लक्ष्मी शाबर मंत्र गोपनीय और शक्तिशाली माना जाता है। यह मंत्र देवी लक्ष्मी की कृपा, समृद्धि, और सौभाग्य को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। लक्ष्मी शाबर मंत्र धन, समृद्धि और सौभाग्य की देवी माँ लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। शाबर मंत्र साधारण और प्रभावशाली होते हैं, जो शीघ्र ही फल प्रदान करते हैं। यह मंत्र आर्थिक स्थिरता, सुख-समृद्धि और सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
लक्ष्मी शाबर मंत्र
मंत्र:
॥ॐ विष्णु प्रिया लक्ष्मी, शिव प्रिया सती से प्रकट हुई।
कामाक्षा भगवती आदि शक्ति, युगल मुर्ति अपार, दोंनो की प्रीती अमर, जानें संसार।
आय बढ़ा, व्वय घटा। दया कर माई। आन नारायण की।
ॐ नमः विष्णु प्रियाय। ॐ नमः नारायण प्रियाय। ॐ॥
लक्ष्मी शाबर मंत्र के लाभ
- धन-संपत्ति में वृद्धि: इस मंत्र के जप से धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
- आर्थिक स्थिरता: आर्थिक स्थिति में स्थिरता प्राप्त होती है।
- व्यवसाय में सफलता: व्यापार और व्यवसाय में सफलता मिलती है।
- करियर में प्रगति: नौकरी और करियर में उन्नति प्राप्त होती है।
- ऋण मुक्ति: कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- वास्तु दोष निवारण: घर और कार्यस्थल के वास्तु दोष समाप्त होते हैं।
- सौभाग्य: जीवन में सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है।
- शांति: घर में शांति और सकारात्मकता का माहौल बनता है।
- सुख-समृद्धि: परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
- धन की बरकत: धन की बरकत और अपार धनप्राप्ति होती है।
- व्यापार में उन्नति: व्यापार में उन्नति और मुनाफा बढ़ता है।
- संपत्ति की सुरक्षा: संपत्ति की सुरक्षा और वृद्धि होती है।
- किस्मत में सुधार: जीवन में किस्मत और भाग्य का सुधार होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: आध्यात्मिक उन्नति और साधना में प्रगति होती है।
- दुर्भाग्य का नाश: दुर्भाग्य और नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है।
- समृद्धि की प्राप्ति: समृद्धि और वैभव की प्राप्ति होती है।
- स्वास्थ्य में सुधार: शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
- रिश्तों में सुधार: पारिवारिक और सामाजिक रिश्तों में सुधार होता है।
- मन की शांति: मानसिक शांति और सुकून प्राप्त होता है।
- सफलता: जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
लक्ष्मी शाबर मंत्र जप विधि
मंत्र जप का दिन, अवधि, मुहूर्त:
- दिन: शुक्रवार और पूर्णिमा का दिन माँ लक्ष्मी की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है।
- अवधि: मंत्र जप 11 से 21 दिनों तक करें।
- मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्या काल (शाम 6 से 8 बजे) मंत्र जप के लिए सर्वोत्तम समय है।
मंत्र जप सामग्री:
- कमल गट्टे की माला: जप के लिए कमल गट्टे की माला का उपयोग करें।
- दीपक और धूप: दीपक जलाएं और धूप अर्पित करें।
- गंगा जल: शुद्ध गंगा जल रखें।
- सफेद वस्त्र: सफेद वस्त्र पहनें।
- फूल: कमल का फूल या सफेद फूल अर्पित करें।
- चावल: अक्षत (साबुत चावल) अर्पित करें।
- कपूर: कपूर जलाकर वातावरण को शुद्ध करें।
मंत्र जप संख्या:
- एक माला: 108 बार मंत्र जप करें।
- ग्यारह माला: 1188 बार मंत्र जप करें।
मंत्र जप के नियम
- शुद्धता: शारीरिक और मानसिक शुद्धता बनाए रखें।
- समर्पण: पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ जप करें।
- नियमितता: नियमित समय पर जप करें।
- एकांत: एकांत और शांत स्थान पर बैठें।
- आसन: कुशा या ऊनी आसन का प्रयोग करें।
- दिशा: पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके बैठें।
- जल अर्पण: मंत्र जप से पहले और बाद में जल अर्पित करें।
- प्रसाद: नैवेद्य के रूप में फल और मिठाई अर्पित करें।
- ध्यान: जप के पहले और बाद में ध्यान करें।
- मौन: जप के दौरान मौन रहें।
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मंत्र जप सावधानियाँ
- शुद्धता: अशुद्ध अवस्था में मंत्र जप न करें।
- भोजन: भारी और तामसिक भोजन से बचें।
- विचलन: ध्यान केंद्रित रखें और विचलित न हों।
- नकारात्मकता: नकारात्मक विचारों से बचें।
- विधि: सही विधि और नियमों का पालन करें।
- मदिरा और मांस: मदिरा और मांस का सेवन न करें।
- संयम: संयमित और संयमित जीवनशैली अपनाएं।
- विध्न: बाहरी विध्न और रुकावटों से बचें।
- स्थान: जप के स्थान को स्वच्छ और शुद्ध रखें।
- वस्त्र: सफेद वस्त्र पहनें।
लक्ष्मी शाबर मंत्र से संबंधित प्रश्न उत्तर
- लक्ष्मी शाबर मंत्र क्या है?
