माता “कंकालिनी” महाविद्या महाकाली का स्वरूप मानी जाती है. ये प्रचंड उग्र व शक्तिशाली मानी जाती है. किसी भी तरह की तंत्र बाधा, नजर बाधा, ऊपरी बाधा व शत्रु बाधा को नष्ट करती है। माता कंकालिनी एक शक्तिशाली देवी हैं, जिन्हें तंत्र साधना में विशेष महत्व दिया जाता है। उनका रूप भयंकर और शक्ति से भरपूर होता है। माता कंकालिनी अपने भक्तों की सभी प्रकार की बाधाओं और समस्याओं को दूर करने में सक्षम हैं। वे अपनी शक्ति से अपने भक्तों की रक्षा करती हैं और उन्हें आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
कंकालिनी मंत्र के बारे में
ये अत्यंत प्रभावशाली तांत्रिक मंत्र है, जिसका जाप करने से माता कंकालिनी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह मंत्र विशेष रूप से उन लोगों के लिए है जो कठिनाइयों और समस्याओं का सामना कर रहे हैं और जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति चाहते हैं।
कंकालिनी मंत्र
॥ॐ क्रीं कंकालेश्वरी सर्व कार्य सिद्धिं स्वाहा॥ “OM KREEM KANKAALESHWARI SARVA KAARYA SIDDHIMM SVAHA.”
लाभ
- रक्षा: माता कंकालिनी अपने भक्तों की हर प्रकार की बुरी शक्तियों और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती हैं।
- शांति: मानसिक शांति और संतुलन प्राप्त होता है।
- संकटों का निवारण: जीवन में आने वाले सभी प्रकार के संकटों और समस्याओं का समाधान होता है।
- साहस: साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
- सुख-समृद्धि: आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और धन की प्राप्ति होती है।
- शत्रु नाश: शत्रुओं से मुक्ति मिलती है और वे परास्त होते हैं।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक मार्ग पर प्रगति होती है।
- सफलता: कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- परिवारिक सुख: परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।
- संतान सुख: संतान प्राप्ति और उनकी उन्नति होती है।
- प्रभावशाली व्यक्तित्व: व्यक्तित्व में निखार आता है और प्रभावशाली बनता है।
- बाधा निवारण: जीवन की सभी बाधाओं का निवारण होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: घर और कार्यस्थल में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
- भयमुक्ति: जीवन से सभी प्रकार के भय और डर समाप्त हो जाते हैं।
- धन वृद्धि: व्यापार और नौकरी में धन वृद्धि होती है।
- स्नेह और प्रेम: परिवार और समाज में स्नेह और प्रेम की वृद्धि होती है।
- समाज में मान-सम्मान: समाज में मान-सम्मान और प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है।
- संतोष: जीवन में संतोष और आत्मसंतुष्टि की प्राप्ति होती है।
- आत्मज्ञान: आत्मज्ञान और आत्मविश्लेषण की प्राप्ति होती है।
कंकालिनी मंत्र जाप की विधि
- स्वच्छता: स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थल: एक शांत और स्वच्छ स्थान पर पूजा करें।
- दीपक और धूप: दीपक जलाएं और धूप का प्रयोग करें।
- आसन: कुशा या ऊन का आसन प्रयोग करें।
- मंत्र जाप: निम्न मंत्र का जाप करें:
ॐ कंकालिनी देव्यै नमः
- माला: रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का प्रयोग करें।
- ध्यान: माता कंकालिनी का ध्यान करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करें।
कंकालिनी मंत्र जाप के लिए सामग्री
- माता कंकालिनी की मूर्ति या चित्र
- दीपक
- धूप और अगरबत्ती
- रुद्राक्ष या स्फटिक की माला
- फूल
- रोली और अक्षत
- फल और मिठाई
- जल का पात्र
दिन और मुहूर्त
कंकालिनी मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन अमावस्या, पूर्णिमा और विशेष तांत्रिक पर्व जैसे नवरात्रि के दिनों में इसका महत्व अधिक होता है। जाप का समय प्रातःकाल या संध्याकाल सबसे उत्तम होता है।
कंकालिनी मंत्र: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. माता कंकालिनी कौन हैं?
माता कंकालिनी एक शक्तिशाली तांत्रिक देवी हैं, जिन्हें अपने भक्तों की सभी प्रकार की समस्याओं और बाधाओं को दूर करने के लिए पूजा जाता है। उनका रूप भयंकर और शक्ति से भरपूर होता है।
2. कंकालिनी मंत्र क्या है?
कंकालिनी मंत्र एक तांत्रिक मंत्र है जो माता कंकालिनी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है। यह मंत्र विशेष रूप से कठिनाइयों और समस्याओं को दूर करने के लिए प्रभावी है।
3. कंकालिनी मंत्र के जाप से क्या लाभ होते हैं?
कंकालिनी मंत्र के जाप से मानसिक शांति, सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि, शत्रु नाश, स्वास्थ्य लाभ, आध्यात्मिक उन्नति, और अन्य कई लाभ होते हैं।
4. कंकालिनी मंत्र का सही उच्चारण क्या है?
