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Lord Kartikeya Ritual: Ensure Triumph in All Areas

कार्तिकेय प्रयोग: हर क्षेत्र में विजय का रास्ता

कार्तिकेय प्रयोग एक शक्तिशाली आध्यात्मिक साधना है, जो ॐ ह्रौं स्कंदाय हुं ह्रौं फट् मंत्र के जाप से की जाती है। यह प्रयोग स्कंद पुराण के अनुसार, विघ्नों को दूर करने और हर क्षेत्र में सफलता प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध है। भगवान कार्तिकेय की इस साधना से धन, स्वास्थ्य, ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है।


7 मंगलवार: प्रयोग का महत्व

हर मंगलवार का विशेष महत्व
कार्तिकेय प्रयोग को 7 मंगलवारों तक करने से मंत्र की शक्ति दोगुनी हो जाती है। मंगलवार को शनि और मंगल ग्रहों का प्रभाव कम होता है, जिससे साधना सफल होने की संभावना बढ़ जाती है।

मंत्र जाप का सही तरीका
प्रत्येक मंगलवार को सूर्योदय से पहले उठकर, शुद्ध वस्त्र पहनकर, ॐ ह्रौं स्कंदाय हुं ह्रौं फट् मंत्र का 540 बार जाप करें। इससे मन की शांति और आत्मविश्वास बढ़ता है।


लाभ: कार्तिकेय प्रयोग से मिलने वाले फायदे

धन और समृद्धि में वृद्धि
इस प्रयोग से धन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और व्यापार में लाभ होता है।

स्वास्थ्य सुधार
नियमित जाप से शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

शत्रुओं पर विजय
यह मंत्र शत्रुओं को पराजित करने और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाने में मदद करता है।

अन्य प्रमुख लाभ

  • कर्मों में सफलता
  • ज्ञान की प्राप्ति
  • पारिवारिक समस्याओं का समाधान
  • आध्यात्मिक उन्नति
  • भय और चिंता से मुक्ति

नियम: सफल प्रयोग के लिए जरूरी बातें

शुद्धता का पालन
प्रयोग करने वाले को शारीरिक और मानसिक रूप से शुद्ध रहना चाहिए। स्नान, माला जप, और सत्विक भोजन जरूरी है।

निरंतरता का महत्व
7 मंगलवारों तक बिना रुके मंत्र जाप करना होगा। एक दिन की छूट से भी प्रयोग असफल हो सकता है।

दान और सेवा
प्रत्येक मंगलवार को गरीबों को दान देने से मंत्र की प्रभावशीलता बढ़ती है।

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मुहूर्त: सबसे शुभ समय

ब्रह्ममुहूर्त का लाभ
सूर्योदय से पहले के 48 मिनट के ब्रह्ममुहूर्त में जाप करने से मंत्र की ऊर्जा दोगुनी होती है।

शुभ मुहूर्तों की सूची

  • 1. अमावस्या का दिन
  • 2. शुक्ल पक्ष की तृतीया
  • 3. स्कंद शस्ती

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विधि: प्रयोग करने की सही प्रक्रिया

आवश्यक सामग्री

  • रुद्राक्ष की माला
  • चंदन का तिलक
  • दीपक और धूप
  • शंख और घंटा

चरण-दर-चरण प्रक्रिया

  1. स्नान करके शुद्ध वस्त्र पहनें।
  2. भगवान कार्तिकेय की मूर्ति या फोटो को पूजा स्थल पर स्थापित करें।
  3. चंदन और रोली से तिलक लगाएं।
  4. मंत्र का 540 बार जाप करें।
  5. अंत में आहुति देकर प्रसाद बांटें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1: क्या महिलाएं भी इस प्रयोग कर सकती हैं?
हां, यह प्रयोग सभी लिंग और आयु के लोगों के लिए लाभदायक है।

Q2: मंत्र जाप के लिए किस माला का उपयोग करें?
रुद्राक्ष या स्फटिक की माला सबसे उपयुक्त है।

Q3: क्या इस प्रयोग के दौरान भोजन पर प्रतिबंध है?
हां, निरामिष भोजन और सत्विक आहार का पालन करना चाहिए।

Q4: क्या प्रयोग को दोहराया जा सकता है?
हां, वर्ष में एक बार इसे दोहराने से लाभ बनाए रखा जा सकता है।

Q5: मंत्र सिद्धि के लिए कितने दिन लगते हैं?
नियमित रूप से 7 मंगलवारों में ही मंत्र सिद्धि का अनुभव होने लगता है।

Q6: क्या इस प्रयोग से नौकरी में सफलता मिलती है?
हां, इससे कर्मस्थल में सम्मान और पदोन्नति की संभावना बढ़ती है।

Q7: क्या दुर्भाग्य को दूर करने में यह मदद करता है?
हां, यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करके भाग्य को सकारात्मक बनाता है।

Q8: क्या इस प्रयोग के लिए गुरु की आवश्यकता है?
नहीं, लेकिन शुरुआत में किसी अनुभवी व्यक्ति से मार्गदर्शन लेना बेहतर है।


अंत में
कार्तिकेय प्रयोग एक सरल लेकिन प्रभावी साधना है, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता और समृद्धि लाती है। नियमों का पालन करते हुए इसे निरंतर करने से आपके जीवन में नई ऊर्जा का संचार होगा।

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