- लक्ष्मी शाबर मंत्र एक प्रभावशाली मंत्र है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए जपा जाता है।
- लक्ष्मी शाबर मंत्र का जप कब करना चाहिए?
- शुक्रवार और पूर्णिमा का दिन सबसे शुभ माना जाता है।
- लक्ष्मी शाबर मंत्र का जप कितने दिनों तक करना चाहिए?
- 11 से 21 दिनों तक नियमित रूप से जप करना चाहिए।
- मंत्र जप के लिए कौन सा समय सर्वोत्तम है?
- ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 4 से 6 बजे) या संध्या काल (शाम 6 से 8 बजे)।
- लक्ष्मी शाबर मंत्र जप के लिए कौन सी माला का उपयोग करना चाहिए?
- कमल गट्टे की माला।
- मंत्र जप के दौरान कौन सी दिशा की ओर मुख करना चाहिए?
- पूर्व या उत्तर दिशा।
- मंत्र जप के पहले क्या करना चाहिए?
- शुद्धता और ध्यान।
- मंत्र जप के बाद क्या करना चाहिए?
- प्रसाद और जल अर्पित करें।
- मंत्र जप के लिए कौन सी सामग्री आवश्यक है?
- कमल गट्टे की माला, दीपक, धूप, गंगा जल, सफेद वस्त्र, फूल, चावल, कपूर।
- मंत्र जप के दौरान मौन रहना क्यों महत्वपूर्ण है?
- मंत्र की शक्ति और ध्यान केंद्रित करने के लिए मौन रहना आवश्यक है।
- क्या मंत्र जप के दौरान भोजन का विशेष ध्यान रखना चाहिए?
- हाँ, हल्का और सात्विक भोजन करें। तामसिक और भारी भोजन से बचें।
- क्या मंत्र जप के लिए किसी विशेष वस्त्र का चयन करना चाहिए?
- हाँ, सफेद वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- मंत्र जप के दौरान शुद्धता का क्या महत्व है?
- शारीरिक और मानसिक शुद्धता मंत्र की प्रभावशीलता को बढ़ाती है।
- क्या मंत्र जप के दौरान अन्य किसी प्रकार का ध्यान या साधना आवश्यक है?
- हाँ, मंत्र जप से पहले और बाद में ध्यान करना लाभकारी होता है।
- मंत्र जप के लिए एकांत क्यों महत्वपूर्ण है?
- एकांत में ध्यान और एकाग्रता बनाए रखना आसान होता है।
- मंत्र जप के बाद प्रसाद क्यों अर्पित किया जाता है?
- प्रसाद अर्पित करने से मंत्र जप की पूर्णता और शुभता बढ़ती है।
- क्या मंत्र जप के दौरान मदिरा और मांस का सेवन करना चाहिए?
- नहीं, मंत्र जप के दौरान मदिरा और मांस का सेवन वर्जित है।
- मंत्र जप के स्थान की स्वच्छता का क्या महत्व है?
- स्वच्छ स्थान में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है।
- मंत्र जप के नियमों का पालन क्यों आवश्यक है?
- नियमों का पालन करने से मंत्र जप की प्रभावशीलता और शक्ति बढ़ती है।
- क्या मंत्र जप के दौरान कुछ विशेष सावधानियाँ बरतनी चाहिए?
- हाँ, शुद्धता, मौन, सकारात्मकता और नियमितता का ध्यान रखना चाहिए।