बुधवार, अक्टूबर 23, 2024

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Kanakdhara Lakshmi Aarti – Wealth and Peace

कनकधारा लक्ष्मी आरती के अद्भुत लाभ: जीवन में धन, समृद्धि और शांति का मार्ग

कनकधारा लक्ष्मी आरती देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन है। यह आरती आदि शंकराचार्य द्वारा रचित मानी जाती है, जिसमें देवी लक्ष्मी से धन, समृद्धि और सौभाग्य की कामना की जाती है। यह आरती विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहे हैं और जीवन में खुशहाली चाहते हैं।

कनकधारा लक्ष्मी आरती

ॐ जय लक्ष्मी माता,
मैया जय लक्ष्मी माता।
तुमको निशदिन सेवत,
हर विष्णु विधाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

उमा, रमा, ब्रह्माणी,
तुम ही जग-माता।
सूर्य-चंद्रमा ध्यावत,
नारद ऋषि गाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

दुर्गा रूप निरंजनी,
सुख-सम्पत्ति दाता।
जो कोई तुमको ध्यावत,
ऋद्धि-सिद्धि पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

तुम पाताल-निवासिनी,
तुम ही शुभदाता।
कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,
भव-निधि की त्राता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

जिस घर में तुम रहतीं,
सब सद्गुण आता।
सब सम्भव हो जाता,
मन नहीं घबराता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

तुम बिन यज्ञ न होते,
वस्त्र न कोई पाता।
खान-पान का वैभव,
सब तुमसे आता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

शुभ-गुण मन्दिर सुन्दर,
क्षीरोदधि-जाता।
रत्न-चतुर्दश तुम बिन,
कौन धर पाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

महालक्ष्मीजी की आरती,
जो कोई नर गाता।
उर आनन्द समाता,
पाप उतर जाता॥

ॐ जय लक्ष्मी माता…

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कनकधारा लक्ष्मी आरती से लाभ

1. धन की वृद्धि

कनकधारा लक्ष्मी आरती के नियमित पाठ से धन की वृद्धि होती है और आर्थिक कठिनाइयाँ दूर होती हैं।

2. समृद्धि का संचार

इस आरती के माध्यम से घर में समृद्धि और शांति का वास होता है।

3. ऋण से मुक्ति

जो व्यक्ति कर्ज में डूबा हो, वह कनकधारा आरती करने से ऋण से मुक्ति पा सकता है।

4. करियर में प्रगति

आरती करने से करियर में वृद्धि और नई संभावनाओं का उदय होता है।

5. व्यापार में सफलता

व्यापार में आ रही समस्याओं को दूर करने के लिए यह आरती बहुत लाभकारी होती है।

6. पारिवारिक सुख-शांति

कनकधारा लक्ष्मी आरती से परिवार में प्रेम और सद्भावना बढ़ती है।

7. मानसिक शांति

यह आरती मानसिक तनाव और चिंता को दूर करती है।

8. गृह दोष से मुक्ति

गृह दोषों का निवारण भी इस आरती के नियमित पाठ से होता है।

9. संतान सुख

निसंतान दंपतियों के लिए कनकधारा आरती संतान प्राप्ति में सहायक होती है।

10. विवाह में विलंब दूर

जो लोग विवाह में देरी का सामना कर रहे हैं, उनके लिए यह आरती विशेष फलदायी होती है।

11. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति

विद्यार्थियों के लिए इस आरती का पाठ विद्या और बुद्धि की प्राप्ति में सहायक होता है।

12. शत्रु बाधा का नाश

यह आरती शत्रुओं से सुरक्षा और बाधाओं को दूर करने में प्रभावी है।

13. स्वास्थ्य लाभ

यह आरती शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होती है।

14. दुर्घटनाओं से बचाव

इस आरती के नियमित पाठ से दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है।

15. अच्छे अवसरों की प्राप्ति

कनकधारा आरती से जीवन में नए और अच्छे अवसर मिलते हैं।

16. आध्यात्मिक उन्नति

इस आरती से व्यक्ति की आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह जीवन में शांति पाता है।

17. देवी लक्ष्मी की कृपा

अंततः इस आरती के नियमित पाठ से देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

