गणेश मोदक सूक्त पाठ जो सुख समृद्धि के साथ सुरक्षा प्रदान करे
गणेश मोदक सूक्त भगवान गणेश को समर्पित एक अद्वितीय स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश की कृपा से समस्त विघ्नों का नाश और समृद्धि की प्राप्ति का वर्णन है। इसे मोदक सूक्त इसलिए कहा जाता है क्योंकि भगवान गणेश को मोदक अतिप्रिय हैं, और इस सूक्त के पाठ से भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
संपूर्ण गणेश मोदक सूक्त और उसका अर्थ
गणेश मोदक सूक्त भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष स्तोत्र है, जिसमें भगवान गणेश की कृपा और उनके प्रिय मोदक का उल्लेख है। यह सूक्त भगवान गणेश के भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है।
गणेश मोदक सूक्त:
- ॐ नमो गणपतये त्वामेव प्रकटं तत्त्वम्। त्वामेव परमं ब्रह्म त्वामेव जगतां कारणम्॥ अर्थ:
गणपति को नमस्कार है। आप ही परम तत्त्व हैं, परम ब्रह्म हैं और समस्त जगत के कारण हैं। - त्वामेव श्रुतयः सर्वाः त्वामेव विधिवाक्यतः। त्वामेव सर्वमशेषं त्वामेव पारमं धाम॥ अर्थ:
सभी वेद आपके स्वरूप का ही वर्णन करते हैं। आप ही परम धाम हैं और सर्वस्व हैं। - मोदकप्रिय भक्तानां मोक्षदायक मोदकाय। त्वां भक्तिपूर्वकं ध्यायन् योग्यस्त्वत्कृपया सदा॥ अर्थ:
आप मोदकप्रिय हैं और भक्तों को मोक्ष देने वाले हैं। आपकी कृपा से भक्त सदा योग्य बनते हैं। - मोदकं प्रियं देहि मे सर्वमंगलमङ्गलम्। सर्वविघ्ननाशनं देहि सर्वेश्वर नमोऽस्तु ते॥ अर्थ:
मुझे प्रिय मोदक प्रदान करें और सभी विघ्नों का नाश करें। सर्वेश्वर को नमस्कार है। - त्वमेव विघ्ननाशाय पापघ्नाय नमोऽस्तु ते। त्वमेव ज्ञानरूपाय मोदकप्रिय मूर्तये॥ अर्थ:
विघ्नों का नाश करने वाले और पापों का नाश करने वाले आपको नमस्कार है। आप ज्ञान स्वरूप हैं और मोदकप्रिय हैं। - त्वामेव शरणं प्राप्य सर्वमङ्गलमङ्गले। मोदकं प्रियं देहि भक्तानां मोदकप्रियाय नमः॥ अर्थ:
आपको शरण में पाकर सभी मंगल की प्राप्ति होती है। भक्तों को प्रिय मोदक देने वाले, आपको नमस्कार है। - गणेशाय नमस्तुभ्यं सर्वसिद्धिप्रदायक। मोदकप्रिय भक्तानां सर्वविघ्नविनाशक॥ अर्थ:
गणेशजी को नमस्कार, जो सभी सिद्धियाँ प्रदान करते हैं। भक्तों के प्रिय, आप सभी विघ्नों का विनाश करते हैं। - त्वमेव शक्तिदायक त्वमेव भक्तवत्सल। मोदकप्रिय मूर्तये नमस्ते विघ्नराजक॥ अर्थ:
आप ही शक्ति देने वाले हैं और भक्तों के प्रति स्नेह रखते हैं। विघ्नराज गणेश, आपको नमस्कार है।
मोदक सूक्त के लाभ
- सभी विघ्नों का नाश होता है।
- मानसिक शांति और स्थिरता प्राप्त होती है।
- आर्थिक समृद्धि में वृद्धि होती है।
- परिवार में सुख और शांति का वातावरण बनता है।
- स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
- कार्यों में सफलता मिलती है।
- आध्यात्मिक प्रगति होती है।
- भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- शत्रुओं से रक्षा होती है।
- विद्या और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- आध्यात्मिक साधना में दृढ़ता आती है।
- सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
मोदक सूक्त पाठ विधि
दिन:
मंगलवार और चतुर्थी तिथि पर मोदक सूक्त का पाठ विशेष फलदायी होता है।
अवधि:
