गुरु पूर्णिमा टोटके और मंत्र – जीवन के सभी कष्ट होंगे दूर
गुरु पूर्णिमा भारतीय संस्कृति का एक अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली पर्व है, जब साधक अपने जीवन में गुरु तत्व की कृपा प्राप्त करने के लिए विशेष उपाय, टोटके और मंत्रों का प्रयोग करते हैं। यह दिन न केवल कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है, बल्कि अपने भाग्य, स्वास्थ्य, संबंध, और आर्थिक जीवन में सुधार लाने का भी उत्तम समय है। शास्त्रों में कहा गया है कि गुरु की कृपा से ही अज्ञान का नाश होता है और आत्मज्ञान प्राप्त होता है।
इस के दिन किए गए विशिष्ट टोटके और मंत्र साधनाएं जीवन के सभी कष्टों को दूर करने की शक्ति रखते हैं। DivyayogAshram की परंपरा में यह मान्यता है कि यदि इस दिन सरल किन्तु प्रभावशाली टोटकों और मंत्रों का पालन किया जाए, तो व्यक्ति अपने जीवन में अद्भुत परिवर्तन अनुभव करता है। यह दिन दुर्भाग्य से सौभाग्य की ओर यात्रा का आरंभ बन सकता है।
मंत्र और टोटका विधि
मंत्र:ॐ ऐं श्रीं गुं गुरुभ्यो नमः
विधि:
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र पहनें।
- घर के मंदिर में दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- गुरु या अपने इष्ट का चित्र सामने रखें।
- पीले चावल, केसर, और हल्दी मिश्रित जल से पूजन करें।
- मंत्र का 108 बार जाप करें।
- इसके बाद एक छोटा सा टोटका करें –
एक पीला कपड़ा लें, उसमें थोड़ी सी हल्दी, गुड़, और 5 गोमती चक्र रखें। इसे गुरुवार को घर के पूजा स्थान में रखें और 7 दिन बाद जल में प्रवाहित करें।
लाभ
- भाग्य जाग्रत होता है
- गुरु कृपा से सभी कार्यों में सफलता मिलती है
- धन, वैभव और समृद्धि का मार्ग खुलता है
- शिक्षा में वृद्धि होती है
- विवाह बाधाएं दूर होती हैं
- संतान सुख की प्राप्ति होती है
- कोर्ट केस और शत्रु बाधाएं शांत होती हैं
- मानसिक शांति और स्थिरता मिलती है
- आध्यात्मिक उन्नति होती है
- बुरी नजर और नकारात्मकता से रक्षा होती है
- रोग और कष्टों से मुक्ति मिलती है
- पारिवारिक कलह समाप्त होती है
- व्यापार और नौकरी में वृद्धि होती है
- आत्मविश्वास और निर्णय क्षमता बढ़ती है
- जीवन के सभी क्षेत्रों में शुभता का प्रवेश होता है
सामान्य प्रश्न
Q1: क्या ये टोटके किसी विशेष व्यक्ति के लिए ही हैं?
नहीं, ये सभी आयु और वर्ग के लोगों के लिए उपयोगी हैं।
Q2: क्या बिना गुरु के भी ये उपाय किए जा सकते हैं?
हाँ, गुरु तत्व को ध्यान में रखकर किए गए उपाय भी प्रभावी होते हैं।
Q3: क्या इस मंत्र के लिए कोई विशेष समय है?
प्रातःकाल ब्रह्म मुहूर्त या सूर्योदय के समय श्रेष्ठ होता है।
Q4: क्या टोटका करते समय किसी खास दिशा की ओर बैठना चाहिए?
उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना शुभ माना जाता है।
Q5: क्या इस टोटके को हर साल दोहराया जा सकता है?
हाँ, इसे हर गुरु पूर्णिमा पर दोहराना अत्यंत शुभ होता है।
Q6: अगर गोमती चक्र न मिले तो क्या करें?
उसकी जगह पीली कौड़ी या हल्दी की गांठ का प्रयोग किया जा सकता है।
Q7: क्या मंत्र का जाप रोज़ किया जा सकता है?
हाँ, इस मंत्र का नियमित जप भी जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है।







