Buy now

spot_img
spot_img

Gupt Navratri Sadhana for Speech, Success & Wisdom

9 रातों में चमत्कार – गुप्त नवरात्रि की सिद्ध साधना विधि

Gupt Navratri Sadhana गुप्त नवरात्रि तंत्र और साधना की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह वह काल होता है जब साधक शक्तियों को जाग्रत कर सिद्धियाँ प्राप्त करता है। विशेषतः वाग्वादिनी सरस्वती मंत्र साधना के माध्यम से वाणी की शक्ति, विद्या, लेखन, संवाद, प्रभाव और प्रतिष्ठा में अद्भुत वृद्धि संभव होती है। यह साधना छात्रों, वक्ताओं, वकीलों, कलाकारों और गुरुजनों के लिए विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।
DivyaYogaAshram द्वारा प्रमाणित यह साधना 9 रात्रियों में चमत्कारी परिणाम देने वाली मानी जाती है। यदि कोई साधक पूर्ण निष्ठा, नियम, और विधि से यह साधना करता है, तो उसकी वाणी में मंत्रशक्ति आ जाती है। यह साधना विशेष रूप से गुप्त नवरात्रि में की जाती है, जब ब्रह्मांडीय शक्तियाँ अत्यधिक सक्रिय होती हैं। इस साधना से साधक का आत्मबल, स्मरण शक्ति और आत्मविश्वास तीव्र हो जाता है।


साधना के अद्भुत लाभ

  1. वाणी में चमत्कारी प्रभाव
  2. लेखन व वक्तृत्व में सिद्धि
  3. प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता
  4. स्मरण शक्ति और बुद्धि वृद्धि
  5. कला, संगीत, और गायन में विकास
  6. आत्मविश्वास में अद्भुत वृद्धि
  7. संवाद और प्रस्तुति में श्रेष्ठता
  8. विरोधियों की वाणी रुक जाना
  9. विद्यार्थियों के लिए वरदान
  10. शिक्षक, वकील, कलाकार हेतु लाभकारी
  11. देवी सरस्वती की कृपा प्राप्ति
  12. आध्यात्मिक जागरण की शुरुआत
  13. मौन तप की सिद्धि
  14. उच्च आध्यात्मिक अनुभव
  15. नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा

साधना के नियम (Niyam)

  • ब्रह्मचर्य का पालन करें
  • प्रतिदिन एक ही समय पर साधना करें
  • सफेद वस्त्र पहनें
  • साधना स्थल शांत और शुद्ध रखें
  • दक्षिणाभिमुख होकर साधना करें
  • किसी को साधना की जानकारी न दें
  • 9 रात्रियाँ लगातार करें, बिना रुकावट

सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि (2025): 26 जून से 4 जुलाई तक

  • आरंभ: प्रातः 4:30 से सूर्योदय से पूर्व
  • यदि रात्रि में करें: रात 11:00 से 1:00 (निशा काल)
  • नवमी रात्रि को विशेष पुष्पार्चन और हवन करें

मंत्र साधना विधि

  1. स्नान करके स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण करें
  2. सामने देवी सरस्वती का चित्र या यंत्र रखें
  3. गाय के घी का दीपक जलाएं
  4. चंदन और सफेद पुष्प चढ़ाएं
  5. आसन पर बैठकर 108 बार जाप करें
    • मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं श्रीं वाग्वादिनी सरस्वत्यै नमः
  6. जाप के लिए सफेद चंदन की माला का प्रयोग करें
  7. प्रतिदिन साधना के बाद अंत में देवी को कर्पूर आरती करें
  8. नवमी तिथि को पूर्णाहुति रूप में हवन करें (गुड़, चावल, तिल, गौघृत से)

Get mantra diksha

64 Yogini Sadhana Shivir

Buy kamakhya sindur


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या यह साधना कोई भी कर सकता है?
हाँ, जो साधना नियमों का पालन कर सके वह कर सकता है।

Q2. मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?
प्रतिदिन कम से कम 108 बार, अधिकतम 1008 बार।

Q3. यदि कोई दिन छूट जाए तो क्या करें?
साधना दोबारा आरंभ करें या उस दिन की क्षमा याचना करके आगे बढ़ें।

Q4. क्या महिलाएं भी यह साधना कर सकती हैं?
हाँ, परंतु रजस्वला अवस्था में विराम लें।

Q5. सफेद पुष्प नहीं मिले तो क्या करें?
तुलसी पत्र या अक्षत से काम चला सकते हैं।

Q6. साधना करते समय कौन-से भाव रखें?
श्रद्धा, एकाग्रता और समर्पण।

Q7. क्या इससे वाणी दोष भी दूर होते हैं?
हाँ, यह साधना वाणी दोष और हकलाने जैसे दोषों को दूर करती है।


यदि आप भी 9 रातों में वाणी, विद्या और आत्मबल में सिद्धि पाना चाहते हैं, तो DivyaYogaAshram द्वारा प्रमाणित इस साधना को अपनाएं और जीवन में चमत्कारी परिवर्तन अनुभव करें।

BOOK (28-29 JUNE 2025) 64 YOG SHIVIR AT DIVYAYOGA ASHRAM (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Select Sdhana Shivir Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img