Buy now

spot_img
spot_img

Kanakadhara Lakshmi Sabar Mantra for strong Wealth

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र: धन के साथ बड़े सपने भी पूरे करे

सुख समृद्धि देने वाली कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र का जप जो भी मनुष्य करता है, उसके जीवन मे सभी तरह की आर्थिक बाधा नष्ट होने लगती है। यह मंत्र विशेष रूप से देवी कनक्धारा लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी मानी जाती हैं। इस मंत्र के जप से साधक के जीवन में धन की धारा बहती है, और उसे भौतिक तथा आध्यात्मिक दोनों प्रकार की समृद्धि प्राप्त होती है।

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र का अर्थ

“॥ॐ श्रीं कनक लक्ष्मेय, कनक नाम की महिमा, सब बिधि मंगल होय, सकल संपत्ति सुख करे, धन संपत्ति की होय, ॐ कनक लक्ष्मेय नमः॥”

अर्थ इस प्रकार है:

  • ॐ: यह ब्रह्मांड की आदिशक्ति का प्रतीक है, जो समस्त सृष्टि की ध्वनि है।
  • श्रीं: यह लक्ष्मी जी का बीज मंत्र है, जो धन, समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है।
  • कनक लक्ष्मेय: यह देवी लक्ष्मी का आह्वान है, विशेष रूप से उस रूप में जो कनकधारा (स्वर्ण की धारा) को बहाने वाली हैं।
  • कनक नाम की महिमा: इसका अर्थ है स्वर्ण (कनक) के नाम की महिमा और शक्ति का वर्णन करना।
  • सब बिधि मंगल होय: इस वाक्यांश का अर्थ है कि सभी प्रकार के कार्यों में शुभता और मंगल हो।
  • सकल संपत्ति सुख करे: इसका अर्थ है कि देवी लक्ष्मी की कृपा से सभी प्रकार की संपत्ति और सुख की प्राप्ति हो।
  • धन संपत्ति की होय: इसका अर्थ है कि देवी की कृपा से धन और संपत्ति की निरंतर प्राप्ति हो।
  • ॐ कनक लक्ष्मेय नमः: इसका अर्थ है कनकधारा लक्ष्मी को नमन करना और उनकी कृपा की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करना।

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र के लाभ

इस मंत्र के नियमित जप से साधक को निम्नलिखित प्रमुख लाभ प्राप्त होते हैं:

  1. आर्थिक स्रोत: इस मंत्र के जप से व्यक्ति को नए आर्थिक स्रोतों की प्राप्ति होती है और उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होती है।
  2. नौकरी में पदोन्नति: यह मंत्र व्यक्ति की नौकरी में तरक्की और प्रमोशन के लिए अत्यंत प्रभावी होता है।
  3. सुख-शांति का बंधन: मंत्र का जप व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति लाता है और पारिवारिक जीवन को संतुलित करता है।
  4. मंगल कार्य में सफलता: इस मंत्र के जप से किसी भी मंगल कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश आदि में सफलता प्राप्त होती है।
  5. विवाहित जीवन: यह मंत्र विवाहित जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करता है और दांपत्य जीवन को सुखमय बनाता है।
  6. सही निर्णय: इस मंत्र के जप से व्यक्ति को सही निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
  7. सुंदरता: मंत्र का जप चेहरे और शरीर की आभा को बढ़ाता है, जिससे व्यक्ति आकर्षक दिखाई देता है।
  8. आकर्षक व्यक्तित्व: यह मंत्र व्यक्तित्व में आकर्षण और प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
  9. व्यवसाय में सफलता: यह मंत्र व्यक्ति के व्यवसाय में आ रही बाधाओं को दूर करता है और व्यापार में सफलता दिलाता है।
  10. धन की प्राप्ति: मंत्र का जप धन की प्राप्ति में सहायक होता है और आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है।
  11. नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति: इस मंत्र के जप से व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त होता है और सकारात्मकता का संचार करता है।
  12. स्वास्थ्य लाभ: यह मंत्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है।
  13. मन की शांति: मंत्र के जप से व्यक्ति के मन को शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
  14. आध्यात्मिक उन्नति: यह मंत्र व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होता है।
  15. समृद्धि: यह मंत्र व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और धन-धान्य की प्राप्ति में सहायक होता है।

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र विधि

इस मंत्र का जप एक विशेष विधि से किया जाना चाहिए ताकि उसका अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके।

मंत्र जप का दिन, अवधि और मुहूर्त

  • दिन: इस मंत्र का जप शुक्रवार को शुरू करना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि शुक्रवार देवी लक्ष्मी का विशेष दिन होता है।
  • अवधि: मंत्र जप को ११ से २१ दिनों तक नियमित रूप से करना चाहिए।
  • मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे) या रात का पहला पहर (८ से १० बजे) मंत्र जप के लिए सबसे शुभ समय होता है।

मंत्र जप सामग्री

  • एक स्फटिक या चंदन माला
  • पीले या लाल वस्त्र
  • दीया, धूप, और अगरबत्ती
  • पीले फूल
  • नैवेद्य (मिठाई, फल आदि)
  • पीला चंदन और कुमकुम
  • ताम्बे का लोटा (जल से भरा हुआ)

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र जप संख्या

इस मंत्र का जप ११ माला (एक माला में १०८ मोती होते हैं) यानी ११८८ बार करना चाहिए। इस संख्या को प्रतिदिन जप करना चाहिए, और इसे ११ से २१ दिन तक जारी रखना चाहिए।

