चंद्रमा के चरणों का रहस्य और समृद्धि आकर्षण का अनुष्ठान
Lunar Phase Ritual प्राचीन समय से ही चंद्रमा को मनुष्य की भावनाओं, ऊर्जा और जीवन की धारा से जोड़ा गया है। ऋषि-मुनियों ने माना कि चंद्रमा के अलग-अलग चरण जीवन के अलग-अलग पहलुओं को प्रभावित करते हैं। जब हम इन चरणों के अनुरूप साधना, मंत्र जाप और अनुष्ठान करते हैं तो हमारी ऊर्जा प्रकृति की धारा से जुड़ जाती है। इसी जुड़ाव से धन, सुख और समृद्धि को आकर्षित करना आसान हो जाता है।
DivyayogAshram इस लेख में आपको बताएगा कि चंद्रमा के हर चरण में abundance attraction (समृद्धि आकर्षण) कैसे संभव है। यह मार्गदर्शन न केवल आध्यात्मिक है बल्कि व्यावहारिक भी है।
चंद्रमा और हमारी ऊर्जा का संबंध
- चंद्रमा का बढ़ता और घटता रूप हमारे मन और भावनाओं पर गहरा असर डालता है।
- बढ़ते चंद्रमा (शुक्ल पक्ष) को नई शुरुआत, वृद्धि और आकर्षण का प्रतीक माना गया है।
- घटते चंद्रमा (कृष्ण पक्ष) को शुद्धिकरण, त्याग और नकारात्मकता से मुक्ति का समय समझा गया है।
- पूर्णिमा का दिन शक्ति, समृद्धि और इच्छा पूर्ति का सर्वोत्तम समय है।
समृद्धि आकर्षण के लिये सही चरण चुनना
- अमावस्या – नई शुरुआत का समय। यहाँ संकल्प लिया जाता है।
- शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से दशमी तक – योजनाओं को बढ़ाने और ऊर्जा को पोषित करने का सर्वोत्तम समय।
- पूर्णिमा – इच्छाओं की पूर्ति और abundance attraction का शिखर बिंदु।
- कृष्ण पक्ष – नकारात्मकता से मुक्ति, बाधाओं को हटाने और मन को शुद्ध करने का समय।
Lunar Phase Ritual – Step by Step Vidhi
1. तैयारी
- एक साफ-सुथरी जगह चुनें जहाँ शांति हो।
- पीतल या तांबे का कलश रखें जिसमें गंगाजल, तुलसी पत्ता और चावल डालें।
- पास में दीपक, धूप और फूल रखें।
2. संकल्प
- अपने हृदय में abundance और धन की भावना को जगाएँ।
- बोलें: “मैं चंद्रमा की ऊर्जा के माध्यम से अपने जीवन में समृद्धि आकर्षित करता हूँ।”
3. मंत्र जाप
पूर्णिमा या शुक्ल पक्ष में यह मंत्र 108 बार जपें:
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं चन्द्राय नमः
यह मंत्र मन को स्थिर कर abundance energy को आकर्षित करता है।
4. Visualization (कल्पना)
- आँखें बंद करें और कल्पना करें कि चंद्रमा की उज्ज्वल किरणें आपके ऊपर बरस रही हैं।
- यह ऊर्जा आपके घर, परिवार और जीवन को भर रही है।
- अपने आप को पहले से ही धन, समृद्धि और शांति से भरा हुआ अनुभव करें।
5. आभार (Gratitude)
- अंत में चंद्रमा को धन्यवाद दें।
- दीपक और धूप अर्पित करें।
Ritual के विशेष नियम
- अनुष्ठान हमेशा स्वच्छ मन और पवित्र भावना से करें।
- काले विचार, क्रोध या ईर्ष्या से दूर रहें।
- रात को चंद्रमा की ओर देखकर मंत्र जाप करना सबसे प्रभावी माना जाता है।
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DivyayogAshram द्वारा सुझाए गये लाभ
- मन की शांति और स्पष्टता
- आत्मविश्वास और सकारात्मक सोच
- व्यवसाय में वृद्धि
- अचानक धन प्राप्ति
- रिश्तों में सौहार्द
- घर-परिवार में सुख-शांति
- आत्मबल और इच्छाशक्ति की मजबूती
- मनोकामना पूर्ति
- बाधाओं से मुक्ति
- आध्यात्मिक उन्नति
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. क्या यह अनुष्ठान केवल पूर्णिमा को ही किया जा सकता है?
नहीं, आप इसे अमावस्या और शुक्ल पक्ष के अन्य दिनों में भी कर सकते हैं।
प्रश्न 2. कितने दिनों तक यह साधना करनी चाहिए?
कम से कम 11 दिनों तक नियमित करने से परिणाम दिखने लगते हैं।
प्रश्न 3. क्या बिना गुरु के यह अनुष्ठान करना सुरक्षित है?
हाँ, यदि आप नियमों का पालन करते हैं तो यह सुरक्षित और सरल है।
प्रश्न 4. क्या मंत्र जाप ज़रूरी है?
हाँ, मंत्र जाप से मन और ऊर्जा एकाग्र होती है और परिणाम जल्दी मिलता है।
प्रश्न 5. क्या इसे घर में किया जा सकता है?
जी हाँ, घर के पूजा स्थल या किसी शांत जगह पर यह साधना की जा सकती है।
चंद्रमा के चरण हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं। जब हम इन चरणों के अनुरूप साधना करते हैं तो abundance energy स्वतः हमारे जीवन में प्रवाहित होती है। DivyayogAshram का यह अनुष्ठान आपको न केवल धन और समृद्धि देगा बल्कि आत्मबल और आत्मविश्वास भी प्रदान करेगा।