कनकधारा लक्ष्मी आरती के नियम

  1. साफ-सफाई का ध्यान रखें – आरती करने से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करें – लक्ष्मी जी की आराधना करते समय दिशा का ध्यान रखना आवश्यक है।
  3. आसन पर बैठकर करें आरती – ध्यान, प्राणायाम के साथ आसन पर बैठकर आरती करें।
  4. समय का ध्यान रखें – आरती करने का सर्वोत्तम समय सुबह और शाम है।
  5. सात्विक आहार का पालन करें – आरती के दिन और उससे पहले सात्विक आहार का पालन करें।
  6. शांति और एकाग्रता आवश्यक – आरती के समय शांति और एकाग्रता बनाए रखें।
  7. घी का दीपक जलाएं – लक्ष्मी जी की आरती करते समय घी का दीपक जलाना चाहिए।

कनकधारा लक्ष्मी आरती करते समय सावधानियां

  1. अपवित्र वस्त्र न पहनें – बिना स्नान किए या गंदे वस्त्र पहनकर आरती न करें।
  2. सभी उपकरण तैयार रखें – आरती में प्रयोग होने वाले सभी उपकरण, जैसे दीपक, धूप, फूल, तैयार रखें।
  3. मन को शांत रखें – आरती के दौरान मन को भटकने न दें।
  4. नकारात्मक विचारों से बचें – आरती के समय सकारात्मक सोच बनाए रखें।
  5. आरती के दौरान मोबाइल का प्रयोग न करें – फोन या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण आरती के दौरान न इस्तेमाल करें।
  6. जल्दबाजी न करें – आरती को शांति और ध्यान के साथ करें, जल्दबाजी से बचें।
  7. संगीत का ध्यान रखें – आरती का संगीत मधुर और शांतिपूर्ण होना चाहिए।

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कनकधारा लक्ष्मी आरती किस दिन करनी चाहिए?

कनकधारा लक्ष्मी आरती करने का सर्वोत्तम दिन शुक्रवार माना जाता है। शुक्रवार देवी लक्ष्मी का दिन होता है, और इस दिन लक्ष्मी जी की आराधना करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है। इसके अलावा, दीपावली और धनतेरस के दिन भी इस आरती का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है। जीवन में स्थायी समृद्धि और सुख-शांति के लिए नियमित रूप से हर शुक्रवार इस आरती का पाठ करना लाभकारी होता है।

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कनकधारा लक्ष्मी आरती संबंधित प्रश्न उत्तर

प्रश्न 1: कनकधारा लक्ष्मी आरती किसने रची?

उत्तर: यह आरती आदि शंकराचार्य द्वारा रची गई मानी जाती है।

प्रश्न 2: आरती कितने समय में पूरी होती है?

उत्तर: आरती सामान्यतः 10-15 मिनट में पूरी हो जाती है।

प्रश्न 3: क्या आरती करने के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता है?

उत्तर: हां, दीपक, धूप, पुष्प, और साफ वस्त्र की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4: क्या कनकधारा आरती को महिलाएं कर सकती हैं?

उत्तर: हां, महिलाएं भी इस आरती का पाठ कर सकती हैं।

प्रश्न 5: क्या कनकधारा आरती रात में की जा सकती है?

उत्तर: हां, लेकिन इसे सुबह और शाम करना अधिक लाभकारी माना जाता है।

प्रश्न 6: क्या इस आरती से आर्थिक समस्या का समाधान होता है?

उत्तर: हां, इस आरती से धन की कमी दूर होती है और समृद्धि प्राप्त होती है।

प्रश्न 7: क्या कनकधारा लक्ष्मी आरती विशेष अवसरों पर करनी चाहिए?

उत्तर: हां, विशेष रूप से शुक्रवार, दीपावली और धनतेरस पर इस आरती का विशेष महत्व है।

प्रश्न 8: क्या कनकधारा आरती से मानसिक शांति मिलती है?

उत्तर: हां, इस आरती से मानसिक शांति और तनाव से मुक्ति मिलती है।

प्रश्न 9: क्या कनकधारा आरती व्यापार में सफलता दिला सकती है?

उत्तर: हां, यह आरती व्यापार में वृद्धि और सफलता में सहायक होती है।

प्रश्न 10: क्या कनकधारा आरती का पाठ रोज़ करना चाहिए?

उत्तर: हां, इसे नियमित रूप से करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

प्रश्न 11: क्या कनकधारा आरती संतान सुख में सहायक है?

उत्तर: हां, यह आरती निसंतान दंपतियों के लिए संतान प्राप्ति में सहायक होती है।

प्रश्न 12: क्या कनकधारा आरती से गृह दोष दूर होते हैं?

उत्तर: हां, यह आरती गृह दोषों के निवारण में प्रभावी होती है।

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