लोना चमारी शाबर मंत्र: जीवन में कार्य सिद्धि और आकर्षण शक्तियों का रहस्य
लोना चमारी शाबर मंत्र एक प्राचीन तांत्रिक मंत्र है जिसका उपयोग जीवन के विभिन्न कार्यों को सिद्ध करने, आकर्षण शक्तियों को जागृत करने और सफलता प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इस मंत्र का संबंध गुरु गोरखनाथ और तांत्रिक लोना चमारी से है, जिनकी शक्ति से यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इसके नियमित जाप से साधक को कार्य सिद्धि, साधना सिद्धि, और जीवन में हर प्रकार की उन्नति प्राप्त होती है। इस मंत्र को सही विधि से और अनुशासन के साथ जपने से चमत्कारिक परिणाम मिलते हैं।
दसों दिशाओं का दिग्बंधन मंत्र व उसका अर्थ
मंत्र जप के दौरान दसों दिशाओं को सुरक्षित करने के लिए दिग्बंधन मंत्र का जाप करना आवश्यक है। यह मंत्र नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा प्रदान करता है और साधना के दौरान ध्यान को एकाग्र रखने में मदद करता है।
दिग्बंधन मंत्र
“ॐ ह्रीं क्रीं लोना चमारी स्वाहा।”
अर्थ: इस मंत्र से दसों दिशाओं में देवी लोना चमारी की शक्ति से सुरक्षा प्राप्त होती है।
लोना चमारी शाबर मंत्र व उसका संपूर्ण अर्थ
मंत्र:
“ॐ ह्रीं क्रीं लोना चमारी, कीजो हमारे काज, न करे तो गुरु गोरखनाथ की आन, गुरु की शक्ति, मेरी भक्ति, फुरो मंत्र इश्वरोवाचा।”
अर्थ: इस मंत्र में देवी लोना चमारी और गुरु गोरखनाथ को साधक के कार्य सिद्ध करने और जीवन में उन्नति प्रदान करने के लिए आह्वान किया गया है। इसमें गुरु की शक्ति और साधक की भक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। साधक की सच्ची भक्ति और श्रद्धा से यह मंत्र सिद्ध होता है और कार्यों में सफलता मिलती है।
लोना चमारी शाबर मंत्र से लाभ
- कार्य सिद्धि
- मंत्र सिद्धि
- साधना सिद्धि
- भौतिक उन्नति
- व्यापारिक उन्नति
- मान-सम्मान में वृद्धि
- पारिवारिक सुख-शांति
- शत्रु बाधा नाश
- मानसिक शांति
- आत्मबल में वृद्धि
- सुरक्षा प्राप्ति
- आध्यात्मिक जागरण
- वैवाहिक सुख
- प्रेम संबंधों में सुधार
- शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार
- गुरु कृपा प्राप्ति
- भौतिक समृद्धि
पूजा सामग्री के साथ मंत्र विधि
साधक को मंत्र जाप करते समय विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जो पूजा को प्रभावी बनाती है।
पूजा सामग्री:
- लाल वस्त्र
- सफेद फूल
- चंदन का लेप
- घी का दीपक
- धूप
- अक्षत (चावल)
- तांबे का कलश
मंत्र जप का दिन, अवधि, मुहूर्त
मंत्र जाप किसी शुभ दिन जैसे पूर्णिमा या अमावस्या को शुरू करना उत्तम माना जाता है। जाप की अवधि ११ से २१ दिनों तक होनी चाहिए और इसे सूर्योदय या सूर्यास्त के समय करना शुभ होता है।
मंत्र जप विधि
जाप संख्या: साधक को रोज ११ माला (११८८ मंत्र) का जाप करना चाहिए।
जाप की अवधि: ११ से २१ दिनों तक लगातार जाप किया जाता है।
समय: सुबह या शाम का समय उपयुक्त होता है।
मंत्र जप के नियम
- साधक की आयु २० वर्ष से ऊपर होनी चाहिए।
- स्त्री-पुरुष कोई भी इस मंत्र का जाप कर सकता है।
- नीले या काले कपड़े न पहनें।
- धूम्रपान, मद्यपान, और मांसाहार का सेवन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें।
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जप सावधानी
- मंत्र जाप के दौरान साधक को ध्यान और एकाग्रता बनाए रखनी चाहिए।
- आसन, दिशा और समय का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।
- शुद्धता का पालन करना चाहिए और किसी भी प्रकार की नकारात्मक सोच से दूर रहना चाहिए।
लोना चमारी शाबर मंत्र से संबंधित प्रश्न और उत्तर
प्रश्न 1: क्या लोना चमारी शाबर मंत्र केवल पुरुष ही कर सकते हैं?
उत्तर: नहीं, स्त्री-पुरुष कोई भी यह मंत्र कर सकता है। केवल साधना के नियमों का पालन करना आवश्यक है।
प्रश्न 2: क्या इस मंत्र का जाप किसी भी दिन किया जा सकता है?
उत्तर: मंत्र जाप शुभ दिन जैसे पूर्णिमा, अमावस्या या विशेष तिथियों पर शुरू करना उत्तम होता है।
प्रश्न 3: मंत्र जाप में किस प्रकार की सामग्री का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: लाल वस्त्र, सफेद फूल, घी का दीपक, चंदन का लेप, धूप और अक्षत का उपयोग करना चाहिए।
प्रश्न 4: मंत्र जाप के दौरान क्या वस्त्र पहनने चाहिए?
उत्तर: मंत्र जाप करते समय सफेद या लाल वस्त्र पहनने चाहिए। नीले और काले वस्त्र वर्जित होते हैं।
प्रश्न 5: क्या धूम्रपान और मद्यपान की अनुमति है?
उत्तर: नहीं, मंत्र जाप के दौरान धूम्रपान, मद्यपान और मांसाहार से दूर रहना चाहिए।
प्रश्न 6: मंत्र सिद्धि कैसे प्राप्त होती है?
उत्तर: नियमपूर्वक और श्रद्धा से मंत्र का जाप करने पर मंत्र सिद्धि प्राप्त होती है।
प्रश्न 7: क्या मंत्र जाप के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना आवश्यक है?
उत्तर: हां, ब्रह्मचर्य का पालन करना अनिवार्य है।
प्रश्न 8: जाप के लिए सबसे उपयुक्त समय क्या है?
उत्तर: सूर्योदय या सूर्यास्त का समय मंत्र जाप के लिए उत्तम होता है।
प्रश्न 9: मंत्र जाप कितने दिन तक करना चाहिए?
उत्तर: ११ से २१ दिन तक रोजाना मंत्र जाप करना चाहिए।
प्रश्न 10: क्या मंत्र जाप करते समय कोई विशेष आसन का उपयोग करना चाहिए?
उत्तर: हां, साधक को किसी शुद्ध आसन पर बैठकर जाप करना चाहिए।
प्रश्न 11: क्या इस मंत्र का उपयोग व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए किया जा सकता है?
उत्तर: हां, यह मंत्र व्यक्तिगत समस्याओं के समाधान के लिए अत्यंत प्रभावी है।
प्रश्न 12: क्या इस मंत्र से भौतिक और आध्यात्मिक दोनों लाभ मिलते हैं?
उत्तर: हां, इस मंत्र से साधक को भौतिक और आध्यात्मिक दोनों प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं।