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Kamakhya Sindoor & Clove Ritual for Instant Wealth

कामख्या सिंदूर और लौंग से धन वर्षा की साधना

Kamakhya Sindoor & Clove कामख्या देवी तांत्रिक परंपरा की एक अत्यंत जाग्रत और सजीव शक्ति हैं। उनकी कृपा से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं। यह साधना खासकर धन, समृद्धि, व्यापार उन्नति और दरिद्रता से मुक्ति के लिए की जाती है। कामख्या सिंदूर को तंत्रों में अति प्रभावशाली माना गया है और जब इसे लौंग के साथ संयुक्त कर एक विशेष विधान में प्रयोग किया जाए, तो यह आर्थिक वर्षा करने में सक्षम होता है। यह प्रयोग केवल साधना काल में ही नहीं, बल्कि व्यापार स्थल या गुप्त धन प्राप्ति हेतु भी किया जा सकता है।


लाभ

  1. अचानक धन प्राप्ति के योग बनते हैं
  2. रुका हुआ पैसा वापस आता है
  3. व्यापार में लाभ बढ़ता है
  4. नये आय स्रोत खुलते हैं
  5. दरिद्रता से मुक्ति मिलती है
  6. ग्रह दोषों के कारण हो रही हानि समाप्त होती है
  7. नौकरी में पदोन्नति के अवसर बढ़ते हैं
  8. धन हानि के योग समाप्त होते हैं
  9. गुप्त रूप से धन प्राप्ति संभव
  10. आकर्षण और सम्मान की प्राप्ति
  11. देवी की कृपा से घर में सुख-शांति आती है
  12. पुरानी कर्ज से मुक्ति
  13. लक्ष्मी स्थिर होकर निवास करती हैं
  14. कोर्ट केस या विवादों में धन लाभ होता है
  15. नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है

साधना मुहूर्त

  • दिन: मंगलवार, शुक्रवार या अमावस्या
  • समय: रात 10:00 बजे से 12:00 बजे के बीच
  • स्थान: पूजा कक्ष या गुप्त साधना स्थल

साधना विधि

  1. स्नान कर लाल वस्त्र धारण करें।
  2. लकड़ी के पाट पर लाल कपड़ा बिछाएं।
  3. उस पर देवी कामख्या की तस्वीर रखें।
  4. सामने एक तांबे की थाली में थोड़ी सी हल्दी, लौंग (11 नग) और कामख्या सिंदूर रखें।
  5. दीपक में तिल का तेल और लौंग डालकर जलाएं।
  6. अब “ॐ क्लीं क्लीं कामख्या क्लीं वषट्” मंत्र का 108 बार जप करें।
  7. जप के बाद देवी को लौंग और सिंदूर अर्पण करें।
  8. यह साधना 11 दिन तक लगातार करें।
  9. अंतिम दिन एक पीले वस्त्र में 1 लौंग, थोड़ा सिंदूर और 1 सिक्का बांधकर तिजोरी में रखें।

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महत्वपूर्ण पृश्न उत्तर

  1. प्रश्न: क्या यह उपाय पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं?
    उत्तर: हाँ, यह साधना सभी के लिए फलदायी है।
  2. प्रश्न: क्या व्रत रखना आवश्यक है?
    उत्तर: इच्छानुसार व्रत रख सकते हैं, लेकिन अनिवार्य नहीं।
  3. प्रश्न: क्या सिंदूर विशेष होना चाहिए?
    उत्तर: हाँ, कामख्या सिद्ध सिंदूर ही प्रयोग करें।
  4. प्रश्न: लौंग कितनी होनी चाहिए?
    उत्तर: प्रतिदिन 11 लौंग का प्रयोग करें।
  5. प्रश्न: क्या यह साधना किसी विशेष दिशा में करें?
    उत्तर: उत्तर-पूर्व दिशा सर्वोत्तम मानी गई है।
  6. प्रश्न: मंत्र कितनी बार जपना है?
    उत्तर: प्रतिदिन 108 बार जप करें।
  7. प्रश्न: क्या साधना के बाद हवन आवश्यक है?
    उत्तर: नहीं, केवल अंतिम दिन लौंग की आहुति देना पर्याप्त है।

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