24 घंटे में मनचाहा रिजल्ट! पीले सरसों का तांत्रिक उपाय – DivyayogAshram
Magical Mustard Remedy भारतीय तंत्र-विद्या में पीले सरसों को अत्यंत शक्तिशाली और पवित्र माध्यम माना गया है। इसे केवल रसोई की सामग्री या मसाले के रूप में न देखें, बल्कि यह अदृश्य शक्तियों को आकर्षित करने वाला दिव्य तांत्रिक साधन है। पुराने ग्रंथों में उल्लेख है कि पीले सरसों के प्रयोग से शत्रु नाश, नजर दोष निवारण, धन-आकर्षण, विवाद समाधान और रोग मुक्ति जैसे चमत्कारी परिणाम तुरंत प्राप्त होते हैं।
DivyayogAshram
DivyayogAshram में हम प्राचीन परंपराओं को आधुनिक जीवन से जोड़ते हैं। इसी क्रम में आज हम आपको बताएँगे 24 घंटे में फल देने वाला पीले सरसों का तांत्रिक प्रयोग। यह प्रयोग सरल है, लेकिन इसमें शुद्धता, सही मंत्र-जप, और निर्धारित मुहूर्त का विशेष महत्व है। यदि साधक सच्चे मन से विधि को अपनाए तो शीघ्र ही उसे मनचाहा परिणाम मिलता है।
यह उपाय गृहस्थ जीवन के लिए विशेष उपयोगी है क्योंकि इसमें किसी कठिन साधना की आवश्यकता नहीं होती। केवल श्रद्धा, मंत्र और नियम का पालन करना पर्याप्त है। आइए अब जानते हैं मंत्र, विधि, मुहूर्त, नियम और इसके अद्भुत लाभ।
प्रयोग का मंत्र
यह मंत्र पीले सरसों की शक्ति को जागृत करता है और साधक की ऊर्जा को तुरंत सक्रिय कर देता है।
विधि (Step by Step)
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बुधवार या गुरुवार को स्नान कर स्वच्छ पीले वस्त्र पहनें।
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अपने घर के पूजा स्थल में पीले आसन पर बैठें।
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तांबे या मिट्टी की थाली में 108 दाने पीले सरसों के रखें।
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थाली के बीच में एक दीपक जलाएँ और उसके चारों ओर सरसों के दाने रखें।
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ऊपर दिए गए मंत्र का कम से कम 108 बार जप करें।
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जप पूर्ण होने पर सरसों के कुछ दाने सिर पर फेरें और घर के चारों कोनों में छिड़क दें।
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शेष दाने घर से बाहर किसी चौराहे या पीपल वृक्ष के नीचे छोड़ दें।
शुभ मुहूर्त
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सबसे उत्तम समय: बुधवार, गुरुवार या शनिवार की रात 9 से 11 बजे।
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विशेष अवसर: अमावस्या, पूर्णिमा या किसी शुभ तिथि पर यह प्रयोग और अधिक प्रभावी होता है।
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पालन करने योग्य नियम
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प्रयोग से पहले स्नान करें और शुद्ध वस्त्र पहनें।
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प्रयोग के समय मन को स्थिर रखें और किसी से बातचीत न करें।
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प्रयोग केवल एकांत और शांत स्थान पर करें।
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सरसों के दाने ताजे और बिना टूटे होने चाहिए।
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प्रयोग के दौरान नकारात्मक विचारों से दूर रहें।
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जप गिनने के लिए रुद्राक्ष या पीली चंदन की माला का उपयोग करें।
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प्रयोग पूर्ण होने पर भगवान भैरव या कुल-देवी को प्रणाम अवश्य करें।
प्रमुख लाभ
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शत्रु से तुरंत रक्षा।
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घर में शांति और सौहार्द।
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रोगों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ।
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नजर दोष और बुरी ऊर्जा का निवारण।
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व्यापार और नौकरी में वृद्धि।
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धन-आकर्षण और आर्थिक लाभ।
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कोर्ट केस और विवादों में विजय।
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परिवार में कलह-क्लेश दूर होना।
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संतान सुख और परिवार की रक्षा।
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मानसिक शांति और आत्मबल की वृद्धि।
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अचानक आने वाले संकटों से बचाव।
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रिश्तों में मिठास और प्रेम की स्थिरता।
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घर में शुभ ऊर्जा और सकारात्मकता।
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आध्यात्मिक शक्ति का जागरण।
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साधक के आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि।
सामान्य प्रश्नोत्तर
1. क्या यह प्रयोग हर कोई कर सकता है?
हाँ, गृहस्थ साधक भी इसे कर सकते हैं, बस नियमों का पालन आवश्यक है।
2. क्या इसे रोज़ाना करना चाहिए?
नहीं, आवश्यकता अनुसार ही करें। अधिकतर मामलों में एक बार पर्याप्त है।
3. क्या सरसों को कहीं विशेष स्थान पर फेंकना जरूरी है?
हाँ, चौराहे या पीपल वृक्ष के नीचे छोड़ना सर्वोत्तम माना जाता है।
4. अगर मुहूर्त न मिले तो क्या करें?
साधारण दिनों में रात 9 से 11 बजे करना भी प्रभावी है।
5. क्या मंत्र जप बिना माला के किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन रुद्राक्ष या चंदन की माला उपयोग करने से प्रभाव अधिक होता है।
6. कितने दिनों में परिणाम मिलेगा?
अधिकतर मामलों में 24 घंटे के भीतर परिणाम दिखने लगता है।
7. क्या इसे दूसरों के लिए भी किया जा सकता है?
हाँ, लेकिन पहले अनुमति लें और उनके नाम का संकल्प करके करें।
अंत मे
पीले सरसों का यह तांत्रिक उपाय सरल होते हुए भी अत्यंत प्रभावशाली है। केवल 24 घंटे में साधक को मनचाहा परिणाम मिल सकता है, बशर्ते वह पूर्ण श्रद्धा, नियम और सही विधि का पालन करे। DivyayogAshram का उद्देश्य है कि ऐसे प्राचीन और सिद्ध प्रयोग आज के गृहस्थ साधकों तक पहुँचें ताकि वे जीवन की समस्याओं का सरल समाधान पा सकें और साथ ही आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर सकें।