Buy now

spot_img
spot_img

Mool Nakshatra- Nature, Zodiac Sign & Mantra

मूल नक्षत्र भारतीय ज्योतिष के 27 नक्षत्रों में से एक महत्वपूर्ण नक्षत्र है। यह धनु राशि में स्थित होता है और इसका प्रतीक जड़ (root) या बंधन (tie) है। मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है, जो अप्रत्याशितता, मोक्ष और रहस्य का प्रतीक है। इसके देवता निरृति हैं, जो विनाश और परिवर्तन की देवी मानी जाती हैं।

ग्रह और राशि

मूल नक्षत्र का स्वामी ग्रह केतु है, जो इसे गूढ़ता, आध्यात्मिकता और अप्रत्याशितता के गुण प्रदान करता है। यह नक्षत्र धनु राशि में स्थित होता है, जिसकी राशि का स्वामी बृहस्पति (गुरु) है। इस प्रकार, मूल नक्षत्र के लोगों में केतु और बृहस्पति दोनों ग्रहों का प्रभाव देखा जा सकता है। केतु का प्रभाव इन्हें गूढ़ और आध्यात्मिक बनाता है, जबकि बृहस्पति का प्रभाव इन्हें ज्ञान और न्यायप्रियता प्रदान करता है।

अक्षर और मंत्र

मूल नक्षत्र के अंतर्गत आने वाले नामों के प्रारंभिक अक्षर “ये,” “यो,” “भा,” और “भी” होते हैं। इन अक्षरों से शुरू होने वाले नाम मूल नक्षत्र के लोगों के लिए शुभ माने जाते हैं। मूल नक्षत्र का मंत्र “ॐ निरृतये नमः” है, जो देवता निरृति को समर्पित है। इस मंत्र का जाप करने से मूल नक्षत्र के लोगों को मानसिक शांति, आत्मविश्वास और शक्ति प्राप्त होती है।

व्यक्तियों का स्वभाव

  1. गूढ़ता और आध्यात्मिकता: मूल नक्षत्र के लोग गूढ़ और आध्यात्मिक होते हैं। वे अपने जीवन में गूढ़ रहस्यों और आध्यात्मिकता को महत्व देते हैं और अपने आत्म-ज्ञान की खोज में रहते हैं।
  2. अप्रत्याशितता और परिवर्तन: ये लोग अप्रत्याशितता और परिवर्तनशीलता के गुण रखते हैं। वे जीवन में अचानक परिवर्तन का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं और बदलाव को स्वीकार करते हैं।
  3. ज्ञान और न्यायप्रियता: मूल नक्षत्र के लोग ज्ञान और न्यायप्रिय होते हैं। वे ज्ञान की खोज में लगे रहते हैं और अपने निर्णयों में न्याय और सत्य का पालन करते हैं।
  4. स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता: ये लोग स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं। वे अपने जीवन के प्रत्येक पहलू को स्वयं संभालते हैं और किसी भी प्रकार की निर्भरता से बचते हैं।
  5. विनाश और पुनर्निर्माण: मूल नक्षत्र के लोग विनाश और पुनर्निर्माण की प्रवृत्ति रखते हैं। वे पुराने और अप्रासंगिक चीजों को छोड़कर नए और महत्वपूर्ण चीजों को अपनाने में विश्वास रखते हैं।

मूल नक्षत्र वाले व्यक्तियों की खासियत

  1. गूढ़ता और आध्यात्मिकता: इनकी गूढ़ता और आध्यात्मिकता अद्वितीय होती है। वे अपने जीवन में गूढ़ रहस्यों और आध्यात्मिकता को महत्व देते हैं और अपने आत्म-ज्ञान की खोज में रहते हैं।
  2. अप्रत्याशितता और परिवर्तन: मूल नक्षत्र के लोग अप्रत्याशितता और परिवर्तनशीलता के गुण रखते हैं। वे जीवन में अचानक परिवर्तन का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं और बदलाव को स्वीकार करते हैं।
  3. ज्ञान और न्यायप्रियता: ये लोग ज्ञान और न्यायप्रिय होते हैं। वे ज्ञान की खोज में लगे रहते हैं और अपने निर्णयों में न्याय और सत्य का पालन करते हैं।
  4. स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता: मूल नक्षत्र के लोग स्वतंत्र और आत्मनिर्भर होते हैं। वे अपने जीवन के प्रत्येक पहलू को स्वयं संभालते हैं और किसी भी प्रकार की निर्भरता से बचते हैं।
  5. विनाश और पुनर्निर्माण: मूल नक्षत्र के लोग विनाश और पुनर्निर्माण की प्रवृत्ति रखते हैं। वे पुराने और अप्रासंगिक चीजों को छोड़कर नए और महत्वपूर्ण चीजों को अपनाने में विश्वास रखते हैं।