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र जप के नियम

  1. उम्र: इस मंत्र का जप २० वर्ष से ऊपर के स्त्री-पुरुष कर सकते हैं।
  2. वस्त्र: जप के समय नीले या काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। पीले या लाल वस्त्र पहनना शुभ होता है।
  3. धूम्रपान और मासाहार: मंत्र जप के दौरान धूम्रपान, शराब, पान, और मासाहार का सेवन नहीं करना चाहिए।
  4. ब्रह्मचर्य: मंत्र जप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है।
  5. स्नान: जप से पहले स्नान करना और शुद्ध वस्त्र धारण करना चाहिए।
  6. स्थान: जप के लिए शांत और पवित्र स्थान का चयन करना चाहिए।
  7. आसन: कुश या पीले कपड़े के आसन पर बैठकर जप करना चाहिए।
  8. आहार: मंत्र जप के दौरान हल्का और सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए।
  9. संकल्प: जप से पहले संकल्प लेकर देवी से अपनी मनोकामना व्यक्त करें।
  10. नियमितता: जप में नियमितता बनाए रखें और प्रतिदिन एक ही समय पर जप करें।
  11. वाणी की शुद्धता: मंत्र जप के समय वाणी की शुद्धता बनाए रखें और अपशब्दों का प्रयोग न करें।
  12. ध्यान: मंत्र जप के साथ देवी लक्ष्मी का ध्यान करें।
  13. मन का नियंत्रण: जप के समय मन को एकाग्र रखें और इसे भटकने न दें।
  14. अभिमान: मंत्र के प्रभाव से अहंकार से बचें और विनम्रता बनाए रखें।
  15. गुरु का आशीर्वाद: यदि संभव हो, तो गुरु से आशीर्वाद लेकर मंत्र जप शुरू करें।

Kamakhya sadhana shivir

मंत्र जप सावधानियां

मंत्र जप करते समय कुछ सावधानियों का पालन करना चाहिए ताकि मंत्र का अधिकतम लाभ प्राप्त हो सके:

  1. आत्म-विश्वास: मंत्र जप करते समय आत्म-विश्वास बनाए रखें, लेकिन अति-आत्मविश्वास से बचें।
  2. ध्यान: जप के दौरान किसी अन्य कार्य में मन न लगाएं।
  3. मंत्र की शक्ति: मंत्र की शक्ति को समझें और इसका सम्मान करें।
  4. समय: जप के लिए प्रतिदिन एक ही समय का चयन करें।
  5. वातावरण: जप के समय का वातावरण शांत और पवित्र होना चाहिए।
  6. विचार: नकारात्मक विचारों से बचें और सकारात्मक सोच बनाए रखें।
  7. धैर्य: मंत्र जप के परिणाम में समय लग सकता है, इसलिए धैर्य बनाए रखें।
  8. विश्रांति: जप के बाद ध्यान और विश्रांति करें।
  9. संपर्क: जप के दौरान किसी से बात न करें।
  10. भक्ति: मंत्र जप को श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
  11. संतोष: मंत्र जप के बाद जो भी फल प्राप्त हो, उसे संतोष के साथ स्वीकार करें।
  12. शुद्धता: मंत्र जप के दौरान शरीर और मन की शुद्धता बनाए रखें।
  13. वाणी: जप के दौरान मधुर और संयमित वाणी का प्रयोग करें।
  14. उत्तेजना से बचें: मंत्र जप के दौरान उत्तेजना और क्रोध से बचें।
  15. विनम्रता: मंत्र जप के बाद भी विनम्र और संयमित रहें।

Spiritual shop

कनकधारा लक्ष्मी साबर मंत्र से संबंधित प्रश्न-उत्तर

  1. इस मंत्र का जप कब करना चाहिए?
    इस मंत्र का जप शुक्रवार को आरंभ करना अत्यंत शुभ होता है।
  2. मंत्र जप का समय कौन सा होता है?
    ब्रह्म मुहूर्त (सुबह ४ से ६ बजे) या रात का पहला पहर (८ से १० बजे)।
  3. क्या इस मंत्र को स्त्री और पुरुष दोनों जप सकते हैं?
    हां, यह मंत्र स्त्री और पुरुष दोनों के लिए उपयुक्त है।
  4. मंत्र जप के लिए किस प्रकार के वस्त्र पहनने चाहिए?
    पीले या लाल रंग के वस्त्र पहनने चाहिए।
  5. मंत्र जप के दौरान क्या कोई आहार प्रतिबंध होता है?
    हां, मंत्र जप के दौरान सात्विक आहार ग्रहण करना चाहिए और मासाहार से बचना चाहिए।
  6. क्या इस मंत्र का जप आर्थिक स्थिरता प्रदान करता है?
    हां, यह मंत्र आर्थिक स्थिरता और धन की प्राप्ति में सहायक होता है।
  7. क्या मंत्र जप से नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है?
    हां, मंत्र जप से नौकरी में प्रमोशन और तरक्की मिलती है।
  8. मंत्र जप का सबसे शुभ दिन कौन सा है?
    शुक्रवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
  9. क्या इस मंत्र का जप व्यवसाय में लाभ दिला सकता है?
    हां, मंत्र जप व्यवसाय में लाभ और सफलता दिलाता है।
  10. क्या इस मंत्र का जप घर में सुख-शांति लाता है?
    हां, यह मंत्र घर में सुख-शांति और समृद्धि लाता है।
  11. मंत्र जप के लिए कौन सी माला का प्रयोग करना चाहिए?
    स्फटिक या रुद्राक्ष माला का प्रयोग करना चाहिए।

spot_img
spot_img

Related Articles

Stay Connected

65,000FansLike
782,365SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency