astrological Sadhana Impact ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन इसके प्रभाव केवल आकाश तक सीमित नहीं रहते। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य और चंद्र ग्रहण मानव जीवन, प्रकृति और साधना पर गहरा असर डालते हैं। भविष्य में आने वाले ग्रहण साधकों के लिए विशेष महत्व रखते हैं क्योंकि ये समय ऊर्जा परिवर्तन और आध्यात्मिक उन्नति के अवसर माने जाते हैं।
DivyayogAshram के अनुसार, यदि कोई साधक ग्रहण काल में उचित मंत्र-जाप, ध्यान और साधना करता है तो उसे सामान्य समय से कहीं अधिक फल मिलता है। यह काल पापों की शुद्धि, बाधाओं की मुक्ति और दिव्य कृपा प्राप्ति का शक्तिशाली माध्यम है।


भविष्य के ग्रहण का साधना पर प्रभाव

  • ग्रहण काल में मंत्रों की शक्ति कई गुना बढ़ जाती है।

  • साधक की एकाग्रता स्वाभाविक रूप से गहरी होती है।

  • इस समय की साधना से जीवन में नकारात्मक ग्रहदोष शांत होते हैं।

  • ग्रहण साधना से आत्मबल और आभामंडल (Aura) अत्यधिक प्रबल होता है।


ग्रहण साधना के लाभ

  1. ग्रह दोष और पितृ दोष की शांति।

  2. शत्रु और नकारात्मक शक्तियों से रक्षा।

  3. आर्थिक बाधाओं का निवारण और धन वृद्धि।

  4. स्वास्थ्य लाभ और रोगों से मुक्ति।

  5. आध्यात्मिक ऊर्जा में वृद्धि।

  6. पूर्वजों की कृपा प्राप्त होना।

  7. घर-परिवार में शांति और सौहार्द।

  8. साधना और मंत्र सिद्धि में सफलता।

  9. मानसिक संतुलन और आत्मविश्वास में वृद्धि।

  10. संकट और विपत्ति से मुक्ति।

  11. जीवन में नए अवसरों का आगमन।

  12. विवाह और संतान संबंधी समस्याओं का समाधान।

  13. भूत-प्रेत और तांत्रिक बाधाओं से सुरक्षा।

  14. गुरु-कृपा और देवकृपा की प्राप्ति।

  15. कर्मों का शुद्धिकरण और आत्मा की उन्नति।


ग्रहण साधना के नियम (Niyam)

  • ग्रहण से पहले भोजन न करें और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करें।

  • साधना करते समय पवित्र वस्त्र पहनें।

  • केवल सात्विक भोजन करें और नकारात्मक विचारों से बचें।

  • साधना के समय दीपक, धूप और जल का प्रयोग करें।

  • ग्रहण काल में चुने हुए मंत्र का लगातार जाप करें।

  • साधना स्थल को स्वच्छ और पवित्र रखें।

  • साधना के बाद दान-पुण्य करें।


कौन कर सकता है ग्रहण साधना?

  • गृहस्थ लोग जो जीवन में शांति और समृद्धि चाहते हैं।

  • विद्यार्थी जो पढ़ाई में एकाग्रता और सफलता चाहते हैं।

  • व्यापारी और नौकरीपेशा लोग जो तरक्की और धन चाहते हैं।

  • साधक जो आध्यात्मिक उन्नति और सिद्धि पाना चाहते हैं।

  • महिलाएं और पुरुष दोनों समान रूप से लाभ प्राप्त कर सकते हैं।


सामान्य प्रश्न

Q1. क्या ग्रहण साधना घर पर की जा सकती है?
हाँ, यदि नियमों और विधियों का पालन किया जाए तो घर पर भी यह साधना संभव है।

Q2. ग्रहण के दौरान कौन सा मंत्र श्रेष्ठ है?
ग्रहण काल में “ॐ नमः शिवाय” और “गायत्री मंत्र” का जाप विशेष फलदायी माना जाता है।

Q3. क्या ग्रहण साधना हर कोई कर सकता है?
हाँ, कोई भी व्यक्ति श्रद्धा और शुद्ध आचरण के साथ साधना कर सकता है।

Q4. क्या ग्रहण साधना से ग्रहदोष दूर हो जाते हैं?
हाँ, ग्रहण साधना विशेष रूप से ग्रह दोष और पितृ दोष शांति के लिए प्रभावी है।

Q5. ग्रहण के बाद स्नान क्यों आवश्यक है?
स्नान से शरीर और मन की शुद्धि होती है और साधना का फल स्थायी बनता है।

Q6. क्या गर्भवती महिलाओं को ग्रहण साधना करनी चाहिए?
उन्हें केवल मानसिक जप और प्रार्थना करनी चाहिए, शारीरिक साधना से बचना उचित है।

Q7. ग्रहण साधना कितनी देर करनी चाहिए?
ग्रहण की अवधि जितनी है, उतने समय तक मंत्र जाप करना उत्तम है।


अंत मे

भविष्य के ग्रहण साधकों के लिए केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि साधना का अद्भुत अवसर हैं। इस समय किए गए मंत्र जाप और साधना साधारण समय से कई गुना अधिक फल देते हैं।
DivyayogAshram का मानना है कि यदि श्रद्धा, नियम और विधि से ग्रहण साधना की जाए तो साधक के जीवन में समृद्धि, शांति और सफलता निश्चित रूप से आती है।

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