इस मिट्टी में छुपा धन! इस देवी की मूर्ति बनाकर घर में रखें, पैसे की बरसात होगी
कनकधारा माता धन और समृद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं। इनके पूजन से दरिद्रता समाप्त होती है और घर में धन की वर्षा होती है। कनकधारा मंत्र का जप विशेष रूप से लक्ष्मी कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है, जो देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
होने वाले लाभ
- इस साधना से आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और घर में धन का आगमन होता है।
- यदि व्यवसाय में हानि हो रही हो तो कनकधारा माता की पूजा लाभदायक होती है।
- घर में दरिद्रता और धन की कमी दूर होती है।
- व्यक्ति को स्थिरता और समृद्धि प्राप्त होती है।
- पूजा करने से परिवार में प्रेम और शांति बनी रहती है।
- जिन्हें नौकरी में बाधा आ रही हो, वे इस साधना से लाभ उठा सकते हैं।
- दान करने की प्रवृत्ति बढ़ती है जिससे पुण्य लाभ होता है।
- यदि किसी पर कर्ज हो तो यह साधना उसे समाप्त करने में सहायक होती है।
- कनकधारा माता की साधना से धन के साथ-साथ सुख की भी प्राप्ति होती है।
- पूजा करने से घर में देवी लक्ष्मी की कृपा स्थाई रूप से बनी रहती है।
- अचानक धन लाभ होता है, जिससे आर्थिक समस्याएं दूर होती हैं।
- पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- मंत्र जप से मन को शांति और संतोष की प्राप्ति होती है।
- देवी की कृपा से व्यक्ति बुरी नजर से सुरक्षित रहता है।
- साधना करने से जीवन के सभी कार्य सफल होते हैं।
कनकधारा माता की पूजा विधि
- छोटे गमले में मिट्टी भरकर धनिया के बीज डालें। इसे 5-7 दिन तक बढ़ने दें।
- धनिया 4-5 इंच हो जाने पर उसकी थोड़ी मिट्टी निकालें और लक्ष्मी माता की एक छोटी मूर्ति बनाएं।
- यदि मूर्ति बनाना कठिन हो तो बाजार से मिट्टी की लक्ष्मी माता की छोय़ी मूर्ति लाकर गमले में रखें।
- अगरबत्ती, दीपक, जल, पुष्प, चंदन, अक्षत, दूध, शहद आदि पूजा में उपयोग करें।
- मूर्ति के सामने बैठकर प्रतिदिन 20 मिनट तक इस मंत्र का जप करें: ॐ ऐं श्रीं माता कनकधारेश्वरी क्लीं वषट्
- इस मंत्र का जप लगातार 7 दिनों तक करें।
- 8वें दिन माता की मूर्ति को जल में विसर्जित कर दें और देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करें।
कनकधारा माता के पूजन के नियम
- पूजा के दौरान शुद्धता बनाए रखें।
- सात्विक आहार ग्रहण करें।
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- माता का पूजन श्रद्धा और विश्वास से करें।
- पूजा के दौरान मोबाइल या अन्य व्यस्तताओं से बचें।
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कनकधारा माता की पूजा का शुभ मुहूर्त
- शुक्रवार और पूर्णिमा तिथि को यह साधना करना अत्यंत शुभ होता है।
- लक्ष्मी पूजन के विशेष पर्व जैसे दीपावली, अक्षय तृतीया और कार्तिक पूर्णिमा को भी यह साधना कर सकते हैं।
- चंद्रमा की वृद्धि तिथि में पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. कनकधारा माता की साधना कौन कर सकता है?
कोई भी व्यक्ति, चाहे स्त्री हो या पुरुष, इस साधना को कर सकता है।
2. इस साधना में कितने दिन लगते हैं?
यह साधना 7 दिन तक चलती है और 8वें दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है।
3. क्या इस पूजा से धन की प्राप्ति होती है?
हां, माता कनकधारा की कृपा से धन की प्राप्ति होती है।
4. क्या यह पूजा घर पर कर सकते हैं?
हां, इस साधना को घर पर ही किया जा सकता है।
5. क्या इस साधना में कोई विशेष नियम हैं?
हां, साधना के दौरान सात्विक आहार और शुद्धता का पालन करना चाहिए।
6. क्या यह पूजा किसी भी दिन कर सकते हैं?
हालांकि इसे शुक्रवार और पूर्णिमा को करना अधिक लाभदायक होता है।
7. क्या इस साधना से व्यापार में लाभ होता है?
हां, व्यापार में वृद्धि के लिए यह पूजा बहुत प्रभावी होती है।
8. अगर मूर्ति खुद न बना सकें तो क्या करें?
यदि स्वयं मूर्ति बनाना संभव न हो तो बाजार से मिट्टी की मूर्ति खरीदकर प्रयोग कर सकते हैं।