इसका पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से किया जाना चाहिए।
मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पाठ करना श्रेष्ठ होता है।
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मोदक सूक्त पाठ के नियम
- पूजा और साधना को गुप्त रखें।
- स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें।
- मोदक का प्रसाद अर्पित करें और बाद में उसे ग्रहण करें।
- पाठ के दौरान मन को एकाग्र रखें और कोई विकार न आने दें।
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मोदक सूक्त पाठ में सावधानियाँ
- पाठ का उच्चारण शुद्ध और स्पष्ट होना चाहिए।
- जप करते समय मन को भटकने न दें।
- साधना के दौरान मांसाहार और तामसिक भोजन का सेवन न करें।
- कोई भी नकारात्मक विचार मन में न लाएं।
- साधना के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।
मोदक सूक्त – प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: मोदक सूक्त क्या है?
उत्तर: मोदक सूक्त भगवान गणेश को समर्पित एक स्तोत्र है जो विघ्नों का नाश करता है और सुख-समृद्धि लाता है।
प्रश्न 2: मोदक सूक्त का पाठ कब करना चाहिए?
उत्तर: मोदक सूक्त का पाठ मंगलवार और चतुर्थी तिथि को करना उत्तम होता है।
प्रश्न 3: मोदक सूक्त का पाठ कितने दिनों तक करना चाहिए?
उत्तर: मोदक सूक्त का पाठ 41 दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
प्रश्न 4: पाठ के दौरान क्या सामग्री की आवश्यकता होती है?
उत्तर: भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र, दीपक, अगरबत्ती, रोली, मौली, चावल, और मोदक की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 5: क्या मोदक सूक्त का पाठ करने से सभी विघ्न दूर हो सकते हैं?
उत्तर: हां, मोदक सूक्त का पाठ करने से सभी विघ्न दूर हो सकते हैं।
प्रश्न 6: क्या मोदक सूक्त का पाठ करने के लिए कुछ विशेष नियम हैं?
उत्तर: हां, पाठ के दौरान साधना को गुप्त रखना चाहिए और नियमों का पालन करना चाहिए।
प्रश्न 7: मोदक सूक्त का पाठ करने से क्या लाभ होता है?
उत्तर: मोदक सूक्त का पाठ करने से मानसिक शांति, समृद्धि, और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
प्रश्न 8: क्या मोदक सूक्त का पाठ करने के दौरान कोई विशेष सावधानियाँ रखनी चाहिए?
उत्तर: हां, पाठ के दौरान उच्चारण शुद्ध होना चाहिए और ध्यान एकाग्र रखना चाहिए।
प्रश्न 9: क्या मोदक सूक्त का पाठ केवल पुरुष ही कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, मोदक सूक्त का पाठ स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
प्रश्न 10: क्या मोदक सूक्त का पाठ करते समय मांसाहार का सेवन किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, पाठ के दौरान मांसाहार और तामसिक भोजन का सेवन वर्जित है।
प्रश्न 11: मोदक सूक्त का पाठ करने के लिए कौन सा समय सबसे उत्तम है?
उत्तर: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) में पाठ करना सबसे उत्तम है।
प्रश्न 12: क्या पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक है?
उत्तर: हां, पाठ के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
प्रश्न 13: मोदक सूक्त का पाठ कैसे करना चाहिए?
उत्तर: पाठ करते समय भगवान गणेश का ध्यान करें और मोदक का प्रसाद अर्पित करें।