Learn kamakhya sadhana

मूल नक्षत्र वाले व्यक्तियों को अपने में क्या बदलाव लाना चाहिए

हालांकि मूल नक्षत्र के लोग बहुत सारी सकारात्मक विशेषताओं से भरे होते हैं, फिर भी उन्हें कुछ क्षेत्रों में सुधार की आवश्यकता हो सकती है। निम्नलिखित सुझाव उनके व्यक्तित्व को और भी मजबूत और प्रभावशाली बना सकते हैं:

  1. अति-गूढ़ता से बचें: मूल नक्षत्र के लोग कभी-कभी अति-गूढ़ हो सकते हैं, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है। उन्हें अपने जीवन में थोड़ी हल्कापन और खुशमिजाजी को अपनाने की आवश्यकता है।
  2. लचीलापन और समायोजन: इन्हें अपने विचारों और दृष्टिकोण में लचीलापन अपनाने की आवश्यकता है। यह उन्हें बदलती परिस्थितियों के साथ बेहतर ढंग से तालमेल बैठाने में मदद करेगा।
  3. सामाजिकता को बढ़ावा दें: इन्हें अपनी सामाजिकता को बढ़ावा देने और नए मित्र बनाने की आवश्यकता है। यह उनके सामाजिक संबंधों को मजबूत करेगा और उन्हें नई संभावनाओं को पहचानने में मदद करेगा।
  4. स्वास्थ्य का ध्यान: इन्हें अपने स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखना चाहिए। नियमित व्यायाम, सही खानपान और पर्याप्त नींद का पालन करना उनके लिए महत्वपूर्ण है।
  5. धैर्य और संयम: इन्हें अपने धैर्य और संयम को और बढ़ाने की आवश्यकता है ताकि वे कठिन परिस्थितियों का सामना और भी बेहतर ढंग से कर सकें।
  6. आत्म-विश्वास को बढ़ाना: इन्हें अपने आत्म-विश्वास को बढ़ाने और अपने कौशल और क्षमताओं पर विश्वास करने की आवश्यकता है। यह उनके जीवन में सकारात्मकता और सफलता को बढ़ावा देगा।
  7. अप्रत्याशितता से बचें: मूल नक्षत्र के लोग कभी-कभी अति-अप्रत्याशित हो सकते हैं, जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है। उन्हें अपने जीवन में स्थिरता और स्थायित्व को महत्व देने की आवश्यकता है।

Mantra sadhana store

अंत मे

मूल नक्षत्र के लोग विशिष्ट और प्रभावशाली गुणों से भरे होते हैं। उनकी गूढ़ता और आध्यात्मिकता, अप्रत्याशितता और परिवर्तनशीलता, ज्ञान और न्यायप्रियता, स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता, और विनाश और पुनर्निर्माण की प्रवृत्ति उन्हें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता दिलाते हैं। हालांकि, उन्हें अति-गूढ़ता से बचने, लचीलापन और समायोजन अपनाने, सामाजिकता को बढ़ावा देने, स्वास्थ्य का ध्यान रखने, धैर्य और संयम को बढ़ाने, आत्म-विश्वास को बढ़ाने और अप्रत्याशितता से बचने की आवश्यकता है। इन सुधारों के साथ, मूल नक्षत्र के लोग अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं और अपने सभी लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।

BOOK HOLIKA PUJAN ON 13 MARCH 2025 (ONLINE/ OFFLINE)

Please enable JavaScript in your browser to complete this form.
Choose Pujan Option
spot_img
spot_img

Related Articles

65,000FansLike
500FollowersFollow
782,534SubscribersSubscribe
spot_img
spot_img

Latest Articles

spot_img
spot_img
Select your currency