कामदा एकादशी- लाभ और विधि
कामदा एकादशी चैत्र मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसे कल्याणकारी एकादशी, मोक्षदायिनी एकादशी और वरदायिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
लक्ष्मी नारायण मंत्रः ॥ॐ श्रीं लक्ष्मी नारायणाय़ नमो नमः॥ (OM SHREEM LAKSHMI N)
धार्मिक मान्यताएं:
- इस दिन भगवान विष्णु के साथ लक्ष्मी की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- यह व्रत ब्रह्म हत्या जैसे महापापों का नाश करने वाला भी गया है।
- इस दिन किए गए दान का पुण्य अक्षय होता है।
कामदा एकादशी के लाभ:
- पापों का नाश: इस व्रत को करने से सभी प्रकार के पापों का नाश होता है।
- मनोकामना पूर्ति: भगवान लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
- मोक्ष प्राप्ति: इस व्रत को करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- धन-धान्य की प्राप्ति: इस व्रत को करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य लाभ: इस व्रत को करने से स्वास्थ्य लाभ होता है।
कामदा एकादशी की विधि:
- व्रत की तैयारी: एकादशी के पूर्व दशमी तिथि को ब्रह्मचर्य का पालन करे।
- एकादशी तिथि का व्रत:
- सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें।
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- दिन भर अन्न, जल, नमक आदि का सेवन न करें।
- फल, दूध, दही आदि का सेवन कर सकते हैं।
- भगवान लक्ष्मी-नारायण मंत्र का जप करें।
- रात्रि में भजन-कीर्तन करें।
- द्वादशी तिथि का पारण:
- द्वादशी तिथि को सूर्योदय के बाद ही व्रत का पारण करें।
- ब्राह्मणों को भोजन खिलाएं और दान दें।
- इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली महिलाएं, बीमार लोग और बच्चे इस व्रत को न रखें।
- यदि आप व्रत नहीं रख सकते हैं तो भी आप इस दिन भगवान विष्णु की पूजा कर सकते हैं और दान कर सकते हैं।
कामदा एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पापों का नाश होता है।