शुक्रवार के दिन करणी माता का व्रत करने से मिट जाएंगी आर्थिक परेशानियां
Karni Mata Friday Fast करणी माता को चमत्कारी देवी माना जाता है। इनकी आराधना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। १६ शुक्रवार का व्रत आर्थिक समृद्धि, व्यापार वृद्धि और परिवार में सुख-शांति लाने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जाता है।
इस व्रत को करने से ऋण मुक्ति, नौकरी में तरक्की, धन आगमन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। करणी माता की कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
व्रत के अद्भुत लाभ
1. आर्थिक समृद्धि
शुक्रवार के दिन यह व्रत करने से धन संबंधी समस्याएं समाप्त होती हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
2. ऋण मुक्ति
इस व्रत के प्रभाव से पुराने कर्ज उतर जाते हैं और भविष्य में कोई आर्थिक संकट नहीं आता।
3. व्यवसाय में सफलता
व्यापारियों के लिए यह व्रत बेहद शुभ होता है। इससे व्यवसाय में उन्नति और ग्राहकों की वृद्धि होती है।
4. करियर में उन्नति
नौकरीपेशा लोगों के लिए यह व्रत सफलता और प्रमोशन दिलाने में सहायक होता है।
5. सुख-शांति
घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और कलह-क्लेश समाप्त हो जाते हैं।
6. विवाह में बाधा दूर होती है
जो लोग विवाह में देरी से परेशान हैं, उन्हें इस व्रत से शीघ्र विवाह का योग बनता है।
7. प्रेम संबंध मजबूत होते हैं
पति-पत्नी के बीच प्रेम बढ़ता है और दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
8. संतान सुख प्राप्त होता है
जिन्हें संतान सुख नहीं मिल रहा, वे इस व्रत को करने से माता करणी की कृपा से संतान प्राप्त कर सकते हैं।
9. बुरी नजर से बचाव
यह व्रत नकारात्मक शक्तियों और बुरी नजर से बचाने में मदद करता है।
10. स्वास्थ्य लाभ
इस व्रत से रोग-व्याधियां दूर होती हैं और शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बना रहता है।
11. मानसिक शांति
व्रत करने से मानसिक तनाव कम होता है और ध्यान में वृद्धि होती है।
12. आध्यात्मिक उन्नति
इस व्रत से आत्मिक शुद्धि होती है और साधना में सफलता प्राप्त होती है।
13. दान-पुण्य में वृद्धि
इस व्रत के दौरान किए गए दान-पुण्य से जीवन में पुण्य बढ़ता है।
14. शुभता और सौभाग्य
शुक्रवार का यह व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में शुभता और सौभाग्य का संचार होता है।
15. देवी करणी माता की कृपा प्राप्त होती है
इस व्रत से भक्तों को करणी माता की विशेष कृपा प्राप्त होती है और सभी संकट दूर होते हैं।
करणी माता १६ शुक्रवार व्रत कथा
प्राचीन काल में एक निर्धन ब्राह्मण परिवार रहता था। ब्राह्मण की पत्नी अत्यंत धार्मिक और करणी माता की अनन्य भक्त थी। आर्थिक तंगी के कारण परिवार अत्यंत परेशान था। भोजन तक जुटाना कठिन हो गया था।
एक दिन ब्राह्मण की पत्नी करणी माता के मंदिर में गई और माता से अपनी दरिद्रता दूर करने की प्रार्थना करने लगी। वहां एक वृद्धा मिली, जिसने कहा, “बेटी, तुम करणी माता का १६ शुक्रवार व्रत करो, माता अवश्य कृपा करेंगी।”
ब्राह्मणी ने घर आकर पति से यह बात कही। दोनों ने मिलकर शुक्रवार व्रत करने का संकल्प लिया। श्रद्धा से व्रत करने के कुछ ही दिनों बाद चमत्कार हुआ। ब्राह्मण को राजा के दरबार में पुजारी के रूप में नौकरी मिल गई और घर में धन-धान्य की वर्षा होने लगी।
इस चमत्कार को देखकर गांव के अन्य लोग भी करणी माता के १६ शुक्रवार व्रत करने लगे। माता की कृपा से सबके कष्ट दूर होने लगे। तभी से यह व्रत धन-संपत्ति, सुख-शांति और मनोकामना पूर्ति के लिए किया जाता है।
जो भी श्रद्धा और नियमपूर्वक करणी माता का १६ शुक्रवार व्रत करता है, उसकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन में समृद्धि आती है।
नियम और पालन विधि
व्रत नियम
- प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- करणी माता का ध्यान करें और व्रत संकल्प लें।
- पूरे दिन सात्विक आहार ग्रहण करें।
- नमक का सेवन न करें।
- मन, वचन और कर्म से शुद्ध रहें।
- सूर्यास्त के बाद करणी माता की आरती करें।
व्रत विधि
- सुबह स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें।
- करणी माता की प्रतिमा के सामने दीप जलाएं।
- माता को सफेद पुष्प, चावल और मिश्री अर्पित करें।
- माता को केसर मिश्रित दूध और प्रसाद अर्पित करें।
- शुक्रवार की कथा पढ़ें और सुनें।
- शाम को दीप जलाकर माता की आरती करें।
- व्रत खोलने के लिए फलाहार करें या सात्त्विक भोजन ग्रहण करें।
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व्रत का शुभ मुहूर्त
शुक्रवार व्रत के लिए प्रातःकाल और संध्या काल दोनों ही श्रेष्ठ माने जाते हैं।
- प्रातःकाल – 6:00 AM से 9:00 AM
- संध्या काल – 5:30 PM से 7:30 PM
यह व्रत शुक्रवार को शुक्र होरा में किया जाए तो अधिक शुभ फलदायी होता है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. करणी माता का १६ शुक्रवार व्रत कौन कर सकता है
कोई भी स्त्री, पुरुष या वृद्धजन इस व्रत को कर सकते हैं। यह व्रत सभी के लिए कल्याणकारी है।
2. क्या व्रत में चाय पी सकते हैं
हां, लेकिन दूध वाली चाय लें, अदरक-हल्दी का सेवन करें।
3. इस व्रत में क्या खाना चाहिए
फल, दूध, सूखे मेवे, साबूदाने की खिचड़ी या आलू का सेवन किया जा सकता है।
4. क्या इस व्रत के दौरान नमक खा सकते हैं
इस व्रत में सेंधा नमक का उपयोग किया जा सकता है, लेकिन साधारण नमक वर्जित होता है।
5. अगर व्रत में गलती हो जाए तो क्या करें
अगर कोई गलती हो जाए तो माता से क्षमा याचना करें और अगली बार नियमपूर्वक व्रत करें।
6. क्या पुरुष भी करणी माता का व्रत कर सकते हैं
हां, यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।
7. क्या इस व्रत को किसी विशेष इच्छा पूर्ति के लिए कर सकते हैं
हां, यह व्रत विशेष रूप से धन, व्यापार, विवाह और संतान सुख के लिए किया जाता है।
8. अगर कोई शुक्रवार व्रत बीच में छूट जाए तो क्या करें
यदि व्रत बीच में छूट जाए तो अगले शुक्रवार से पुनः व्रत करें और क्षमा याचना करें।
करणी माता का १६ शुक्रवार का व्रत अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। यह व्रत आर्थिक समृद्धि, पारिवारिक सुख और आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता है। माता की कृपा से सभी बाधाएं दूर होती हैं और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ इस व्रत को करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं।