धुमोरना – बस एक रात की साधना और जीवनभर की समस्याओं से छुटकारा
Ghumorna Devi Holi Sadhana – होली केवल रंगों का पर्व नहीं, बल्कि तंत्र और सिद्धियों की रात भी होती है। इस रात की गई साधना शीघ्र फलदायी होती है। यह रात्रि नकारात्मक शक्तियों को दूर करने, आर्थिक संकट से मुक्ति और शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। विशेष मंत्रों और साधनाओं का पालन करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
क्यों का समाधान है होली की रात की साधना
इस रात को किए गए तांत्रिक और वैदिक अनुष्ठान अत्यंत प्रभावशाली होते हैं। यह रात तंत्र, सिद्धि और शक्ति प्राप्त करने के लिए उपयुक्त मानी गई है। इस रात विशेष रूप से की गई साधना से दुर्भाग्य दूर होता है। इस अवसर पर किए गए अनुष्ठान जीवन में सुख, समृद्धि और सफलता दिलाते हैं।
होली की रात की साधना के अद्भुत लाभ
- नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति
- आर्थिक समस्या का समाधान
- शत्रुओं से रक्षा और विजय
- घर में सुख-शांति का आगमन
- दुर्भाग्य से छुटकारा
- स्वास्थ्य में सुधार
- आध्यात्मिक उन्नति
- करियर और व्यवसाय में सफलता
- विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण
- ऋण और कर्ज से मुक्ति
- संतान प्राप्ति में सहायता
- कोर्ट-कचहरी के मामलों में सफलता
- ग्रह दोषों का निवारण
- रिश्तों में मधुरता
- मानसिक शांति और आत्मिक बल
होली की रात साधना के नियम
साधना से पहले ध्यान देने योग्य बातें
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- साधना के लिए एकांत स्थान का चयन करें।
- साधना में पूर्ण निष्ठा और विश्वास रखें।
- किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन न करें।
- मन को शांत और एकाग्र रखें।
महत्वपूर्ण नियम
- साधना पूर्ण गोपनीय रखें।
- साधना के दौरान मोबाइल या अन्य चीजों से ध्यान न भटकाएं।
- किसी भी साधना को अधूरा न छोड़ें।
- गुरु या योग्य मार्गदर्शक से परामर्श लेकर ही साधना करें।
- साधना के बाद ईश्वर को धन्यवाद दें।
शुभ मुहूर्त
होली पूजन का सही समय
- पूर्णिमा तिथि: होली की रात पूर्णिमा तिथि में साधना करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- रात्रि काल: रात्रि 11:30 बजे से 3:00 बजे के बीच किया गया साधना विशेष फलदायी होती है।
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 4:00 से 6:00 बजे के बीच की गई साधना अत्यधिक प्रभावशाली होती है।
होली की रात साधना विधि
सामग्री
- लाल वस्त्र
- दीपक और धूपबत्ती
- काले तिल और काले उड़द की दाल
- कर्पूर और गोघृत दीपक
- विशेष मंत्र का जाप करने के लिए रुद्राक्ष माला
- सिंदूर, गुड़ और सरसों के दाने
साधना की प्रक्रिया
- सबसे पहले स्नान करके पवित्र हो जाएं।
- पूर्व दिशा में बैठकर एक लकड़ी का आसन बिछाएं।
- सामने लाल कपड़ा बिछाकर उस पर दीपक जलाएं।
- काले उड़द और काले तिल की एक ढेरी बनाएं।
- ॐ ह्रीं धुमोर्ने सर्व विघ्न बाधा किलि किलि हुं फट् मंत्र का 108 बार जाप करें।
- धुमोर्ना देवी यमराज की पत्नी मानी जाती है जो क्रूर कर्म की देवी मानी जाती है, इनकी साधना सभी तरह के विघ्नों को शांत कर देता है.
- पूजा समाप्त होने के बाद किसी जरूरतमंद को उड़द और तिल का दान करें।
- अंत में ईश्वर से अपने उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रार्थना करें।
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होली की रात साधना से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. होली की रात साधना क्यों की जाती है
यह रात तांत्रिक और सिद्धियों के लिए अत्यधिक प्रभावशाली होती है। इस रात की गई साधना से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं।
2. क्या होली की रात तंत्र साधना करना सुरक्षित है
हाँ, यदि इसे सही विधि से किया जाए और किसी योग्य गुरु के मार्गदर्शन में किया जाए।
3. क्या कोई भी व्यक्ति यह साधना कर सकता है
हाँ, कोई भी श्रद्धालु इस साधना को कर सकता है, लेकिन नियमों का पालन आवश्यक है।
4. क्या इस साधना से आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है
हाँ, यह साधना आर्थिक संकट को दूर करने में सहायक होती है।
5. क्या ग्रह दोषों को दूर करने के लिए यह साधना कारगर है
हाँ, यह साधना विशेष रूप से शनि, राहु और केतु के दोषों को कम करने में सहायक होती है।
6. क्या साधना के दौरान कोई विशेष भोग लगाना चाहिए
जी हाँ, गुड़, तिल और सरसों के दाने का भोग अर्पित करना शुभ होता है।
7. साधना के बाद क्या करना चाहिए
साधना के बाद प्रसाद बांटना और जरूरतमंदों को दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।