कंकालिनी मंत्र का सही उच्चारण निम्नलिखित है:
॥ॐ क्रीं कंकालेश्वरी सर्व कार्य सिद्धिं स्वाहा॥ "OM KREEM KANKAALESHWARI SARVA KAARYA SIDDHIMM SVAHA."
5. मंत्र जाप की सही विधि क्या है?
मंत्र जाप की विधि में स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करना, पूजा स्थल की पवित्रता सुनिश्चित करना, दीपक जलाना, धूप और अगरबत्ती का प्रयोग करना, कुशा या ऊन का आसन प्रयोग करना, रुद्राक्ष या स्फटिक की माला का उपयोग करना, और मंत्र का सही उच्चारण शामिल है।
6. मंत्र जाप के लिए किन सामग्रियों की आवश्यकता होती है?
मंत्र जाप के लिए माता कंकालिनी की मूर्ति या चित्र, दीपक, धूप और अगरबत्ती, रुद्राक्ष या स्फटिक की माला, फूल, रोली और अक्षत, फल और मिठाई, और जल का पात्र की आवश्यकता होती है।
7. मंत्र जाप के लिए सबसे अच्छा दिन और समय कौन सा है?
मंत्र जाप के लिए सबसे अच्छा दिन अमावस्या, पूर्णिमा, और नवरात्रि के विशेष पर्व होते हैं। मंत्र जाप का सबसे अच्छा समय प्रातःकाल या संध्याकाल होता है।
8. मंत्र जाप के दौरान किन सावधानियों का पालन करना चाहिए?
मंत्र जाप के दौरान शारीरिक और मानसिक शुद्धता, पूर्ण श्रद्धा और भक्ति, मन की एकाग्रता, प्रतिदिन एक ही समय पर जाप, तामसिक भोजन और नकारात्मक विचारों से परहेज, और मंत्र का सही उच्चारण का ध्यान रखना चाहिए।
9. क्या मंत्र जाप से पहले किसी विशेष तैयारी की आवश्यकता होती है?
हाँ, मंत्र जाप से पहले स्नान करना, स्वच्छ वस्त्र धारण करना, पूजा स्थल की पवित्रता सुनिश्चित करना और पूजा की सभी सामग्री को एकत्रित करना आवश्यक होता है।
10. यदि मैं मंत्र का सही उच्चारण नहीं कर पाऊं तो क्या होगा?
मंत्र का सही उच्चारण अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि आप सही उच्चारण नहीं कर पाते हैं, तो आप किसी ज्ञानी गुरु या पंडित से मार्गदर्शन ले सकते हैं। सही उच्चारण से ही मंत्र का पूर्ण प्रभाव प्राप्त होता है।
11. क्या कंकालिनी मंत्र जाप को रोज़ाना किया जा सकता है?
हाँ, कंकालिनी मंत्र जाप को रोज़ाना करने से इसके लाभ अधिक प्राप्त होते हैं और माता कंकालिनी का आशीर्वाद निरंतर बना रहता है।
12. मंत्र जाप के समय कौन से दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
मंत्र जाप करते समय पूर्व दिशा की ओर मुख करना सबसे उत्तम माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और मंत्र का प्रभाव बढ़ता है।
13. क्या मैं मंत्र जाप के दौरान कोई विशेष वस्त्र धारण कर सकता हूँ?
मंत्र जाप के दौरान स्वच्छ और सफेद वस्त्र धारण करना उत्तम माना जाता है। यह मानसिक और शारीरिक शुद्धता का प्रतीक होता है।
14. क्या मंत्र जाप के दौरान विशेष भोजन का परहेज करना चाहिए?
हाँ, मंत्र जाप के दौरान तामसिक भोजन (जैसे मांस, मछली, लहसुन, प्याज) और नकारात्मक विचारों से दूर रहना चाहिए। सात्विक और शुद्ध भोजन का सेवन करना उत्तम होता है।
15. क्या कंकालिनी मंत्र केवल विशेष अवसरों पर ही किया जा सकता है?
कंकालिनी मंत्र को किसी भी समय और किसी भी दिन जपा जा सकता है, लेकिन विशेष अवसरों (जैसे अमावस्या, पूर्णिमा, नवरात्रि) पर इसका महत्व और प्रभाव अधिक होता है।
सावधानियाँ
कंकालिनी मंत्र जाप करते समय निम्नलिखित सावधानियों का पालन करें:
- शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता का ध्यान रखें।
- भक्ति: मंत्र का जाप पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ करें।
- ध्यान: मंत्र जाप के दौरान मन को एकाग्र रखें।
- समय: प्रतिदिन एक ही समय पर जाप करने की कोशिश करें।
- परहेज: तामसिक भोजन और नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
- मंत्र का उच्चारण: मंत्र का सही उच्चारण करें।
अंत में
कंकालिनी मंत्र का जाप जीवन की अनेक समस्याओं और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है। माता कंकालिनी का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस मंत्र का नियमित और विधिपूर्वक जाप करें। इस लेख में दिए गए निर्देशों का पालन कर आप भी माता कंकालिनी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।